नाले तो बन रहे, पर जल निकासी की व्यवस्था नहीं
नाली बनाने का काम तेजी से जारी, पर नहीं है बेहतर रखरखाव नगर पर्षद द्वारा शहर में जगह-जगह नालियों का निर्माण कराया जा रहा है. इससे पहले करोड़ों रुपये खर्च कर नाले व नालियों का निर्माण कराया जा चुका है. यह शहरी विकास को दर्शाता है. लेकिन, इसमें गड़बड़ी व उदासीनता की झलक दिखती है. […]
नाली बनाने का काम तेजी से जारी, पर नहीं है बेहतर रखरखाव
नगर पर्षद द्वारा शहर में जगह-जगह नालियों का निर्माण कराया जा रहा है. इससे पहले करोड़ों रुपये खर्च कर नाले व नालियों का निर्माण कराया जा चुका है. यह शहरी विकास को दर्शाता है. लेकिन, इसमें गड़बड़ी व उदासीनता की झलक दिखती है. शहर में नाले-नालियां बनी, लेकिन नाले के पानी की निकासी का कहीं कोई उचित प्रबंध नहीं है.
भभुआ (सदर) : शहर में इन दिनों नालियों के निर्माण का काम धड़ल्ले से जारी है. लेकिन, शहर में पहले बने नाले-नालियों की तरफ नयी बन रही नालियों से जल निकासी कहां, किधर व कैसे होगी इसका कोई भी उचित प्रबंध नगर पर्षद द्वारा न पहले किया गया था न अब किया जा रहा है. नगर पर्षद प्रशासन इस दिशा में उदासीनता बरत रही है या फिर शहर वासियों के लिए बन रही जल जमाव की समस्या पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. यह समस्या शहर के लिए कोई नयी नहीं है. शहर के लोग अर्से से यह सवाल उठाते रहे हैं कि जब कहीं किसी नाले की निकासी ही नहीं हो पाती, तो दनादन नाले- नालियों का निर्माण क्यों कराया जाता है.
दरअसल शहरी विकास योजना के तहत भभुआ नप को शहरी विकास के लिए अब तक करोड़ों रुपये आवंटित किये जा चुके है. लेकिन बिना किसी उपयोगिता स्थापन के इस राशि का नप द्वारा अब तक सदुपयोग नहीं किया जा सका. विडंबना यह है कि पिछले दो दशको से शहर मे नाले-नालियां बन तो रहे हैं, लेकिन इन नालों की निकासी का अब तक कोई बंदोबस्त नहीं है. गौरतलब है कि शहर में ज्यादातर नाले टुकड़ों में बनाये गये हैं.
शहर के मुख्य बाजारों से लेकर गली-मुहल्लों तक में यही स्थिति है. लिहाजा यह नाले बनते है, लेकिन सुदृढ़ निकासी की व्यवस्था नहीं रहने के चलते कचरे से भर जाते हैं. लोगों का कहना है कि बारिश का मौसम आनेवाला है. शहर जलजमाव की वजह से नरक मे तब्दील हो जाता है, लेकिन नप इस समस्या पर कोई गंभीर कदम उठाती. नही दिखता है.