मटियारी के ग्रामीणों को नदी के कटाव से जल्द मिलेगी निजात
कटाव को रोकने के लिए ले आउट का कार्य हुआ शुरू बाढ़ नियंत्रण अधिकारियों ने मटियारी पहुंच कर दिये निर्देश रामगढ़ : लंबे दिनों से मटियारी गांव से होकर गुजरी दुर्गावती नदी के कटाव से खतरे का दंश झेल रहे ग्रामीणों को अब बहुत जल्द निजात मिलनेवाली है. नदी की कटाव को लेकर बाढ़ नियंत्रण […]
कटाव को रोकने के लिए ले आउट का कार्य हुआ शुरू
बाढ़ नियंत्रण अधिकारियों ने मटियारी पहुंच कर दिये निर्देश
रामगढ़ : लंबे दिनों से मटियारी गांव से होकर गुजरी दुर्गावती नदी के कटाव से खतरे का दंश झेल रहे ग्रामीणों को अब बहुत जल्द निजात मिलनेवाली है. नदी की कटाव को लेकर बाढ़ नियंत्रण अधिकारियों की टीम मटियारी गांव पहुंची और उस जगहों का ले आउट का कार्य कराया जा रहा है. साथ ही कई आवश्यक दिशा निर्देश ठेकेदार को दिया गया. नदी के कटाव को रोकने को लेकर किये जा रहे कार्यों को देख ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. ग्रामीणों ने इस पहल को लेकर पूर्व सांसद जगदानंद सिंह को बधाई दी है.
गौरतलब है कि बरसात के दिनों या सोन उच्चस्तरीय या बराजों से पानी दुर्गावती नदी में छोड़े जाने पर नदी के तट पर बसे गांव के लोगों को खतरे की घंटी बज जाती थी. खतरे को देखते हुए गांव के कई लोग अपना ठिकाना बदल लेते थे. नदी को कटाव को रोकने के लिए अधिकारियों की पहल जारी है.
1400 की आबादी खतरे के निशान पर
कटाव से बचाने को लेकर ठेकेदार द्वारा ले आउट के बाद कार्य को मूर्त रूप दिया जाने लगा है. गांव की आबादी लगभग 1400 बतायी जाती है. नदी में पानी आने व इसे ओवरफ्लो होने पर ग्रामीण भयभीत हो जाते थे. करीब आठ सौ फुट लंबा, 32 फुट ऊंचाईयों में नदी के कटान होने से रोकने हेतु कार्य को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. पता चला है कि इस कार्य को लेकर करीब 23 लाख का टेंडर पास हुआ है. ठेकेदार संजय सिंह ने बाढ़ नियंत्रण अधिकारी (जीएम) के निर्देशन पर कार्य में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जा रही है. नदी वाले दोनों किनारों पर जीवो बैग इतेमाल किया जा रहा हैं.
ठेकेदार संजय सिंह ने कहा कि 32 लाख रुपये की लागत से नदी के दोनों छोर पर जीवो बेस का कार्य चल रहा है. ग्रामीण की मांग है कि नदी में उतरने व चढ़ने को लेकर सीढ़ी बनवाने व कुछ जगह छोड़ने की बातें कही जा रही है. ठेकेदार ने यह भी बताया ग्रामीणों की मांग को लेकर जब बाढ़ नियंत्रण एससी से बातें की गयीं, तो उनके द्वारा जवाब मिला कि पूर्व सांसद जगदानंद सिंह द्वारा कहे जाने पर ही सीढ़ी का जगह छोड़ा जा सकता है.