7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जेनेरेटर के तेल के खेल का खुलासा

गड़बड़ी. एक जगह तीन घंटे, तो दूसरी जगह 17 घंटे दिखाया जेनेरेटर का परिचालन सदर अस्पताल में जेनेरेटर के तेल को लेकर बड़ा मामला सामने आया है. अस्पताल में आउटसोर्सिंग के सहारे जेनेरेटर का परिचालन होता है. ऐसे में 18 घंटे बिजली आपूर्ति के बावजूद जेनेरेटर परिचालन काे बढ़ा कर दिखया गया है. भभुआ (कार्यालय) […]

गड़बड़ी. एक जगह तीन घंटे, तो दूसरी जगह 17 घंटे दिखाया जेनेरेटर का परिचालन
सदर अस्पताल में जेनेरेटर के तेल को लेकर बड़ा मामला सामने आया है. अस्पताल में आउटसोर्सिंग के सहारे जेनेरेटर का परिचालन होता है. ऐसे में 18 घंटे बिजली आपूर्ति के बावजूद जेनेरेटर परिचालन काे बढ़ा कर दिखया गया है.
भभुआ (कार्यालय) : पहले चरण में प्रभात खबर में स्वास्थ्य विभाग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चल रहे जेनेरेटर में तेल के खेल को उजागर किया था. और बताया था कि कैसे 18 से 20 घंटे बिजली रहने के बावजूद आउट सोर्सिंग के जरिये चल रहे जेनेरेटरों को 15 से 20 घंटा दिखा कर सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है.
अब इस कड़ी में एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है. सदर अस्पताल के एक ही परिसर में जहां एक यूनिट के तीन से चार घंटे जेनेरेटर चलते हुए दिखाया गया है. वहीं दूसरी यूनिट में 17 घंटे तक जेनेरेटर चलते हुए दिखा कर पैसे निकाले जा रहे हैं.
सदर अस्पताल परिसर में ही एसएनसीयू कि एक अलग यूनिट चलती है. सदर अस्पताल व एसएनसीयू में एक ही ट्रांसफॉर्मर से बिजली की सप्लाइ ली जाती है. ऐसे में यह कैसे संभव है कि सदर अस्पताल में महज सात घंटे बिजली रहे और एसएनसीयू में 20 घंटे बिजली मिले.
यही नहीं अगर लो वोल्टेज कि भी बात को माने तो एसएनसीयू में जहां अधिकतम चार घंटे जेनेरेटर चलते हुए दिखाया गया है. एसएनसीयू में अस्पताल प्रशासन स्वयं जेनरेटर चलवाता है. दोनों जगह एक ही ट्रांसफॉर्मर से सप्लाइ होती है. सदर अस्पताल में बिजली कटने पर आपूर्ति के लिए सोलर सिस्टम भी लगाया गया है, जबकि एसएनसीयू में सोलर सिस्टम भी नहीं है. फिर भी सदर अस्पताल में प्रत्येक महीने 12 से 17 घंटे जेनेरेटर को चलते हुए दिखाया गया है.
कैसे हुआ खुलासा
इस खेल का खुलासा तब हुआ जब डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन से जेनेरेटर परिचालन संबंधी मांगी गयी रिपोर्ट को देखा. उन्होंने बिजली उपलब्धता की रिपोर्ट बिजली विभाग के अभियंता से भी मांग की थी. बिजली विभाग द्वारा दिये गये रिपोर्ट के मुताबिक न्यूनतम प्रखंड हो या जिलामुख्यालय 18 घंटे बिजली औसतन उपलब्ध रही है.
दोनों रिपोर्ट को देखने के बाद डीएम ने कहा कि प्रथम दृष्टया ही स्वास्थ्य विभाग में जेनेरेटर के बिल भुगतान में अनियमितता उजागर हुई है.
इसे लेकर तत्काल सिविल सर्जन को जेनेरेटर बिल के भुगतान पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है. साथ ही सभी जगह से एक सप्ताह के अंदर लॉग बुक की ऑरिजनल कॉपी की मांग की गयी है, जो लोग इस पूरे जांच में दोषी पाये जायेंगे. उनसे पैसा वसूली के साथ-साथ संलिप्त अधिकारियों व कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें