बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा गहरा असर !
मोहनिया(नगर) : दुर्गावती प्रखंड एक औद्योगिक क्षेत्र के नाम से भी जाना जाने लगा है. इस प्रखंड में लग रहे बड़े-बड़े प्लांट में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई भी उपाय नहीं किया जा रहे हैं, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. लगायी जा रही फैक्टरियों में आम लोगों की सुविधाओं का जरा भी […]
मोहनिया(नगर) : दुर्गावती प्रखंड एक औद्योगिक क्षेत्र के नाम से भी जाना जाने लगा है. इस प्रखंड में लग रहे बड़े-बड़े प्लांट में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई भी उपाय नहीं किया जा रहे हैं, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. लगायी जा रही फैक्टरियों में आम लोगों की सुविधाओं का जरा भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है. चाहे वह वनस्पति फैक्टरी हो या सीमेंट फैक्टरी. ऐसा ही कुछ नजारा एनएच-दो से सटे रुचि सोया फैक्टरी से निकल रहे धुएं के साथ कचरे से पास में ही स्थित सेंट जोंस स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
विद्यालय में पढ़ाई कर रहे बच्चों का कहना है कि हम लोग जब भी क्लास से बाहर निकलते हैं, तो आंखों में धूल के कण पड़ जाते हैं. आंख मलते-मलते ऐसी स्थिति हो जाती है कि तीन-चार दिन पढ़ाई बाधित हो जाती है. खाना बनाने वाली रसोइया तो कहती हैं कि खाना बनाते समय अगर खाना ढक कर नहीं बनाया जायेगा, तो उसमें भी बहुत गंदगी पड़ जाती है. बच्चे कहते हैं कि खाना खाने के लिए बैठते हैं तो खाने में काफी गंदगी पड़ जाती है. कपड़े धोकर सूखने के लिए रखा जाता है, लेकिन वह भी गंदा हो जाता है. स्कूल के प्रधानाचार्य बताते हैं कि इस मामले में हमने डीएम को भी पत्र दिया था.
लेकिन, कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है. बच्चों का पढ़ना-लिखना भी मुश्किल हो गया है. इस मामले को लेकर हमने कई बार बच्चों के साथ फैक्टरी के सामने धरना भी दिया है. लेकिन, फैक्टरी के कर्मचारियों द्वारा सिर्फ आश्वासन ही मिला. सबसे बड़ी मुश्किल तब होती है, जब बच्चों की आंख में पड़ते हैं फैक्टरी के चिमनी से निकलने वाले धुएं के साथ छोटे-छोटे कण पड़ते हैं. हमारे विद्यालय में करीब 500 बच्चे हैं.
कुछ बच्चों के माता-पिता इसी समस्या की वजह से विद्यालय में नामांकन करवाने से कतरा रहे हैं. हमारी इस मामले को लेकर रुचि सोया फैक्टरी के मैनेजर से भी बात हुई, तो उनके द्वारा भी सिर्फ आश्वासन ही मिला.