बिना वैध कागजात के किरायेदार रखने पर होगी कार्रवाई
शहर में बिना वैध कागजात के किरायेदार रखने पर अब आपराधिक प्रवृति के लोगों के साथ-साथ वैसे मकान मालिकों पर भी पुलिस कार्रवाई करेगी
भभुआ सदर. शहर में बिना वैध कागजात के किरायेदार रखने पर अब आपराधिक प्रवृति के लोगों के साथ-साथ वैसे मकान मालिकों पर भी पुलिस कार्रवाई करेगी. इसको लेकर सदर थाना पुलिस ने फरमान जारी करते हुए मकान मालिकों को मकान में रखे गये किरायेदारों का बायोडाटा सहित जानकारी देने का निर्देश जारी किया है. दरअसल, अपराध पर अंकुश लगाने के लिए सदर पुलिस ने यह कार्य योजना तैयार की है. इसके लिए अब शहर में स्थित मकान मालिकों को अपने घर में रखे गये किरायेदारों का बॉयोडेटा व आधार नंबर थाने में जमा कराना होगा, इसके बाद पुलिस इसकी जांच-पड़ताल करेगी. बॉयोडेटा में आधार कार्ड की छायाप्रति अनिवार्य है. शहरी मकान मालिक अपने किरायेदार का बॉयोडेटा स्थानीय थाने में देंगे, जिसकी जांच पुलिस करेगी. जानकारी के अनुसार, अपराध पर रोकथाम को लेकर एसपी ललित मोहन शर्मा के निर्देश पर यह कार्य योजना तैयार की गयी है. इस योजना से असामाजिक तत्वों की पहचान करने में आसानी होगी. गौरतलब है कि पुलिस कई बार फरार चल रहे अपराधियों की जब एड्रेस की जांच करती है, तो कुछ पते फर्जी निकलते हैं. ऐसी स्थिति में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. इसके चलते अब पुलिस शहर के मकानों की छानबीन कर किराये पर रह रहे लोगों की जांच-पड़ताल भी करेगी. = किरायेदार बन दे रहे हैं आपराधिक घटनाओं को अंजाम भभुआ शहर के विकसित होते ही यहां नये-नये कॉलोनियों का विस्तार हुआ है. ऐसे बने कॉलोनियों में ज्यादातर मकान मालिक अपने मकानों को किराये के रूप में देते हैं. इनमें कई ऐसे असामाजिक तत्व भी शामिल हाे जाते हैं जो लूटपाट व अन्य आपराधिक घटनाओं में शामिल होकर अपने किराये के ठिकाने पर पहुंच जाते हैं और इसकी जानकारी मकान मालिक को भी नहीं मिल पाती. गुरुवार को भी ऐसा ही हुआ, जब पुलिस देवीजी रोड में उत्पात मचाने वाले बदमाशों की जानकारी लेने छावनी मुहल्ला पहुंची, तो पता चला कि बदमाश किराये के मकान में रहते थे, जिनकी जानकारी मकान मालिकों के पास भी नहीं है. = शहर में हैं 10 हजार से अधिक मकान भभुआ नगर पर्षद क्षेत्र में लगभग 10 हजार से अधिक आवासीय मकान हैं. एक अनुमान के अनुसार शहरी क्षेत्रों में करीब पांच हजार लोग किराये पर रहते हैं. शहर में दर्जनों कार्यालय, स्कूल व बैंकों की संस्थाएं भी शामिल हैं, जिनके कार्य को लेकर अधिकारी व कर्मचारियों ने शहर में किराये का मकान ले रखा है. इसके अलावा पठन-पाठन को लेकर छात्र और शिक्षक भी बतौर किरायेदार शामिल हैं, जिनका बॉयोडेटा स्थानीय पुलिस के पास नहीं है. बगैर बॉयोडेटा के रहने से पुलिस की भी मुश्किलें बढ़ जाती है और अपराध पर अंकुश लगाने में पुलिस दौड़ती फिरती है. = आदेश नहीं मानने वालों पर होगी कार्रवाई थाने में किरायेदारों का आधार व बायोडाटा जमा कराने के संबंध में सदर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि मकान मालिकों को अपने घर में रखे गये किरायेदार का बॉयोडेटा पुलिस प्रशासन को हर हाल में देना होगा. पुलिस भी अपने स्तर से शहर में भाड़े पर रहनेवाले लोगों का बायोडाटा जुटा रही है. अगर, किसी के मकान से आपराधिक तत्वों की गिरफ्तारी होती है, तो वैसी स्थिति में अपराधियों के साथ साथ मकान मालिक पर भी कार्रवाई की जायेगी.