पोस्टमार्टम हाउस बन कर तैयार, पर अब तक चालू नहीं

बिजली व पानी की व्यवस्था नहीं होने से पुराने भवन में ही होता है पोस्टमार्टम सिविल सर्जन ने पोस्टमार्टम हाउस को 24 घंटे में शुरू करने का दिया था आदेश भभुआ (सदर) : सदर अस्पताल में 50 लाख की लागत से पोस्टमार्टम हाउस बन कर तैयार है. लेकिन, अस्पताल प्रबंधन द्वारा अब तक इस नये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2016 7:12 AM

बिजली व पानी की व्यवस्था नहीं होने से पुराने भवन में ही होता है पोस्टमार्टम

सिविल सर्जन ने पोस्टमार्टम हाउस को 24 घंटे में शुरू करने का दिया था आदेश
भभुआ (सदर) : सदर अस्पताल में 50 लाख की लागत से पोस्टमार्टम हाउस बन कर तैयार है. लेकिन, अस्पताल प्रबंधन द्वारा अब तक इस नये पोस्टमार्टम हाउस को कुछ तकनीकी खामियों के चलते उसे अब तक शुरू नहीं कराया जा सका. वह भी तब जब एक माह पहले ठेकेदार द्वारा हस्तगत करा दिया गया है. पता चला है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा मात्र बिजली पानी की व्यवस्था नहीं करने से बन कर तैयार नया पोस्टमार्टम हाउस चालू नहीं किया जा सका है.
सिविल सर्जन द्वारा 21 जुलाई को 24 घंटे के अंदर नये पोस्टमार्टम हाउस को शुरू कर देने का निर्देश दिया गया था. अब एक माह पहले से हस्तगत किये जा चुके पोस्टमार्टम हाउस (अंत्यपरीक्षणगृह) को चालू नहीं किये जाने के चलते गिरने के कगार पर पहुंच चुके पुराने पोस्टमार्टम हाउस में ही डॉक्टर अपनी जान पर खेल कर शवों का पोस्टमार्टम करने को मजबूर हैं.
गौरतलब है कि सदर अस्पताल में सरकारी योजना के तहत 50 लाख रुपये की राशि से नये पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण कराया गया है. जहां एक साथ 40 शवों को रखने की व्यवस्था की गयी है. पोस्टमार्टम हाउस के नहीं रहने से अज्ञात व पुलिस द्वारा लाये गये शवों को खुले में या पुराने पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया है. नियमत : 72 घंटे तक शव को पहचान के लिए रखे जाने से सदर अस्पताल परिसर में दुर्गंध फैल जाता है. इससे अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारी से लेकर मरीज और उनके परिजनों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल के पुराने पोस्टमार्टम हाउस के सटे नया मर्चरी हाउस बनाया गया है. शवों का पोस्टमार्टम करनेवाले डाॅ अनिल कुमार का कहना है कि पुराने भवन में शवों का पोस्टमार्टम करने में काफी भय लगा रहता है. जितनी देर शवों का पोस्टमार्टम करते हैं, उतनी देर सांस अटकी रहती है.
एक माह पहले हस्तगत नये पोस्टमार्टम हाउस में पड़ीं दरारें
ठेकेदारों द्वारा एक माह पहले स्वास्थ्य विभाग को हस्तगत किये गये पोस्टमार्टम हाउस की दीवारें अभी से दरकने लगी हैं. 50 लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार पोस्टमार्टम हाउस के भीतरी कमरें की दिवारें जगह-जगह छोड़ने लगी हैं. इसी प्रकार पोस्टमार्टम हाउस के बाहरी कमरों व दीवारें भी जगह-जगह से चटकने लगी हैं.

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