कारोबार पर पड़ा गहरा असर

परेशानी. 500 व 1000 के नोट रद‍्द होने से लोगों में मची अफरातफरी सौ के नोटों की बढ़ी पूछ भभुआ सदर : पीएम मोदी के पांच सौ व हजार रुपये के नोट बंद करने का फैसला बुधवार की सुबह से ही शहर में मानो वज्रपात जैसा रहा. शहर में सुबह उठते ही हरेक की जुबान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2016 8:46 AM
परेशानी. 500 व 1000 के नोट रद‍्द होने से लोगों में मची अफरातफरी
सौ के नोटों की बढ़ी पूछ
भभुआ सदर : पीएम मोदी के पांच सौ व हजार रुपये के नोट बंद करने का फैसला बुधवार की सुबह से ही शहर में मानो वज्रपात जैसा रहा. शहर में सुबह उठते ही हरेक की जुबान पर बस बंद हुए इन नोटों की ही बातें थीं. जो सरकार के फैसले से वाकिफ थे और जो अनजान थे, दोनों को यह नहीं समझ में आ रहा था कि आखिर एक झटके में उनके जतन से रखे हजार व पांच सौ के नोट कैसे उनके अपने नहीं रहे.
बढ़ी उधारी : नोटों के बंद हो जाने से बाजार का भी हाल बेहाल रहा. पीएम नरेंद्र मोदी के इस निर्णय के बाद बुधवार को प्रभात खबर की टीम जब बाजार पहुंची तो लोगों ने अपनी कहानी खुद ही बतायी. शहर के एकता चौक पर मेडिकल स्टोर चलानेवाले रविशंकर अग्रवाल ने बताया कि 500-1000 रुपये के नोट बंद हो जाने के बाद आज दवा खरीदने आये मरीजों को काफी दिक्कतें हुईं. चाह कर भी हम उनके द्वारा दिये गये नोट नहीं ले सकते हैं और उनको दवाई भी नहीं दे सकते. उनका कहना था कि सरकार ने भी सरकारी अस्पतालों में ही नोट बदले जाने की सुविधा दी है. साधारण मेडिकल स्टोर पर यह नोट स्वीकार नहीं किये जा सकते हैं. हमलोग सिर्फ उन्हीं लोग को दवा दे रहे हैं जिन्हें जानते हैं. उनसे बाद में पैसे ले सकते हैं.
दूध के लिए 500 के नोट: ब्लॉक रोड पर किराना दुकान चलानेवाले पिंटू अग्रवाल और संजय अग्रवाल ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि आज सुबह से ही लोग खाने, पीने सहित सामान खरीदने के लिए 500 और 1000 का नोट ले कर आना शुरू कर िदये. यहां तक कि दाल से दूध तक खरीदने के लिए लोग पांच सौ रुपये का नोट तक दे रहे हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि यह निर्णय इतनी जल्दी हुआ कि लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करे और क्या न करें.
मजदूरों को मिले बड़े नोट
सब्जी मंडी में मिले दिहाड़ी मजदूर की समस्या तो और भी अजीबोगरीब थी. उसका कहना था कि कल दिन भर मजदूरी करने के बाद मालिक द्वारा उसे शाम को पांच सौ रुपये का नोट थमा दिया गया. सुबह उसे लेकर बाजार में राशन खरीदने पहुंचा तो दुकानदार ने एक झटके से कह दिया कि यह नोट बंद हो चुका है अब नहीं चलेगा. उसका कहना था कि हमलोग प्रतिदिन जो कमाते हैं उसी पर हमलोगों का भोजन चलता है सरकार के इस फैसले से उनके भोजन पर भी आफत आ गयी है.
शादी वाले घरों में बढ़ी मुसीबत
शादी-विवाह के लिए लगन शुरू हो चुका है. जिनके घर पर शादी, विवाह है उन्हें नोट बंद हो जाने की वजह से ज्यादा मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. सीवों गांव के त्रिभुवन सिंह ने बताया कि बुधवार को मार्केटिंग के लिए बनारस जाना था. इसके लिए मंगलवार की शाम बैंक से पैसे भी निकाले थे जिसमें पांच सौ व हजार के भी नोट थे ,लेकिन, एकाएक इस खबर के बाद अब तो मार्केटिंग करना भी मुश्किल हो गया. ऐसी ही समस्या आनेवाले लगन में अन्य लोगों को भी झेलनी पड़ सकती है क्योंकि, शादी विवाह में खरीदारी के लिए अधिकतर बड़े नोटों का ही प्रयोग होता है.
महिलाओं के पर्स से निकलने लगे बड़े नोट
नोट बंद होने की सूचना पाते ही गृहिणियों के सिर पर आसमान टूट पड़ा. घर खर्च और अपने पति देव से छुपा कर रखे गये पैसे जिनमें
पांच सौ व हजार के नोट भी शामिल हैं. उसे गृहिणियों द्वारा अब अपने पति देव को चेंज कराने के लिए दिया जा रहा है. शहर की तान्या जाफरी ने बताया कि घर खर्च और पति से छुपा कर रखे गये पैसे को अब बाहर निकालना पड़ रहा है. ऐसा नहीं किया तो ये सिर्फ कागज के टुकड़े ही रह जायेंगे. शोभा त्रिपाठी ने बताया कि घरवालों से छुपा कर काफी पैसे रखे हैं अब इन्हें चेंज कैसे कराऊं ये बड़ी चुनौती है.
पेट्रोल पंपों पर परेशान रहे लोग
500 व हजार के नोट बंद होने के बाद सरकार द्वारा यह निर्देश जारी किया गया है कि पेट्रोल पंपों, हॉस्पिटल, रेलवे टिकट काउंटर आदि पर लोगों की
सुविधा को देखते हुए यह नोट जारी रहेंगे लेकिन, शहर के पेट्रोल पंपों पर भी जब लोग अपनी गाड़ियों में तेल डलवाने पहुंचे तो यहां भी उन्हें एक नयी समस्या का सामना करना पड़ा. पेट्रोल पंपों पर पांच सौ और हजार रुपये के ही पेट्रोल या डीजल दिये जा रहे थे. यहां भी नोट को चेंज करने की गुंजाइश नहीं दिखी. लोग पांच सौ व हजार का नोट चेंज कराने के लिए सुबह से शाम तक इधर, उधर भागते नजर आये.
लोगों ने किया फैसले का स्वागत
इस मुद‍्दे पर जहां चर्चाओं का बाजार गरम रहा वहीं बुधवार को व्यवसाय पर भी इसका असर दिखा लेकिन, लोगों से बातचीत के क्रम में यह भी बात सामने आयी कि प्रधानमंत्री के द्वारा लिया गया यह ऐतिहासिक फैसला स्वागत योग्य कदम हैं. देश भर में फैले जाली नोट के कारोबार पर पूरी तरह अंकुश लगाने में मददगार साबित होगा. दो-तीन दिन परेशानी झेलनी पड़ेगी लेकिन, देशहित में लिया गया यह निर्णय सराहनीय है.

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