एक दिसंबर से वन विभाग को मिलेंगे 15 वनरक्षी

विभाग में 170 वनरक्षियों की जगह मात्र 17 ही बचे भभुआ शहर : वन विभाग की जमीन अधिग्रहित करने व वन संपदा का नुकसान करने का मामला दिनोंदिन बढता जा रहा है. आये दिन कभी जंगल के नजदीक रहने वाले लोगों द्वारा वन की जमीन अधिग्रहित कर उसे कृषि कार्य में लिये जा रहे है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2016 5:06 AM

विभाग में 170 वनरक्षियों की जगह मात्र 17 ही बचे

भभुआ शहर : वन विभाग की जमीन अधिग्रहित करने व वन संपदा का नुकसान करने का मामला दिनोंदिन बढता जा रहा है. आये दिन कभी जंगल के नजदीक रहने वाले लोगों द्वारा वन की जमीन अधिग्रहित कर उसे कृषि कार्य में लिये जा रहे है, तो कभी वन माफियाओं के द्वारा वन संपदा काे नुकसान किया जा रहा है. वन संपदा की देखरेख करने वाले वनरक्षियों की तादाद वन विभाग द्वारा तय पद के हिसाब से 10 प्रतिशत ही है. वन विभाग के पास 170 वनरक्षियों का पद है़ उस अनुपात में जिला वन विभाग के पास मात्र 17 वनरक्षी ही मौजूद हैं. शेष या तो सेवानिवृत हो गये या फिर उनकी बदली अन्यत्र जगहों पर हो गयी.
गौरतलब है कि वन विभाग मुख्यालय से एक दिसंबर को 15 एक्स आर्मी मैन दिये जाने का निर्देश प्राप्त हुआ है. वन विभाग ने एक्स आर्मी मैन कोबरा ब्रांच से लिया है. जिन क्षेत्रों में वन संपदा है और जिन वन संपदाओं की रक्षा की जिम्मेवारी उन्हें दी जा रही है वह पूरी तरह नक्सल प्रभावित है.
वन माफियाओं पर अंकुश कैसे लगायेंगे डंडाधारी
वन विभाग के ट्रैकर अवैध गोरखधंधे की सूचना अधिकारियों को देते हैं. वही कुछ वन माफिया जो जंगल क्षेत्र में मजबूत दिखते हैं उनके लिये वन विभाग को तुरंत एक्शन में आने के बारे सोचने पर या तो अवसर की तलास की जाती है या अन्य विभागों से मदद ली जाती है. ऐसे में अगर वन विभाग के पास अगर डंडे वाले एक्स आर्मी होंगे तो, उन्हें परेशानी होगी़
क्या कहते हैं अधिकारी
वन विभाग के प्रदेश मुख्यालय से सशस्त्र बल वनरक्षी की मांग की गयी है. एक दिसंबर से 15 डंडे वाले एक्स आर्मी मैन दिये जा रहे हैं. कम वनरक्षी होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सशस्त्र बल वनरक्षी जब तक नहीं आ जाते हैं, इनसे काम चलाया जायेगा.
सत्यजीत कुमार , डीएफओ कैमूर

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