80 हजार श्रद्धालुओं ने माता मुंडेश्वरी का किया दर्शन

विश्व के कोने-कोने में अपनी पहचान बनाने वाले माता मुंडेश्वरी धाम में इस शारदीय नवरात्र के प्रथमा तिथि (एकम) को शाम के चार बजे तक 80 हजार श्रद्धालुओं ने माता मुंडेश्वरी के दर्शन-पूजन किये.

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2024 8:51 PM

भगवानपुर. विश्व के कोने-कोने में अपनी पहचान बनाने वाले माता मुंडेश्वरी धाम में इस शारदीय नवरात्र के प्रथमा तिथि (एकम) को शाम के चार बजे तक 80 हजार श्रद्धालुओं ने माता मुंडेश्वरी के दर्शन-पूजन किये. वहीं, खबर लिखे जाने तक दर्शन-पूजन जारी था. इसकी जानकारी देते हुए धार्मिक न्यास समिति के अकाउंटेंट गोपाल कृष्ण ने बताया कि सुबह मंदिर का पट खुलने से पहले ही धाम परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ पंक्तिबद्घ होगी. माता आदिशक्ति के मंदिर का पट खुलने तथा धार्मिक न्यास समिति द्वारा नियमित रूप से किये जाने वाले प्रातः पूजा पाठ व आरती संपन्न होने की प्रतीक्षा करती रही. धार्मिक न्यास द्वारा उक्त प्रक्रिया के संपन्न होते ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइन दर्शन-पूजन के लिए धीरे-धीरे मंदिर के प्रवेश द्वार की ओर बढ़ने लगी तथा मंदिर में प्रवेश कर उनके द्वारा आदिशक्ति माता के दर्शन-पूजन करने का सिलसिला आरंभ हो गया. इस दौरान धाम में ड्यूटी में तैनात किये गये पुलिस पदाधिकारी व कर्मी, न्यास कर्मी, स्काउट गाइड के सदस्य श्रद्धालुओं द्वारा किये जा रहे माता मुंडेश्वरी के दर्शन-पूजन में उनका भरपूर सहयोग करते रहे. दर्शनार्थियों की भीड़ मंदिर तथा मंदिर परिसर में कुछ इस तरह जुटी रही कि माता रानी के प्रथम रूप शैलपुत्री के महज क्षणिक दर्शन से ही वे सभी संतुष्ट नजर आये. मंदिर में प्रवेश करने के बाद दर्शनार्थी सर्वप्रथम मंगलमूर्ति कहे जाने वाले भगवान श्री गणेश का दर्शन व उनका मनन करते रहे, फिर चार मुखों वाले महामंडलेश्वर स्वामी (भगवान शिव) के दर्शन व आराधना करने के बाद महामाया मुंडेश्वरी का दर्शन व ध्यान करते रहे और अगले ही पल मंदिर के निकास द्वार से बाहर निकलते रहे. फिर मंदिर की परिक्रमा करने के उपरांत धार्मिक न्यास समिति की गाइडलाइंस के अनुरूप दर्शनार्थियों द्वारा मंदिर के बाहर नारियल बली व रक्षासूत्र बांधने जैसी प्रथा की शेष प्रक्रिया बारी-बारी से पूरी की जाती रही. इनमें सैकड़ों श्रद्धालु ऐसे भी थे, जो नवदुर्गा मुंडेश्वरी को बकरे की अहिंसक बली भी समर्पित किये, फिर धाम परिसर के मुख्य द्वार पर स्थित हवनकुंड स्थल पर पहुंचकर विद्वानों द्वारा किये जा रहे मंत्रोच्चारण के बीच अक्षत फूल व द्रव्य-दक्षिणा के माध्यम से संकल्प भी लिया. इधर, धाम पहाड़ी वाली सड़क श्रद्धालुओं के चार चारपहिया व दुपहिया वाहनों का आवागमन पूरे दिन जारी रहा. उक्त सड़क पर लगने वाले जाम से निबटने के लिए जगह-जगह न्यास कर्मी व अतिरिक्त पुलिस बल मौजूद रहे. इनमें न्यूज कर्मी अपने-अपने हाथों में वॉकी-टॉकी लेकर जाम की स्थिति की जानकारी धाम चढ़ाई के बैरियर पर तैनात प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी को देते रहे, वहीं सीढ़ी वाले रास्ते में भी काफी संख्या में दर्शनार्थियों की गतिविधि पूरे दिन देखी गयी. धार्मिक न्यास समिति के अकाउंटेंट गोपाल कृष्ण ने बताया न्यास के सचिव अशोक कुमार सिंह के निर्देश पर मोकरी-मुंडेश्वरी व भगवानपुर मुंडेश्वरी पथ में दो अलग-अलग बैरियर बनाये गये हैं, जबकि मुख्य बैरियर आईबी के पास बनाया गया है. धाम में वीआइपी व आम श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दो अलग-अलग टेंट लगाये गये हैं, जबकि एक अतिरिक्त टेंट दुर्गा सप्तशती के पाठ करने वाले पुरोहितों के लिये लगाये गये हैं. धाम पहाड़ी के नीचे से लेकर धाम परिसर के बीच निर्धारित स्थलों पर शुद्ध पेयजलापूर्ति का पुख्ता इंतजाम किया गया है. दर्शनार्थियों की सुविधा व सुरक्षा पर रखी जा रही नजर धाम परिसर में बनाये गये कंट्रोल रूम से दर्शनार्थियों की सुविधा तथा उनकी सुरक्षा के दृष्टिकोण से तमाम बिंदुओं पर अनाउंसमेंट के माध्यम से नियंत्रण रखा जा रहा है. धाम पहाड़ी के ठीक नीचे स्थित पर्यटन भवन (आईबी) परिसर में दर्शनार्थियों के स्वास्थ्य जांच के लिए तथा किसी भी आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए मेडिकल टीम की व्यवस्था की गयी है. धाम वाले पार्किंग के साथ-साथ धाम पहाड़ी के निचले हिस्से में स्थित रंगमंच के मैदान में भी एक अन्य वाहन पार्किंग बनायी गयी है, नीचे से उतने ही वाहनों को छोड़ा जा रहा है, जितना की धाम वाले वाहन पार्किंग की क्षमता है. अकाउंटेंट गोपाल कृष्ण ने बताया कि न्याय के सचिव अशोक कुमार सिंह धाम में होनेवाली पूजा-की प्रक्रिया पर निरंतर नजर बनाये हुए हैं तथा दर्शनार्थियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए अधिनस्थ पदाधिकारियों व कर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दे रहे हैं .

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