फर्जी निकासी से बचना है, तो तुरंत करे पुलिस को कॉल

मोहनिया (नगर) : साइबर क्राइम पुलिस के लिए एक चुनौती बना है. मोहनिया में अब तक चार साइबर क्राइम के मामले हुए हैं. इसमें पहला मामला 2015 के अक्तूबर में हुआ था, दूसरा 2015 के नवंबर में, तीसरा व चौथा 2016 में. इन सभी कांडों का अब तक उद्भेदन नहीं हो सका है. इन सभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2016 8:02 AM
मोहनिया (नगर) : साइबर क्राइम पुलिस के लिए एक चुनौती बना है. मोहनिया में अब तक चार साइबर क्राइम के मामले हुए हैं. इसमें पहला मामला 2015 के अक्तूबर में हुआ था, दूसरा 2015 के नवंबर में, तीसरा व चौथा 2016 में. इन सभी कांडों का अब तक उद्भेदन नहीं हो सका है. इन सभी कांडों में करीब एक लाख रुपये की निकासी फर्जी तरीके से बैंक खातों से कर ली गयी है. अगर पूरे मोहनिया अनुमंडल की बात करें, तो पिछले एक साल में कुल 10 मामले हुए हैं, जिसमें दो केसों में चार्जशीट भी दाखिल हुई. आये दिन खाते से हो रही फर्जी निकासी से बचने के लिए ग्राहकों को सावधानियां बरतनी होगी.
फर्जी निकासी के बाद कैसे जांच करती है पुलिस
डीएसपी मनोज राम ने बताया कि जैसे ही किसी के खाते से रुपये निकासी या फिर ऑनलाइन शॉपिंग की खबर मिलती है, तो पहले बैंक का डिटेल निकलवाते हैं और किस-किस कंपनी से गयी है उनके कस्टमर केयर के नंबर पर फोन कर पूरी डिटेल बताते हैं. इसके बाद कस्टमर केयर की ओर से एक इमेल आइडी दिया जाता है, जिसपर एफआइआर की कॉपी और बैंक का डिटेल मेल करना होता है. इसके बाद यह चेक कर उस एटीएम कार्ड से की गयी खरीदारी को कैंसिल कर ग्राहकों के खाते में पैसे वापस कर देता है. लेकिन, यह पूरी प्रक्रिया तब संभव है, जब घटना के तुरंत बाद या फिर एक सप्ताह के अंदर थाने को सूचित किया जाये.
कैसे होता है फर्जी निकासी
डीएसपी मनोज राम ने बताया की फर्जी निकासी या ऑनलाइन शॉपिंग के लिए ग्राहकों के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आता है और उनके द्वारा ग्राहकों की एटीएम का पिन मांगा जाता है. ग्राहकों को ऐसे फर्जी कॉल से बचना होगा, क्योंकि किसी भी बैंक से ऐसा कोई कॉल नहीं आता.

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