‘लालमुनि चौबे अमर रहें’ के नारों से गूंजा कुरई
स्मृति शेष. निधन के दूसरे दिन लालमुनी चौबे के पार्थिव शरीर को लाया गया पैतृक गांव बक्सर के पूर्व सांसद लालमुनि चौबे के निधन के बाद शनिवार की दोपहर उनके शव को उनके पैतृक गांव कुरई लाया गया. इस दौरान उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. भभुआ/चैनपुर(कैमूर) : दिल्ली से भाजपा […]
स्मृति शेष. निधन के दूसरे दिन लालमुनी चौबे के पार्थिव शरीर को लाया गया पैतृक गांव
बक्सर के पूर्व सांसद लालमुनि चौबे के निधन के बाद शनिवार की दोपहर उनके शव को उनके पैतृक गांव कुरई लाया गया. इस दौरान उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
भभुआ/चैनपुर(कैमूर) : दिल्ली से भाजपा के दिग्गज नेता लालमुनि चौबे का पार्थिव शरीर शनिवार की दोपहर कैमूर जिला स्थित चैनपुर थाने के पैतृक गांव कुरई लाया गया. पार्थिव शरीर पहुंचते ही गांव में ‘लालमुनि चौबे अमर रहें’ आदि नारों से मातमी माहौल गूंज उठा.
इस दौरान अंतिम दर्शन करने व श्रद्धांजलि देने के लिए मंत्री, सांसद, नेता, अधिकारी, जनप्रतिनिधियों सहित आम लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. यहां श्रद्धांजलि देने के बाद पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से वाराणसी ले जाया गया. वाराणसी में अंतिम संस्कार किया जायेगा. शुक्रवार की शाम एम्स में उनका निधन हो गया था.
एयर एंबुलेंस से लाया गया बनारस : दिल्ली से श्री चौबे के पार्थिव शरीर को एयर एंबुलेंस से वाराणसी बाबतपुर हवाई अड्डे पर लाया गया. इसके बाद सड़क मार्ग से वाराणसी के सिगरा स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचा, जहां रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, राज्यसभा सदस्य आरके सिन्हा, बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे, वाराणसी भाजपा के जिलाध्यक्ष व कई वरिष्ठ नेताओं ने श्रद्धांजलि दी. वहां से उनका पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव कुरई के लिए रवाना किया गया. कर्मनाशा में कैमूर जिले के चारों विधायकों, जिलाध्यक्ष जितेंद्र पांडेय, एमएलसी संतोष सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके पार्थिव शरीर को लेकर गांव के लिए चल दिये. करीब दो बजे उनका पार्थिव शरीर कुरई पहुंचा.
श्री चौबे का शव उनके पैतृक गांव कुरई पहुंचते ही ‘लालमुनि चौबे अमर रहे’ के नारों से गूंज उठा. शव के साथ उनके बड़े बेटे हेमंत चौबे व छोटे बेटे शिशिर चौबे के साथ-साथ उनकी पत्नी व परिवार के अन्य सदस्य पहुंचे.
शव को सबसे पहले उनके दरवाजे पर रखा गया. उनके परिवार के लोगों ने अंत्येष्टि के पूर्व के कर्म-क्रिया को पूरा किया. उनके शव को दरवाजे पर उसी पेड़ के नीचे रखा गया, जिसे उन्होंने लगाया था.
गार्ड ऑफ ऑनर के बाद दी गयी श्रद्धांजलि : फिर पार्थिव शरीर को गॉड ऑफ ऑनर के लिए घर के सामने ही खुले में एक चौकी पर रखा गया. यहां पुलिस के जवानों के साथ-साथ एसपी ने भी गॉड ऑफ ऑनर दिया इसके बाद मंत्री संतोष कुमार निराला, बक्सर सांसद अश्विनी चौबे, एमएलसी संतोष सिंह, रामगढ़ विधायक अशोक सिंह, मोहनिया विधायक निरंजन राम, भभुआ विधायक आनंद भूषण पांडेय व चैनपुर विधायक ब्रजकिशोर बिंद, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सरफराज आलम, राजद महासचिव भोलानाथ सिंह, समाजवादी पार्टी के नेता आलोक सिंह, बनारसी सिंह, अंजनी सिंह, गुप्तनाथ सिंह व मुन्ना पांडेय सहित सैकड़ों लोगों ने श्रद्धांजलि दी.
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श्री चौबे के पार्थिव शरीर को गांव वालों ने नम आंखों से विदाई दी. गांव वालों को इस बात का मलाल था कि उन्होंने एक ईमानदार व कर्मठ छवि के नेता को खो दिया. गांव से उनका पार्थिव शरीर एक बार फिर बनारस के लिए रवाना हो गया. जहां मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार संपन्न हुआ.
परिवारवालों का रो-रो कर बुरा हाल
श्री चौबे के निधन से पूरा परिवार सदमें में है. शव को जैसे ही एंबुलेंस से बाहर निकाल कर रखा गया. उनकी पत्नी, बेटी, बहन व परिवार के अन्य सदस्य शव से लिपट कर रोने लगे. परिवारवालों का रो-रो कर बुरा हाल रहा. परिवार ही नहीं, श्री चौबे के निधन पर पूरा गांव ही रो रहा था. परिवार वालों को वरष्ठि नेता लगातार सांत्वना दे रहे थे. श्री चौबे के शव को जहां छोटे बेटे शिशिर चौबे सहित ग्रामीण व भाजपा कार्यकर्ताओं ने कंधा दिया, वहीं बड़े बेटे हेमंत चौबे ने मुखाग्नि दी.
ईमानदारी के लिए मिसाल थे श्री चौबे
गांव के ही उनसे एक साल बड़े हीरा चौबे बताते हैं कि लालमुनि चौबे एक ईमानदार व बेबाक छवि के नेता थे. आज के राजनीतिकों के लिए एक सीख भी थे. चार बार विधायक, चार बार सांसद व एक बार मंत्री रहे. वह किसान परिवार से थे. साथ ही श्री चौबे देश के बड़े एवं महत्वपूर्ण पदों पर रहे, लेकिन आज भी वे उसी पुश्तैनी घर में रहते थे. आज के नेताओं को बड़े पदों पर जाते ही रातों रात उनकी दशा बदल जाती है.