मकर संक्रांति की धूम, स्नान-दान आज

मकर संक्रांति की धूम, स्नान-दान आज फ्लैग…पर्व. अखलासपुर में लगे मेले मे उमड़ी भीड़, खूब उठाया लुत्फआज स्नानदान के साथ मनायी जायेगी मकर संक्रांति प्रतिनिधि, भभुआ (सदर) भले ही ग्रह-नक्षत्र मकर संक्रांति का पर्व शुक्रवार को बता रहे हो, लेकिन सदियों से 14 जनवरी को खिचड़ी मनाये जाने की परंपरा यथावत कायम रही और लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2016 6:57 PM

मकर संक्रांति की धूम, स्नान-दान आज फ्लैग…पर्व. अखलासपुर में लगे मेले मे उमड़ी भीड़, खूब उठाया लुत्फआज स्नानदान के साथ मनायी जायेगी मकर संक्रांति प्रतिनिधि, भभुआ (सदर) भले ही ग्रह-नक्षत्र मकर संक्रांति का पर्व शुक्रवार को बता रहे हो, लेकिन सदियों से 14 जनवरी को खिचड़ी मनाये जाने की परंपरा यथावत कायम रही और लोगों व बच्चों ने मकर संक्रांति के पर्व का लुत्फ उठाते हुए अखलासपुर पोखरे पर लगनेवाले मेले का गुरुवार को जम कर आनंद उठाया. शहर और आसपास के लोगों व बच्चों ने मेले में जम कर खरीदारी की. मेले में बच्चों ने झूला चरखी इत्यादि की सवारी करते हुए अपने मनपसंद खिलौने खरीदे. बड़ों ने भी मेले में ओखली सिलवट, चकरी व लाठी आदि की खरीद की. आम तौर पर 14 जनवरी को मनाया जानेवाला मकर संक्रांति यानी खिचड़ी का त्योहार रस्मो व ग्रहों की चाल में परिवर्तन के चलते 15 जनवरी यानी आज मनाया जायेगा. संक्रांति का पर्व मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के अवसर पर होता है. पंचांगों के अनुसार, मकर में सूर्य का प्रवेश 14-15 जनवरी की मध्य रात्रि दो बज कर 42 मिनट पर होगा. इस स्थिति में सूर्योदय के समय संक्रांति रहेगी और उसी समय को पुण्यकाल माना जायेगा. बच्चों मस्ती में, तो बड़े रहे खरीदारी में व्यस्त अखलासपुर पोखरे पर लगे मेले में बच्चों ने जहां चाट पकौड़ो खा कर खूब चरखी व झूले पर मस्ती की, तो बड़े भी इस दौरान बच्चों के साथ खरीदारी में व्यस्त रहे. गुरुवार को मेले में चाट पकौड़ी व खिलौनों की बिक्री खूब रही. कुछ स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बड़े व युवकों को मनोरंजन करते देखा गया वहीं कुछ शौकीनों ने बाहर के व्यापारियों द्वारा लगाये गये सील-लोढ़े व हाथ चक्की की खरीद की. मेले में उमड़ी भीड़ को देखते हुए समय समय पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को भ्रमण करते हुए सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते देखा गया. गंगा में डुबकी लगाने वाराणसी गये लोगमकर संक्रांति पर नदियों सरोवरों में स्नान करने व उसके बाद दान आदि की परंपरा सदियों से चलती आ रही है. गुरुवार को इसी परंपरा का निर्वहन करने और गंगा में डुबकी लगाने काफी संख्या में महिला व पुरुष वाराणसी निकल पड़े. गुरुवार को बस से काशी दर्शन व गंगा स्नान को निकले शंभु शर्मा व लाल बाबू चौधरी ने बताया कि वह सभी पिछले कई वर्षों से इस दिन गंगा में डुबकी लगाने जाते हैं. शहर के अजय सिंह, मंटू व प्रभात आदि का कहना था कि वह रात में रिजर्व किये वाहन से वाराणसी निकलेंगे और सुबह गंगातट पर स्नानदान के बाद सपरिवार घर आ कर मकर संक्रांति मनायेंगे.भेड़ों की लड़ाई बनी आकर्षण का केंद्रअखलासपुर मेले में भेड़ों की लड़ाई का गजब आकर्षण रहता है. लोग मेला देखने के साथ साथ भेड़ों की लड़ाई को देखने के लिए भी काफी लालायित रहते हैं. गुरुवार को मेले में भेड़ों की लड़ाई देखने के लिए पहुंचे. अपने भेड़ के साथ आये सिकरा के शशि कुमार व पहड़ियां गांव के शशिकांत ने बताया कि इस मेले में होती आ रही भेड़ों की लड़ाई के लिए भेड़ों को साल भर खिला कर मजबूत व ताकतवर बनाते हैं. फोटो. 4. मेले में ठेले पर बैठ कर जाते सपरिवार ..5. अखलासपुर स्थित मेले का फोटो6. मेले में आपस में जुझते भेड़े 7. मेले में खूब बिकी लाठियां

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