बैंक बंद, एटीएम में नोट नहीं नहींनहीं

नोटबंदी. दूसरे रविवार को भी ग्राहकों को नहीं मिली राहत निजी व सरकारी बैंकों को मिलाकर मोहनिया में हैं 12 एटीएम लेकिन अधिकतर में नहीं मिले नोट मोहनिया नगर : नगर स्थित सभी बैंक रविवार को बंद रहे. बैंकों के साथ ही अधिकांश एटीएम के शटर भी गिरे रहे और जो एटीएम खुले थे उनमें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2016 5:07 AM

नोटबंदी. दूसरे रविवार को भी ग्राहकों को नहीं मिली राहत

निजी व सरकारी बैंकों को मिलाकर मोहनिया में हैं 12 एटीएम लेकिन अधिकतर में नहीं मिले नोट
मोहनिया नगर : नगर स्थित सभी बैंक रविवार को बंद रहे. बैंकों के साथ ही अधिकांश एटीएम के शटर भी गिरे रहे और जो एटीएम खुले थे उनमें रुपये नहीं थे जिससे लोगों को परेशानी हुई. गांवों में एक कहावत कही जाती है ”कभी घनघना कभी मुट्ठी भर चना कभी वो भी मना” जी हां कुछ ऐसी ही कहावत मोहनिया में स्थित बैंको के एटीएम का हाल देखने को मिला. कहने को तो नगर क्षेत्र में सरकारी और निजी बैंकों की संख्या 10 है. इनमें एसबीआइ, बैंक ऑफ इंडिया (बीओआइ),
पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), एचडीएफसी, यूनियन बैंक, ओबीसी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिाय, एमबीजीबी, बंधन बैंक शामिल हैं. इन बैंकों के 12 एटीएम हैं यहां, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ की सभी एटीएम खुले मिले हों. 500-1000 के नोटबंदी के बाद दो से तीन दिन तक तो कोई भी एटीएम खुले नहीं मिले, लेकिन लगभग एक सप्ताह बाद एक-दो एटीएम खुले जिसमें लोगों को काफी मशक्कत यानी भीड़ का सामना करना पड़ा. रविवार को बैंक तो बंद ही रहे लेकिन एक भी एटीएम खुले नहीं दिखे जिसका नतीजा लोगों को खुले एटीएम खोजने के लिए काफी इधर-उधर भटकना पड़ा. इससे लोगों को बड़ी परेशानी हुई.
मोहनिया के साथ-साथ आस पास के ग्रामीण इलाकों से आये हुए काफी लोग भी परेशान रहे. कहीं एटीएम खुली दिखी तो लोगों के चेहरे पर ऐसी खुशी देखने को मिली मानो लॉटरी लग गयी हो लेकिन एटीएम में जाने के बाद खाली हाथ निराश होकर लौटना पड़ता. इस संबंध में ग्रामीण इलाकों से आये हुए निरंजन सिंह बरेज निवासी ने बताया कि रविवार को एटीएम का चक्कर लगाते रहे. हम परेशान हो गये लेकिन एटीएम कहीं भी खुली नहीं मिली कहीं. इक्का दुक्का एटीएम खुली भी रही तो उनमें रुपये नहीं थे. मोहनिया स्टेशन रोड निवासी मुकुल सिंह ने बताया कि शनिवार को सभी बैंकों में वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जा रही थी जिसके कारण हम लोग पैसा नहीं निकाल पाये और रविवार को बैंक तो बंद थे ही एटीएम भी सारे के सारे बंद मिले.
एटीएम तो खुली, पर पैसे रहे नदारद.
रविवार को बंद पड़ी एचडीएफसी बैंक की एटीएम
क्या कहते हैं शाखा प्रबंधक
इस संबंध में एचडीएफसी के शाखा प्रबंधक निशांत कुमार सिन्हा ने बताया कि सोमवार से कैश की चल रही समस्या भी काफी हद तक दूर हो जायेगी और एटीएम भी खुल जायेगी. वहीं इस संबंध में बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक जीडी सिंह ने बताया कि सोमवार को शाखा में 500 और 100 के नए नोट आएंगे तो सब कुछ सेटिंग करने और व्यवस्था बनाने में समय लगता है इसलिए मंगलवार से एटीएम खुल जायेंगे. अन्य शाखा प्रबन्धकों से एटीएम की जानकारी के लिए संपर्क नहीं हो सका.
किसानों की बढ़ी परेशानी, धान के नहीं मिल रहे खरीदार
भभुआ शहर . किसान विगत दो वर्षों से कम बरसात होने से परेशान थे. कम बरसात होने से धान का बेहतर उत्पादन नहीं हो पा रहा था. इस बार अच्छा उत्पादन हुआ भी तो उन्हें धान को बेचने की चिंता सताने लगी. छोटे किसान जिन्होंने हलुकन धान की खेती की थी उनके धान की फसल तैयार हो गयी है लेकिन उनकी फसल को खरीदने वाले नहीं मिल रहे हैं अगर मिल भी रहे हैं तो उनके द्वारा पुराने नोट दिये जा रहे हैं जिसको लेने से किसान डर रहे है. वहीं व्यापारियों का कहना है कि नये नोट उस मात्रा में नहीं मिल रहे हैं कि खरीदे गये धान की कीमत दे सकें. ऐसे में अपनी अगली खेती को ले किसान बेहद चिंतित हैं. गौरतलब है कि छोटे किसान अपने खेतों में हलुकन धान की खेती करते हैं. उनकी सोच होती है कि हलुकन धान की खेती करने से धान पहले हो जाते हैं. धान पहले हो जाने से उसे काट कर बाजार में बेच दिया जायेगा और धान बेचने पर मिले पैसे से अगली खेती का काम चलाया जायेगा लेकिन इस बार उनकी सोच पर पानी फिरता दिख रहा है. नवम्बर की शुरुआत में छोटे किसानों द्वारा लगाये गये हलुकन धान पक गये और उसे किसान काट कर अपने खलिहानों में तैयार भी कर लिये. अब जब उन्हें रबी फसल बोने के लिये पैसे की अवश्यकता हुई तो अपने धान को लेकर बाजार में घूमने रहे हैं लेकिन धान को खरीदनेवाले नहीं मिल रहे हैं और अगर मिल भी रहे हैं तो बाद में पैसे देने को कहा जा रहा है. ऐसे में उन्हे चिंता सताने लगी है कि अब उनके रबी फसलों की बुआई कैसे होगी. बीज दे रहे हैं और न ही उन्हें खाद मिल पा रहा है.

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