गरमी की तपिश से बढ़ रहे मरीज

सुबह से दोपहर तक कड़ी धूप. शाम में आसमान में बादल. मौसम के इस परिवर्तन और तापमान में प्रतिदिन आ रहे उतार-चढ़ाव से सदर अस्पताल सहित शहर के निजी क्लिनिकों में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. भभुआ(सदर) : पूरे जिले में इन दिनों मौसम के डबल रोल से मरीजों की संख्या में काफी इजाफा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2016 12:37 AM
सुबह से दोपहर तक कड़ी धूप. शाम में आसमान में बादल. मौसम के इस परिवर्तन और तापमान में प्रतिदिन आ रहे उतार-चढ़ाव से सदर अस्पताल सहित शहर के निजी क्लिनिकों में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है.
भभुआ(सदर) : पूरे जिले में इन दिनों मौसम के डबल रोल से मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. इन दिनों भीषण गरमी, तो कभी बादलों के साथ चल रही तेज हवा से निजी क्लिनिकों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. अस्पतालों में इलाज के लिए आने-वाले मरीजों में उल्टी, दस्त, तेज बुखार व शरीर में पानी की कमी की शिकायत मिल रही है. सदर अस्पताल अस्पताल में तो सोमवार को आलम यह था कि एक मरीज के जाते ही दूसरा मरीज आ जा रहा था.
सदर अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि इन दिनों में गरमी से शरीर में पानी की कमी वाले मरीजों की संख्या बढ़ गयी है.हर दूसरा मरीज बदल रहे मौसम की चपेट में है. सोमवार को ओपीडी में डॉ अनिल कुमार सिंह, डॉ.प्रेम राजन व आपात में डॉ सिद्धार्थ राज सिंह ने करीब पांच सौ से अधिक लोगों का इलाज किया. आपातकालीन में मरीज देख रहे डॉ सिद्धार्थ राज सिंह ने बताया कि फिलहाल अस्पताल में औसतन 30 में पांच मरीज मौसमी बीमारियों की चपेट में हैं. पहले की तुलना में इनकी संख्या 20 प्रतिशत तक बढ़ी है. इनमें हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन व बदन दर्द के अधिक मरीज हैं.
तापमान के उतार-चढ़ाव में बचाव जरूरी : जब तापमान में फेरबदल हो रहा हो, तो ऐसे मौसम से बचाव करना बेहद जरूरी है. सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ प्रेम राजन ने बताया कि गरमी में जब दिन का पारा 40 डिग्री के पास हो, तो लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए. इस मौसम में लोग हो सके तो धूप से बचें. खाने में लिक्विड डायट अधिक लें.
बुखार फील हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. डॉ राजन का कहना था कि आजकल दिन का तापमान अधिक रह रहा है, जबकि शाम में बादलों के साथ तेज हवा चल रही है. ऐसे में यह ध्यान रखना चाहिए कि शरीर का तापमान न बिगड़े.
इनका भी रखें खास ख्याल : डॉ सिद्धार्थ राज सिंह का कहना है कि इस मौसम में बच्चों को व बड़े स्वयं पानी खूब पीये, ताकि पसीने निकलने के बावजूद शरीर में पानी की कमी न आये.
धूप में बच्चों को कपड़ों से ढ़क कर निकलना चाहिए. कटे व खुले में रखे फल नहीं खाने चाहिए. बासी खाना का सेवन न करें. इस मौसम में चावल, दलिया, आलू्, शकरकंद, चीनी, ग्लूकोज, गुड़, पपीता व छाछ का प्रयोग अधिक करें. पानी उबाल कर पीये. और हो सके तो घी-तेल तत्काल बंद कर दें.

Next Article

Exit mobile version