इओ से तंग 14 पार्षदों ने दिया इस्तीफा

नगर पर्षद के कार्यपालक अधिकारी पर लगाया मनमानी का आरोप भभुआ कार्यालय : गुरुवार को नगर पर्षद के सभापति बजरंग बहादुर सिंह, उपसभापति सरफराज गद्दी सहित 14 पार्षदों ने नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी दीनानाथ सिंह के मनमानी, शिथिलता एवं तानाशाही से तंग आ कर सामूहिक इस्तीफा डीएम को सौंप दिया. इस्तीफे की कॉपी 23 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2016 7:25 AM
नगर पर्षद के कार्यपालक अधिकारी पर लगाया मनमानी का आरोप
भभुआ कार्यालय : गुरुवार को नगर पर्षद के सभापति बजरंग बहादुर सिंह, उपसभापति सरफराज गद्दी सहित 14 पार्षदों ने नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी दीनानाथ सिंह के मनमानी, शिथिलता एवं तानाशाही से तंग आ कर सामूहिक इस्तीफा डीएम को सौंप दिया. इस्तीफे की कॉपी 23 दिसंबर को मुख्यमंत्री के कैमूर आगमन पर उन्हें एवं नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को सौंपने का निर्णय लिया गया है.
गुरुवार की दोपहर नगर पर्षद स्थित सभापति के कार्यालय में पार्षदों की बैठक हुई. इसमें सभापति सहित सभी पार्षदों ने नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी के विकास कार्यों के प्रति शिथिलता व मनमानी रवैये के खिलाफ गुस्सा एवं असंतोष जाहिर किया गया. उन्होंने इस्तीफे का कारण नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी को बताया है.
सभापति बजरंग बहादुर सिंह उर्फ मलाई सिंह ने कहा कि एक साल नये बोर्ड का गठन हुए एवं मुझे सभापति बने हो गया लेकिन, अभी तक से पार्षदों के बैठक में जो भी निर्णय लिये गये उसे कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा जमीन पर नहीं उतारा गया. मुख्यमंत्री के आगमन पर नगर पर्षद ने गमला लगाने, शहर के लाइटों को ठीक कराने का निर्णय लिया गया था जिसे भी कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नहीं कराया गया. हमलोग शहरवासियों से अपने घरों को ग्रीन करने एवं गमला लगाने का आग्रह कर रहे हैं.
एलइडी लाइट लगानेवाली कंपनी लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन को बार-बार बंद पड़ी लाइटों को ठीक कराने के निर्देश देने के बावजूद ठीक नहीं कराया गया और जब कार्यपालक पदाधिकारी को प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया, तो उनके द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. बैठक में लिये गये निर्णय के मुताबिक डोर-टू-डोर कलेक्शन, सफाई संसाधन खरीदना, अलाव जलाने के निर्णय पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. हद तो तब हो गयी जब वर्षों से टिके यहां के बाबूओं ने मनमानी शुरू कर दी और सभापति सहित अन्य पार्षदों को कोई फाइल या कागजात उपलब्ध कराना बंद कर दिया. इसी को लेकर हमने मुख्यमंत्री के आगमन पर सामूहिक इस्तीफे का निर्णय लिया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
पार्षदों के समझने में अंतर है. जिन भवनों के रंग-रोगन की जरूरत नहीं है, उसको पेंट नहीं कराया गया है़ जहां मुख्यमंत्री जानेवाले थे उस जगह का रंगरोगन कराया गया है. हम किसी के दबाव में न काम किये हैं और न करेंगे.
दीनानाथ सिंह, कार्यपालक पदाधिकारी

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