एक साल से कर रहा था अपहरण की तैयारी
अपने दोस्त के रिश्तेदार की फोटो व वोटर आइडी से निकलवाया था सिम रामगढ़ : रविवार को रामगढ़ थाना क्षेत्र के जमुरना निवासी हितेश सिंह के तीन वर्षीय एकलौते बेटे श्रेयांश की अपहरण कर हत्या और उसके बाद छह लाख रुपये की फिरौती मांगने के मुख्य आरोपित अजीत ने पुलिस की पूछताछ में कई चौंकानेवाले […]
अपने दोस्त के रिश्तेदार की फोटो व वोटर आइडी से निकलवाया था सिम
रामगढ़ : रविवार को रामगढ़ थाना क्षेत्र के जमुरना निवासी हितेश सिंह के तीन वर्षीय एकलौते बेटे श्रेयांश की अपहरण कर हत्या और उसके बाद छह लाख रुपये की फिरौती मांगने के मुख्य आरोपित अजीत ने पुलिस की पूछताछ में कई चौंकानेवाले खुलासे किये हैं. उसने बताया है कि कर्ज चुकता करने के लिए उसने श्रेयांश के अपहरण कर फिरौती मांगने की योजना बनायी थी. अपहरण कर फिरौती मांगने के लिए वह एक साल पहले से ही तैयारी में लगा हुआ था.
एक महिला के आइडी रक अजीत ने निकलवाया था मोबाइल सिम
अजीत ने अपने दोस्त की बेलौड़ी की रहनेवाली एक रिश्तेदार फुलमती देवी के नाम से जारी सिम को पोर्ट कराने के लिए कहा था, तो अजीत ने गांव के ही अपने उस दोस्त से उक्त महिला का वोटर आइडी व फोटो मांगा था.
जब उसके दोस्त ने उसे वोटर आइडी एवं फोटो दी, तो अजीत ने उसका मोबाइल नंबर पोर्ट करा दिया, लेकिन महिला की फोटो और दस्तावेज की एक प्रति अपने पास रख ली. पूछताछ में पता चला है कि इसी वोटर आइडी एवं फोटो से वह सिम जारी करवा लेता था और इसकी मदद से गैरकानूनी काम किया करता था, ताकि वह पता कर सके कि पुलिस उसे पकड़ेगी या नहीं. जब उसने पाया कि पुलिस उसे नहीं पकड़ पा रही है, तो उसने सात अक्तूबर को उसी फर्जी वोटर आइडी एवं फोटो पर एक और सिम जारी करवा लिया. उस सिम को एक मोबाइल फोन में डाल कर उसने उसे गांव से दूर एक झोपड़ी में रख दिया था ताकि पुलिस वहां तक पहुंच न सके. पुलिस को पता चला है कि सात अक्तूबर को जारी सिम से उसने महज तीन कॉल्स ही किये थे.
आपराधिक मिजाज का ही आदमी है अजीत
मोहनिया एसडीपीओ मनोज राम ने बताया कि अजीत बदमाश एवं अपराधिक मनोवृत्ति का है.उसने अपहरण के बाद फिरौती मांगे जाने एवं पुलिस की पकड़ से बचने के लिए अपनी तरफ से हर शातिराना तरकीब अपनायी थी. जब वह आश्वस्त हो गया कि उक्त सिम किसी की भी पहुंच से दूर है, तब उसने श्रेयांश का अपहरण कर लिया. वह शोर मचाने लगा था, इसलिए उसने श्रेयांश की मुंह दबा कर हत्या कर दी. मारने के बाद देर शाम गांव के बाहर उसी झोपड़ी के पास जाकर उसने उसी सिम के नंबर से श्रेयांश के पिता को फोन कर फिरौती की रकम मांगी थी.