कृषि विभाग की जगह बाजार से खरीद रहे धान का बिचड़ा

कृषि विभाग की जगह बाजार से खरीद रहे धान का बिचड़ा पिछलेबार भी विभाग के बीजों से मिला था किसान को धोखाबाजारों में उमड़ रही है बीज खरीदने की भीड़, कृषि विभाग का वितरण केंद्र सूनाभभुआ (ग्रामीण)धान के बिचड़े डालने का समय अब समाप्ति की ओर है. कृषि विभाग द्वारा किये जा रहे बीज वितरण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2016 12:00 AM

कृषि विभाग की जगह बाजार से खरीद रहे धान का बिचड़ा पिछलेबार भी विभाग के बीजों से मिला था किसान को धोखाबाजारों में उमड़ रही है बीज खरीदने की भीड़, कृषि विभाग का वितरण केंद्र सूनाभभुआ (ग्रामीण)धान के बिचड़े डालने का समय अब समाप्ति की ओर है. कृषि विभाग द्वारा किये जा रहे बीज वितरण में किसान अपनी रूचि नहीं दिखा रहे हैं. इस कारण से बीज वितरण का काम केवल 40 प्रतिशत ही हो पाया है. गौरतलब है कि किसान उत्तम किस्म के बीज अपने खेत में लगाना चाहते हैं, ताकि अच्छी पैदावार हो सके. लेकिन कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे बीज का उपयोग करने में किसान अानाकानी कर रहे हैं. इसका एक कारण यह भी है कि एक किस्म के बीज विभाग द्वारा हर साल उपलब्ध कराये जाते हैं. इसे किसान पसंद नहीं करते हैं. कुछ किसानों की शिकायत है कि अगले साल कृषि विभाग के बीज को डाले थे. लेकिन, पैदावार अच्छी नहीं हुई. कृषि विभाग द्वारा जो बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं उनके किस्म है राजेंद्र श्वेता, स्वर्णा सगवन, सहभागी, पीए-5 जिसमें कुछ बीज तो यहां की मिट‍्टी के अनुकूल नहीं हैं जिससे किसान को नहीं हैं. वहीं बाजार में मिलनेवाले बीज, नाटी, मंसूरी, बड़ी मंसूरी, गोविंद भोग, श्वेता कृष्णा आदि किस्म के धान यहां की मिट‍्टी और जलवायु को सह लेते हैं. जिला कृषि पदाधिकारी भरत सिंह बताते हैं कि कम बारिश होने, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व किसानों को बीज पसंद नहीं आने से बीज वितरण में कमी आयी है.

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