कैमूर न्यूज : 2024 में दुनिया को अलविदा कहने वालों की संख्या रही मात्र नौ हजार 910
भभुआ.
वर्ष 2024 बीत गया. बीते साल में जिले के विभिन्न भागों में जहां 77 हजार 500 नवजातों ने मां के कोख से जन्म लिया, वहीं इस दुनिया को अलविदा कहने वाले लोगों की संख्या नौ हजार 910 रही. बता दें कि देश में जन्म और मृत्यु के आंकड़े सांख्यिकी विभाग और स्वास्थ्य विभाग के प्रोफाइल से प्राप्त होते हैं. जन्म और मृत्यु दर का अपना गणित भी है, जो जनसंख्या से जुड़ा हुआ है. इन दोनों आंकड़ों पर जनसंख्या वृद्धि का आकलन किया जाता है. इन आंकड़ों के आधार पर जनसंख्या नियंत्रण जैसे उपाय समेत सरकार जन्म और मृत्यु के आंकड़ों पर स्वास्थ्य तथा सामाजिक कल्याण जैसी सुविधाओं का भी विस्तार करती है. इधर, इस संबंध में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि जिले के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडलीय अस्पताल सहित प्रखंडों से प्राप्त नवजात के जन्म और लोगों के मरने के आंकड़े सांख्यिकी विभाग को प्राप्त होते हैं. प्रखंड में जन्म और मृत्यु का निबंधन करने वाले रजिस्ट्रार प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी तथा स्वास्थ्य केंद्रों पर निबंधन पदाधिकारी अस्पताल उपाधीक्षक होते हैं. इसके अलावे जिले, नगर परिषद भभुआ, नगर पंचायत मोहनिया, हाटा, कुदरा तथा रामगढ़ से भी विभाग को जन्म और मृत्यु के ऑन लाइन आंकड़े प्राप्त होते हैं. उन्होंने बताया कि प्राप्त आकंड़ों के आधार पर वर्ष 2024 में जन्म लेने वाले 77 हजार 500 नवजातों का निबंधन कराया गया है, जबकि वर्ष 2024 में जिले के विभिन्न भागों से किसी भी उम्र में मरने वालों की संख्या नौ हजार 910 रही, जिसका निबंधित किया गया है. सबसे अधिक पैदा होने वाले नवजातों तथा मरने वालों की बात करें, तो जिले का सदर प्रखंड भभुआ ही आगे है. इसी तरह सबसे कम नवजातों के जन्म लेने तथा सबसे कम मरने वालों की संख्या में जिले का पहाड़ी प्रखंड अधौरा शामिल है.जीने और मरने के आंकड़ों में पुरुष समूह की संख्या स्त्री से आगे
जिले में पैदा होने वाले नवजातों में बच्चे या बच्चियों का मामला हो या फिर जिले में मरने वाले किसी भी आयु वर्ग के पुरुष या महिला का मामला हो, तो सांख्यिकी विभाग से प्राप्त आंकड़ों के हिसाब से जीने और मरने दोनों तरह के मामलों में पुरुष समूह की संख्या स्त्री समूह से वर्ष 2024 में आगे रही है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, जिले में पैदा होने वाले कुल 77 हजार 500 नवजातों में पुरुष समूह के नवजातों की संख्या 41770 तथा महिला समूह के नवजातों की संख्या 35 हजार 721 बीते साल में दर्ज की गयी है, जबकि इसी तरह किसी भी आयु वर्ग में मरने वालों की कुल संख्या 9 हजार 910 है. इसमें पुरुष समूह में मरने वालों की संख्या छह हजार 288 तथा महिला समूह में मरने वालों की संख्या 3 हजार 619 दर्ज की गयी है. स्पष्ट है आंकड़ों के हिसाब से पुरुष समूह में जन्म और मृत्यु की दर महिला समूह की जन्म और मृत्यु दर से अधिक रही है.वर्ष 2024 में जन्म व मृत्यु का प्रखंडवार ब्योरा
प्रखंड जन्म मृत्युअधौरा 2273 116भभुआ 14199 2170
भगवानपुर 4529 678चैनपुर 6913 848चांद 3972 653
रामपुर 2913 478कुदरा 7639 848
मोहनिया 12618 1515रामगढ़ 8931 1062दुर्गावती 7007 930
नुआंव 6506 612नौ ट्रांस जेंडर नवजात भी हैं शामिल
भभुआ. जहां तक बीते वर्ष में जिले में जन्म लेने वाले नवजातों के संख्या की बात है, तो इसमें पुलिंग और स्त्रीलिंग श्रेणी के नवजातों समेत थर्ड डेंजर यानि ट्रांस जेंडर नवजातों की संख्या भी नौ दर्ज की गयी है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, भभुआ प्रखंड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से एक-एक ट्रांस जेंडर बच्चे, दुर्गावती प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र से तीन ट्रांस जेंडर बच्चे, कुदरा प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र से एक ट्रांस जेंडर बच्चा, मोहनिया प्रखंड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से एक-एक ट्रांस जेंडर नवजात, रामगढ़ प्रखंड के शहरी क्षेत्र से एक ट्रांस जेंडर शिशु ने वर्ष 2024 में इस धरती पर अपना पैर रखा है. मिलाजुला कर वर्ष 2024 में कुल नौ ट्रांस जेंडर नवजातों में से सात नवजातों का जन्म जिले के विभिन्न प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में तथा दो नवजातों का जन्म शहरी क्षेत्र में हुआ है, जबकि वर्ष 2024 में भभुआ प्रखंड के एक तथा मोहनिया प्रखंड से दो यानि तीन ट्रांसजेंडरों ने अपने जीवन को अलविदा बोल दिया. इसी तरह अगर ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में जीने और मरने वालों की संख्या के आंकड़े देखें, तो ग्रामीण क्षेत्र में पैदा होने वाले नवजातों की संख्या 63768 तथा शहरी क्षेत्र में पैदा होने वाले नवजातों की संख्या 13732 रही है, जबकि मरने वालों के आंकड़ों में ग्रामीण क्षेत्र से 9162 तथा शहरी क्षेत्र से मरने वालों की संख्या 748 रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है