दुर्गावती. स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के कर्णपूरा गांव निवासी शिवाजी सिंह के होली पर्व पर 14 वर्ष के बाद घर आने पर परिजनों ने उनका भव्य स्वागत किया और उन्हें देखने के लिए काफी संख्या में गांव घर के लोग पहुंचने लगे. कर्णपूरा गांव निवासी स्वर्गीय शिव गोविंद सिंह के पुत्र उम्र लगभग 45 वर्षीय शिवाजी सिंह लगभग 14 वर्ष पहले अपने घर से किसी कारण से निकल गये थे और पटना में रहकर अपना गुजर बसर कर रहे थे. इसी बीच उनकी तबीयत काफी खराब हो गयी. भारत ज्ञान विज्ञान समिति द्वारा बेघर कार्यक्रम पटना में चलता है, जहां स्ट्रीट मेडिसिन टीम को बीमार अवस्था में करबिगहिया पटना में शिवाजी सिंह मिले. टीम द्वारा उनका इलाज पीएमसीएच पटना में कराया गया. चिकित्सकों ने मेमोरी लास बताया और लंबे समय तक इलाज की सलाह दी है. शिवाजी सिंह को भारत ज्ञान विज्ञान समिति के रिकवरी सेल्टर दानापुर पटना में रखा गया और उनके खाने, रहने आदि की समुचित व्यवस्था की गयी. इस तरह के अन्य मरीज भी वहां रहते हैं. इस दौरन काउंसलर के रूप में बिरजू प्रसाद सितंबर 2024 में सेल्टर में आये, वे लगातार शिवजी सिंह की काउंसेलिंग करने लगे. काफी प्रयास के बाद शिवाजी सिंह को कुछ कुछ याद आने पर उनकी पहचान हो पायी. वहीं, जब शिवाजी के परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो काफी संख्या में लोग रिकवरी सेल्टर दानापुर पटना पहुंचे. इलाज के बाद जब शिवाजी सिंह स्वस्थ हो गये तो उन्हें सेल्टर इंचार्ज मुरलीधर, काउंसलर बिरजू प्रसाद, सेल्टर में कार्यरत चिकित्सक राजीव नयन पांडेय और भूषण ठाकुर लेकर उनके गांव कर्णपुरा आये. शिवाजी सिंह के घर पहुंचते ही काफी संख्या में लोग उनका तथा टीम का भव्य स्वागत किया गया. उनकी तीन बहने हैं, उनकी शादी सासाराम जिला के एक गांव में हुई थी. शिवाजी के माता-पिता का निधन भी इस दौरान हो गया था. उनकी पत्नी सीमा देवी अपने मायके एक मंदिर में गुजर बसर कर रही थी. मौके पर कर्णपुरा पंचायत के मुखिया अंगद यादव, पंचायत समिति सदस्य प्रेम कुमार गोंड, वार्ड सदस्य रवि कुमार आदि की मौजूदगी में शिवाजी सिंह को उनकी पत्नी सीमा देवी को सुपुर्द किया गया. इस संबंध में भारत ज्ञान विज्ञान समिति के रिकवरी सेल्टर इंचार्ज मुरलीधर ने बताया कि शिवाजी सिंह अब स्वस्थ हैं और उन्हें उनके परिजनों को सुपुर्द कर उन्हें बहुत खुशी हो रही है.
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