कुदरा में गोदाम से गायब हुआ 21 हजार क्विंटल धान

पुलिस कर रही मामले की छानबीन कुदरा : धान अधिप्राप्ति के दौरान किसानों से खरीदे गये 21 हजार क्विंटल धान के गोदाम से गायब होने का मामला प्रकाश में आया है. रामगढ़ के प्रखंड कृषि पदाधिकारी सह नुआंव के क्रय केंद्र प्रभारी उमाशंकर सिंह ने कुदरा प्रखंड के बहुअरा गांव में स्थित नरसिंह यादव के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2016 8:17 AM
पुलिस कर रही मामले की छानबीन
कुदरा : धान अधिप्राप्ति के दौरान किसानों से खरीदे गये 21 हजार क्विंटल धान के गोदाम से गायब होने का मामला प्रकाश में आया है. रामगढ़ के प्रखंड कृषि पदाधिकारी सह नुआंव के क्रय केंद्र प्रभारी उमाशंकर सिंह ने कुदरा प्रखंड के बहुअरा गांव में स्थित नरसिंह यादव के राइस मिल से 21 हजार क्विंटल नुआंव प्रखंड में किसानों से खरीदा गया धान गायब होने की प्राथमिकी कुदरा थाने में दर्ज करायी है. इस मामले में उन्होंने नरसिंह यादव के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है. बीएओ उमाशंकर सिंह द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के मुताबिक वर्ष 2013-14 में नुआंव में बनाये गये धान क्रय केंद्र दो पर कुल 78 हजार 867.45 क्विंटल धान की खरीदारी कर सिंचाई विभाग (नुआंव) के गोदाम व परिसर में रखा गया था.
बाद में एसएफसी के जिला प्रबंधक ने नरसिंह यादव के बहुअरा स्थित राइस मिल से एग्रीमेंट के आधार पर 26 अप्रैल 2014 को नुआंव क्रय केंद्र दो द्वारा खरीदा गया धान जो नुआंव के सिंचाई विभाग के परिसर में रखा गया था. उसे उक्त राइस मिल में भेजने का आदेश दिया. उस आदेश के आधार पर 34 हजार 280 क्विंटल धान सलथुआ से एक किलोमीटर दक्षिण नुआंव-परसथुआ रोड स्थित नरसिंह यादव के राइस मिल पर भेज दिया गया. जब बीएओ सह क्रय केंद्र प्रभारी उमाशंकर सिंह 19 जुलाई 2016 को मिल स्थित गोदाम में धान को देखने गये, तो पाया कि वहां पर मात्र 13 हजार 280 क्विंटल धान ही उपलब्ध है. उन्होंने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि मिलर नरसिंह यादव ने धान को बेच दिया गया है. इसकी प्राथमिकी के लिए आवेदन कुदरा थाने को क्रय केंद्र प्रभारी उमाशंकर सिंह ने 28 जुलाई 2016 को किया. इसके बाद मामले की जांच के बाद पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है.
क्रय केंद्र प्रभारी उमाशंकर सिंह द्वारा कुदरा थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. आखिर 19 जुलाई 2016 को राइस मिल के गोदाम से 21 हजार क्विंटल धान गायब मिलने पर 10 दिनों बाद 28 जुलाई 2016 को धान गायब होने का आवेदन दिया. उन्होंने धान गायब होने की जानकारी होने के बाद पुलिस को सूचना देने में 10 दिनों का विलंब क्यों किया. यही नहीं 28 अप्रैल 2014 से 11 जून 2014 तक कुल 34 हजार 280 क्विंटल धान उक्त मिल में पहुंचाया गया. फिर दो सालों तक मिल के गोदाम में जाकर धान का निरीक्षण क्यों नहीं किया गया. ये सारे सवाल क्रय केंद्र प्रभारी की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहे है. ऐसा नहीं है कि गोदाम से किसानों द्वारा खरीदे गये धान का यह कोई पहला मामला है इसके पहले भी कैमूर के विभिन्न गोदामों से धान गायब किये गये हैं.

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