सब्जी की खेती से मिल रहा अच्छा लाभ
सब्जी की खेती से मिल रहा अच्छा लाभ भटौली के किसान हो रहे मालामाल प्रतिनिधि, रामगढ़ (कैमूर) स्थानीय पनसेरवा पुल स्थित दुर्गावती नदी के किनारे बड़े पैमाने पर किसानों द्वारा सब्जी की खेती की गयी है. किसानों द्वारा की गयी सब्जी की खेती की चर्चा दूर-दूर तक हो रही है. औसत लागत से तीन गुना […]
सब्जी की खेती से मिल रहा अच्छा लाभ भटौली के किसान हो रहे मालामाल प्रतिनिधि, रामगढ़ (कैमूर) स्थानीय पनसेरवा पुल स्थित दुर्गावती नदी के किनारे बड़े पैमाने पर किसानों द्वारा सब्जी की खेती की गयी है. किसानों द्वारा की गयी सब्जी की खेती की चर्चा दूर-दूर तक हो रही है. औसत लागत से तीन गुना मुनाफा होने से यह उपज किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. नदी किनारे सैकड़ों एकड़ फैले भू-भाग में जहां तक नजर जायेगी हरियाली ही नजर आयेगी.मिश्रित सब्जी की खेती बनी संजीवनी किसानों मिट्टी की उर्वरता को बरकरार रखने को लेकर मिश्रित सब्जी की खेती करना ही बेहतर समझ रहे हैं. कई किसानों ने खेतों में क्यारी जैसा बना कर गोभी, टमाटर, पालक व बैंगन आदि की खेती की हैं. ऐसी खेती किसानों के लिए मुनाफा बन गयी है. मालगुजारी पर लिया है खेत दुर्गावती नदी के किनारे किसानों द्वारा मालगुजारी पर लेकर खेती की जाती है. ऐसे कार्य के लिए भटौली गांव के किसान अपनी उपज खर्च लगाने के बाद एक वर्ष में चार से पांच हजार रुपये बिगहा देना होता है. बाहर भी जाती हैं यहां की सब्जियां यहां बड़े पैमाने पर सब्जी की उपज को देख किसान उत्तर प्रदेश के गाजीपुर,जमनिया,चंदौली के साथ पड़ोसी जिला रोहतास भी भेजी जाती हैं. ऐसे जगहों से आये व्यापारियों से इन किसानों को अच्छा लाभ मिलता है.संसाधनों की खल रही कमी भटौली के लक्ष्मण चौधरी ने 30 बिगहा, परशुराम यादव ने पांच बिगहा, सरयू चौधरी ने 10 बिगहा, दाढ़ी बिंद ने पांच बिगहा आदि कई किसानों ने मालगुजारी पर खेती लेकर की है. लेकिन, इन किसानों को सरकार से मिलनेवाली कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. क्या कहते हैं किसान किसान संजय पासवान कहते हैं कि मालगुजारी पर खेती करनेवाले किसान उपेक्षा का शिकार हैं. लागत लगाने के बाद अगर फसलें मारी जाती है, तो ऐसी स्थिति में घाटे का सौदा हो जाता है. किसान सुखराम मल्लाह बताते हैं कि सरकार व कृषि विभाग के अधिकारियों को मालगुजारी वाले किसानों पर भी ध्यान देना चाहिए. फसल न मारी जाय इसके लिये डीजल से पटवन करते हैं. नतीजन डीजल अनुदान का लाभ भू-मालिक को ही मिलता है. फोटो:-7.खेत में सब्जी को देखता किसान 8.संजय पासवान, सुखराम मल्लाह