पानी के लिए कल्याण विभाग पहुंचे छात्र

भभुआ (नगर) : भीषण गरमी व जलस्तर नीचे जाने से जिले के कई क्षेत्रों में पानी के लिए हहाकार मचा हुआ है. लेकिन, अगर मकान मालिक व विभाग की ताना-तानी में जब जल संकट उत्पन्न हो जाये, तो इसे क्या कहेंगे? मामला जिला मुख्यालय स्थित अनुसूचित जाति छात्रावास संख्या तीन व अनुसूचित जनजाति छात्रावास संख्या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2016 8:29 AM
भभुआ (नगर) : भीषण गरमी व जलस्तर नीचे जाने से जिले के कई क्षेत्रों में पानी के लिए हहाकार मचा हुआ है. लेकिन, अगर मकान मालिक व विभाग की ताना-तानी में जब जल संकट उत्पन्न हो जाये, तो इसे क्या कहेंगे?
मामला जिला मुख्यालय स्थित अनुसूचित जाति छात्रावास संख्या तीन व अनुसूचित जनजाति छात्रावास संख्या चार का है. यहां भीषण गरमी के बीच छात्रों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा. गुरुवार को उक्त छात्रावास के छात्र अपनी समस्या को लेकर जिला कल्याण पदाधिकारी से मिलने पहुंचे. छात्र नायक पप्पू पासवान, राजेश पासवान, रविशंकर पासवान व अरविंद कुमार आदि ने बताया कि हरिचरन साह के मकान में किराये पर करीब 10 वर्षों से छात्रावास चल रहा है. दोनों छात्रावासों में कुल 50 स्टूडेंट्स रहते हैं. पिछले चार दिनों से पानी के लिए लगा मोटर खराब है.
इसका मकान मालिक ने अब तक मरम्मत नहीं कराया. छात्रों का कहाना है कि वे जब इस बारे में मकान मालिक से बात करते हैं, तो वे अपशब्द का प्रयोग करते हैं. छात्रों ने आगे बताया कि यहां बिजली पानी व शौचालय को लेकर हमेशा कुछ न कुछ परेशानी रहती है और जब इसकी शिकायत मकान मालिक से करते हैं, तो वे द्वारा दुर्व्यवहार करते हैं.
इस मामले में मकान मालिक हरिचरन साह भी विभाग पहुंचे. उन्होंने बताया कि पहले कि अपेक्षा बिजली का लोड काफी बढ़ गया है और मोटर की मरम्मत का काम उनका नहीं है. इस दौरान स्टूडेन्ट और मकान मालिक के बीच मौके पर ही गरमा-गरम बहस हुई. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मकान मालिक को किराये के रूप मे प्रतिमाह 47 हजार 851 रुपये दिये जाते हैं. मकान में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराना मकान मालिक की जिम्मेवारी है. छात्रों ने जिला कल्याण पदाधिकारी से इस समस्या का तुरंत निदान निकालने की गुहार लगायी, ताकि पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना ना पड़े.
होगी कार्रवाई : जिला कल्याण पदाधिकारी कन्हैया राम ने बताया कि छात्रावास में पेयजल की समस्या को जल्द दूर किया जायेगा. इसके लिए मकान मालिक को जरूरी निर्देश दिये गये हैं. ऐसा नहीं करने पर मकान मालिक के ऊपर कार्रवाई की जायेगी. भवन के लिए विभाग द्वारा प्रतिमाह किराया दिया जाता है.

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