नामांकन की भीड़ से शहर बेहाल

परेशानी. सड़कों से लेकर कार्यालय तक रहा प्रत्याशियों व समर्थकों का कब्जा सोमवार को शहर जाम से कराहता रहा. पंचायत चुनाव में नामांकन के लिए उमड़ी प्रत्याशियों की भीड़ ने पूरे शहर का हाल बेहाल कर दिया. स्थिति यहां तक आ पहुंची कि खुद एसपी को यातायात व्यवस्था व लोगों की भीड़ को व्यवस्थित करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2016 6:58 AM
परेशानी. सड़कों से लेकर कार्यालय तक रहा प्रत्याशियों व समर्थकों का कब्जा
सोमवार को शहर जाम से कराहता रहा. पंचायत चुनाव में नामांकन के लिए उमड़ी प्रत्याशियों की भीड़ ने पूरे शहर का हाल बेहाल कर दिया. स्थिति यहां तक आ पहुंची कि खुद एसपी को यातायात व्यवस्था व लोगों की भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए सड़क पर उतरना पड़ा. समर्थकों के सैलाब ने चुनाव आयोग के आदेश पर लागू की गयी धारा 144 को भी निर्मूल साबित कर दिया.
भभुआ (सदर) : रविवार की बंदी के बाद सोमवार को पंचायत चुनाव में नामांकन के लिए प्रत्याशियों के साथ उमड़ी समर्थकों की भीड़ से शहर थम सा गया. शहर का कोई भी मार्ग इन समर्थकों की भीड़ से अछूता नहीं रहा.
खासकर जेपी चौक, पटेल चौक, भभुआ प्रखंड परिसर, एकता चौक, पश्चिम बाजार व पूरब पोखरा सहित अन्य स्थानों पर काफी भीड़ रही. समर्थकों की भीड़ के अलावा वाहनों की लंबी कतार ने भी लोगों की परेशानियों का इजाफा कर दिया. सोमवार की सुबह से ही नामांकन के लिए प्रत्याशियों का अपने समर्थकों के साथ आना शुरू हो गया था. 10 बजे तक स्थिति ऐसी हो गयी कि पटेल चौक से लेकर ब्लॉक मोड़ तक केवल लोग ही नजर आ रहे थे. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए थानाध्यक्ष अविनाश कुमार सिंह ने माइक से घोषणा करते की, लेकिन भीड़ प्रत्याशियों के समर्थन में नारे लगाते हुए निषेधाज्ञा व धारा 144 को धता बताने पर तुली रही.
एसपी ने संभाला मोरचा .एक तो मैट्रिक की परीक्षा व दूसरी ओर नामांकन ने हालात को पूरी तरह से अनियंत्रित कर दिया.
सुबह 11 बजे तक ब्लॉक मोड़ से लेकर एकता चौक और जेपी चौक तक वाहनें रेंगती रहीं, वहीं स्कूली बच्चों को भी इस जाम में फंसना पड़ा. इस दौरान एसपी हरप्रीत कौर जब कार्यालय जाने के लिए निकलीं, तो उन्हें भी बेतहाशा बढ़ी भीड़ और सड़क जाम का सामना करना पड़ा. एसपी भीड़ और ट्रैफिक जाम को देखते हुए स्वयं ब्लॉक मोड़ पर अपने वाहन से उतर पड़ी और अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ ट्रैफिक को संचालित करने के साथ-साथ भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया.

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