दुर्गावती में आग लगने से चार दिनों के अंदर चार लाख की क्षति
कर्मनाशा(कैमूर) : दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न कारणों से आगलगी की घटनाओं में चार दिनों में करीब चार लाख की क्षति हुई है. इन घटनाओं में किसी का आशियाना जला, तो कई किसानों की फसल जलकर राख हो गई. लोगों का लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. लेकिन, अब तक प्रखंड मुख्यालय में अग्निशमन दल […]
कर्मनाशा(कैमूर) : दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न कारणों से आगलगी की घटनाओं में चार दिनों में करीब चार लाख की क्षति हुई है. इन घटनाओं में किसी का आशियाना जला, तो कई किसानों की फसल जलकर राख हो गई. लोगों का लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. लेकिन, अब तक प्रखंड मुख्यालय में अग्निशमन दल की व्यवस्था नहीं कर पाई है.
जब भी क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं हुई हैं, मोहनिया से अग्निशमन दल के पहुंचने से पूर्व सबकुछ जलकर राख हो चुका है. घटनाओं पर गौर करे, तो नौ अप्रैल को बड़ुरी के शिवपूजन सिंह की एक एकड़ गेहूं की फसल शॉर्ट सर्किट से निकली चिनगारी से फसल जल गयी. 10 अप्रैल को चेहरिया बाजार के किसान अरुण सिंह, सुरेंद्र सिंह व बृजेंद्र सिंह की चार बीघा गेहूं की फसल जल गयी.
11 अप्रैल को इसड़ी गांव के परदेसी राम की मड़ई में आग लगी और घर सहित 27500 नगदी खलिहान में रखे मसूर व सरसों जल गये. घटना में नगदी सहित करीब 50000 का नुकसान हुआ 11 अप्रैल को ही करणपूरा गांव के किसान भोलाशंकर पांडेय के दो एकड़ गेहूं की फसल व गलगल की एक एकड़ में लगी गेहूं की फसल जलकर खाक हो गयी. 12 अप्रैल को खजुरा गांव की दलित बस्ती में आग लग गयी.
घटना में राकेश राम की चार फूस की मड़ई सहित बिस्तर अनाज व अन्य सामान जल गये. देखा जाये, तो इन सभी घटनाओं में दूरी के चलते अग्निशमन दल आग बुझने के बाद ही पहुंच नहीं सका. सीओ प्रभात कुमार ने बताया कि किसानों को 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर क्षति पूर्ति देने का प्रावधान है और घर जलने पर बरतन कपड़ा व आर्थिक क्षतिपूर्ति सहित 6800 रुपया व 50 किलो गेहूं व चावल देने का प्रावधान है.