85 की जगह रहते 350 बंदी

पशुओं से बदतर है भभुआ जेल के बंदियों की स्थितिभभुआ (कार्यालय) : भभुआ मंडल कारा में बंद कैदी पशुओं से भी बदतर जिंदगी जीने पर विवश है. इसमें 82 पुरुष व तीन महिला कैदियों के रखने की क्षमता है, जबकि इसके तीन गुना अधिक लगभग 350 कैदी रह रहे हैं. क्षमता से अधिक कैदियों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:40 PM

पशुओं से बदतर है भभुआ जेल के बंदियों की स्थिति
भभुआ (कार्यालय) : भभुआ मंडल कारा में बंद कैदी पशुओं से भी बदतर जिंदगी जीने पर विवश है. इसमें 82 पुरुष व तीन महिला कैदियों के रखने की क्षमता है, जबकि इसके तीन गुना अधिक लगभग 350 कैदी रह रहे हैं.

क्षमता से अधिक कैदियों के रहने के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है. गुरुवार को शिवपूजन नोनिया की मौत के बाद कैदियों का गुस्सा फुट पड़ा. उन्होंने जेल प्रशासन के खिलाफ जम कर हंगामा किया. कैदियों का आरोप था कि जगह कम होने तथा गरमी के कारण घुटन से उक्त कैदी की तबीयत खराब हुई और मौत हो गयी. इस भीषण गरमी में भी कारा उपाधीक्षक जेनेरेटर नहीं चलाते हैं.

जगह के बदले लगता है पैसा

भभुआ मंडल कारा में दबंग कैदियों की दादागिरी चलती है. जगह कम होने के कारण इसका फायदा दबंग कैदी उठाते हैं. किसी भी नये कैदी को जगह देने के एवज में दबंग कैदी पैसा वसूलते हैं और नहीं देने पर प्रताड़ित एवं मारपीट भी करते हैं. इसकी शिकायत गुरुवार को कैदियों ने की.

खाना व पानी की समस्या

कैदी की मौत को लेकर हुए हंगामे के बाद मंडल कारा पहुंचे डीएम से कैदियों ने जेल प्रशासन पर घटिया खाना व गंदा पानी देने की शिकायत की. उन्होंने बताया कि जेल के ज्यादातर चापाकल अक्सर खराब रहते हैं.

दबंग कैदियों का दबदबा

भभुआ मंडल कारा में दबंग एवं सजायफता कैदी दूसरे जेलों में नहीं जाना चाहते है, क्योंकि भभुआ मंडल कारा में उनकी अच्छी आमदनी होती है. जगह की कमी होने के कारण कैदियों से पैसा वसूलते हैं और यह उनका धंधा बन चुका है. ऐसे कैदियों को जब जब बाहर के जेलों में भेजने की बात होती है तो ये छोटे मोटे अपराध कर यही आ रह जाते हैं.

डीएम ने तत्काल पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया की जेल के नवनिर्मित भवन को जल्द से जल्द कमियों को दूर कर जिला प्रशासन को सौंपे. साथ ही जेल में खराब पड़े चापाकलों को बनाने का निर्देश दिया.

डर से कैदी नहीं खोलते मुंह

पिछले पांच दिनों पहले डीएम ने भभुआ मंडल कारा में कैदी दरबार लगाया था, लेकिन दबंग कैदियों के डर से कैदियों ने डीएम के सामने हो रहे अत्याचार नहीं बता सके. गुरुवार को कुछ कैदियों ने अकेले में मिल कर अपनी पीड़ा रखने की बात डीएम से कही.

दूसरे जेल जायेंगे दबंग कैदी

दबंग कैदियों की दादागिरी को देखते हुए डीएम ने कहा कि डीएलएमसी की बैठक में उन्हें बाहर के जेलों में भेजने पर निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि दबंग कैदी कानूनी दावं-पेच का लाभ ले रहे हैं.

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