शहर में ”हर घर नल का जल” पर शुरू हुआ काम

भभुआ सदर : भभुआ शहर में मुख्यमंत्री के सात निश्चय में से एक हर घर नल का जल योजना की तैयारी न परिषद द्वारा शुरू कर दी गयी है. नौ करोड़ की इस कार्ययोजना के लिए एक करोड़ 75 लाख की राशि विभाग ने जारी भी कर दी है नगर पर्षद द्वारा शहर के प्रत्येक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2016 9:00 AM
भभुआ सदर : भभुआ शहर में मुख्यमंत्री के सात निश्चय में से एक हर घर नल का जल योजना की तैयारी न परिषद द्वारा शुरू कर दी गयी है.
नौ करोड़ की इस कार्ययोजना के लिए एक करोड़ 75 लाख की राशि विभाग ने जारी भी कर दी है नगर पर्षद द्वारा शहर के प्रत्येक वार्डों के हर घरों में पाइप जलापूर्ति के तहत नल का जल पहुंचाने के लिए शहर में सरकार की या नगर पर्षद की खाली जमीन की तलाश की जा रही है. कुछ वार्डों में जैसे वार्ड संख्या 9, 10, 11, 12 और 17 में भूमि प्राप्त भी हो चुकी है जहां 250 घरों की शिनाख्त कर उन घरों में नल का जल पहुंचाने के वास्ते तीन सौ फीट पर बोरिंग व समरसेबल के अलावे दो हजार लीटर की वाटर टंकी लगाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. अन्य वार्डों में पार्षदों से खाली जमीन ढुंढने को कहा गया है.
सीएम के सात निश्चयो का हिस्सा है यह प्रोजेक्ट : गौरतलब है कि शहर में मुख्यमंत्री के सात निश्चय में से एक हर घर नल का जल योजना अंतर्गत पाइप जलापूर्ति के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है. इस योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के सघन व निरंतर बसे घरों के लिए पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सतही जल भूगर्भीय जल का उपयोग करने की योजना बनायी गयी है, जिसमें नगर पर्षद द्वारा दो माह पूर्व शहर के 8010 घरों का सर्वे करा कर उसे बिहार राज्य जल निगम को भेज चुकी हैं. इसी के आलोक में स्वीकृति और राशि जारी हो जाने के बाद सर्वप्रथम तीन कार्यों को नगर परिषद द्वारा पूर्ण करा लेने के बाद अगले चरण के कार्य के लिए नगर विकास विभाग अगली किश्त जारी करेगी.
नप अध्यक्ष बजरंग बहादुर सिंह ने बताया कि शहर में आबादी अनुसार इस कार्य को शुरू कराया जायेगा, जिसमें सर्वप्रथम पीएचइडी के पाइपलाइन से शहर का जो क्षेत्र नहीं जुड़ा होगा. वहां के 681 मीटर रेडियस के दायरे में जितने भी घर आयेंगे उन घरों तक पाइप लाइन बिछाई जायेगी.
शहरी क्षेत्रों में होगी फ्लोराइड युक्त पानी की जांच
शहरी क्षेत्रों में पाइप द्वारा जलापूर्ति की योजना के दौरान ही शहर में भू-गर्भ जल में फ्लोराइड की मात्रा की सर्वप्रथम जांच होगी. उसके बाद ही उक्त स्थान से पेयजल की आपूर्ति की जायेगी.
शहर के लिए महती इस कार्ययोजना को पूरा कराने में जुटे नप के जेई मुन्ना सिंह ने बताया कि फ्लोराइड और आर्सेनिक की जांच की जायेगी. इसके पूर्व चिंहित स्थानों पर तीन सौ फिट की बोरिंग करायी जायेगी. साथ ही उच्च क्षमतावाले मशीन भी लगाये जायेंगे. उनका कहना था कि कार्य योजना की तैयारी शुरू कर दी गयी है. निविदा प्रक्रिया भी जारी है. संवेदक का चयन होते ही काम शुरू करा दिया जायेगा.

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