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इमरजेंसी में जाने के लिए पास जरूरी

डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने मंगलवार को सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल की साफ-सफाई व कार्यालय की दुर्दशा पर काफी नाराजगी जतायी. उन्होंने सीएस व डीएस से 15 दिनों के अंदर व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश दिया. भभुआ (सदर) : मंगलवार को दोपहर 1:55 बजे डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने […]

डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने मंगलवार को सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल की साफ-सफाई व कार्यालय की दुर्दशा पर काफी नाराजगी जतायी. उन्होंने सीएस व डीएस से 15 दिनों के अंदर व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश दिया.
भभुआ (सदर) : मंगलवार को दोपहर 1:55 बजे डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. सर्वप्रथम डीएम अस्पताल परिसर में स्थित सीएस कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे, तो वहां स्थित सभा कक्ष को सुंदर बनाने व उसे बेहतर करने का निर्देश दिया. इस दौरान डीएम ने वहां अकाउंटेंट के कमरे व शौचालयों की बदतर स्थिति पर काफी नाराज दिखे. उन्होंने सीएस को तत्काल व्यवस्था में सुधार करने को कहा. इस दौरान सीएस कार्यालय में मौजूद अकाउंटेंट को कमरा गंदा रखने पर डॉट लगाते हुए सुधरने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर सस्पेंड किया जायेगा. डीएम ने सदर अस्पताल में मंगलवार को अपने तीन घंटे के निरीक्षण के दौरान टीवी विभाग, आपातकालीन कक्ष, ओपीडी, लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, भर्ती कक्ष, फीजियोथेरेपी विभाग, एसएनसीयू सहित अन्य विभागों का निरीक्षण कर मौमा मुआयना किया. इस दौरान अस्पताल के नोडल पदाधिकारी केके उपाध्याय, ओएसडी रवींद्र कुमार, सिविल सर्जन डॉ केबीपी सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ विवेक कुमार सिंह, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ प्रह्लाद सिंह सहित अनेक स्वास्थ्य पदाधिकारी मौजूद रहे.
सीएस कार्यालय के निरीक्षण के बाद डीएम जिला यक्ष्मा केंद्र में पहुंचे वहां डॉक्टर और कर्मयों को बेहतर टेबल कुर्सी नहीं रहने पर नाराजगी व्यक्त की और तत्काल सीएस को यक्ष्मा केंद्र के लिए टेबल कुर्सी क्रय कर देने का निर्देश दिया. इस दौरान डीएम ने करीब घंटे भर यक्ष्मा केंद्र में मौजूद रह कर टीबी के इलाज और दवा संबंधी जानकारियां ली.
डीएम ने 15 दिन पूर्व यक्ष्मा केंद्र का रंग रोगन किये जाने के बावजूद वहां चूने की गंदगी फर्श पर देख भड़क उठे और तत्काल सीएस को कार्य करा रहे संवेदक की राशि रोकने का निर्देश दिया. डीएम ने यक्ष्मा केंद्र के जिला प्रभारी डॉ अनिल सिंह को सूचना पट्ट पर दवा की उपलब्धता बताते हुए प्रतिदिन का रिपोर्ट लगाने का निर्देश दिया. इसके बाद डीएम स्थापना विभाग में पहुंचे और वहां की वस्तु स्थिति जानी. उक्त कक्ष में पदस्थापित महिला कर्मचारियों को डीएम ने महिला दिवस पर शुभकामना प्रकट करते हुए उन्हें कार्य क्षेत्र में हो रही कठिनाइयों को जाना. डीएम ने इस दौरान उसी कक्ष में चल रहे मलेरिया विभाग के कर्मियों से भी जिले में मलेरिया विभाग द्वारा कराये जा रहे छिड़काव को जाना और उन्हें और बेहतर करते रहने का निर्देश दिया.
अस्पताल मैनेजर का पूछा काम
सीएस कार्यालय व यक्ष्मा केंद्र का निरीक्षण कर डीएम मुख्य भवन में बने आपातकालीन कक्ष का निरीक्षण करने निकल पड़े. वहां कहीं भी परदे नहीं लगे होने, ओटी स्टैंड पर गंदे परदे लगे होने आदि देख डीएम एकबारगी पुन: भड़क उठे व तत्काल अस्पताल मैनेजर को तलब कर उनका काम पूछा. डीएम द्वारा पूछे गये सवाल पर जब अस्पताल मैनेजर को जवाब नहीं सुझा, तो डीएम एक बार फिर नाराज होते हुए सीएस को अस्पताल मैनेजर को हटाने के लिए प्रस्ताव बना कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इस दौरान आपातकालीन कक्ष में तैनात कर्मियों का ड्यूटी रोस्टर मांगाते हुए वहां तैनात कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की.
मुख्य द्वारा पर गार्ड की तैनाती का निर्देश : सदर अस्पताल के निरीक्षण के दौरान डीएम ने अस्पताल अधिकारियों को निर्देश दिया कि अब से मरीजों के साथ रहे परिजनों या अटेंडेंट को पास निर्गत करें, ताकि बाहरी लोगों के अस्पताल में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लग सके. इसके अलावा डीएम ने अस्पताल के बड़े मुख्य द्वार को जरूरत के हिसाब से ही खोलने व बंद करने का निर्देश दिया. उन्होंने पैदल प्रवेश के लिए छोटा मुख्य द्वार खुला रखने और वहां गार्ड की तैनाती करने का निर्देश देते हुए एक सप्ताह में हर संभव बदलाव करने को कहा.
एसएनसीयू व ऑपरेशन थियेटर को बताया बेहतर
डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने निरीक्षण के दौरान एसएनसीयू व ऑपरेशन थियेटर की व्यवस्था को काफी बेहतर बताया और ऑपरेशन थियेटर का निरीक्षण कर वहां स्थित लेबर कक्ष व मरीज भर्ती वार्ड का हाल जाना और वहां तैनात एएनएम को जिम्मेवारी दी कि अगर उन्हें भी किसी प्रकार की परेशानी अगर मरीजों के देखभाल में आती हो तो वे सब बेधड़क उनसे भी इसकी शिकायत कर सकती है
इस दौरान वहां चहल कदमी कर रही आशा कार्यकर्ताओं को देख डीएम ने पहले तल पर स्थित आशा विश्राम कक्ष को तत्काल वहां से हटा कर ओपीडी में करने का निर्देश दिया. इस दौरान डीएम ने अस्पताल उपाधीक्षक को सख्त ताकिद करते हुए कहा कि मरीज को अस्पताल पहुंचाने के बाद उनका काम समाप्त हो जाता है. इसलिए इन पर नजर रखते हुए किसी भी हाल में लेबर रूम के आस पास फटकने नहीं देने का निर्देश दिया.

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