मोहनिया सदर. अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी मोहनिया श्रीयांश तिवारी ने विगत 14 दिसंबर को जारी किये अपने आदेश में बदलाव किया है. यहां कटराकलां पंचायत में अविवाहित युवती को वार्ड सदस्य प्रदीप कुमार साह की पत्नी बता कर मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ दिये जाने के मामले में अब नया आदेश जारी किया गया है. जारी नये आदेश में आवास सहायक प्रवीण कुमार राय पर अनुशासनिक कार्रवाई करने व लाभुक प्रियंका कुमारी से आवास योजना की राशि की रिकवरी करने का आदेश जारी किया गया है. इस मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी को यह आदेश दिया गया है कि आवश्यकतानुसार वे संबंधित आवास सहायक पर प्राथमिकी भी दर्ज करा सकते हैं. इसके पूर्व 14 दिसंबर को लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा जारी आदेश में बीडीओ, आवास सहायक व लाभुक पर विधि सम्मत प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुशंसा उप विकास आयुक्त से की गयी थी. दरअसल, यह मामला तब संज्ञान में आया, जब कटराकलां पंचायत की मुखिया सीमा देवी द्वारा इस मामले में अनुमंडलीय लोग शिकायत निवारण केंद्र में परिवार दायर किया गया. उसकी सुनवाई करते हुए उक्त आदेश पारित किया गया है. उक्त मामले में मोहनिया बीडीओ की कोई भूमिका नहीं पायी गयी. साथ ही जब उनकी जानकारी में मामला आया तो उनके द्वारा आवास सहायक से स्पष्टीकरण पूछा गया था. # पूरे प्रकरण में आवास सहायक को ही ठहराया गया दोषी इस पूरे प्रकरण में आवास सहायक प्रवीण कुमार को ही दोषी ठहराया गया है, जिस तरह उसने नियमों की अनदेखी कर एक अविवाहित युवती को आवास योजना का लाभ दे दिया. जबकि, उस युवती का नाम ग्रामसभा की पंजी में भी अंकित नहीं है. उक्त मामला प्रभात खबर में बुधवार को बीडीओ, आवास सहायक व लाभुक पर होगा केस नामक शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर छपने के बाद प्रखंड से लेकर जिला तक मामले को लेकर हलचल तेज हो गयी. आनन-फानन में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा जारी उस आदेश में बदलाव किया गया, जिसमें बीडीओ पर भी प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुशंसा उप विकास आयुक्त से की गयी थी. # वार्ड सदस्य ने तीसरी किस्त के भुगतान के लिए लगायी थी गुहार लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा अपने निर्णय में यह लिखा गया है कि प्रदीप कुमार साह द्वारा लोक प्राधिकार से लिखित आवेदन देकर यह गुहार लगायी गयी है कि उसकी होने वाली तथाकथित पत्नी से उसकी शादी टूट चुकी है, इसलिए उसको आवास योजना की तीसरी किस्त की राशि नहीं मिल पा रही है. जबकि, आवास योजना की राशि प्रदीप कुमार साह की तथाकथित पत्नी के खाते में भेजी गयी थी और उसने दो किस्त की राशि 90000 रुपये की निकासी कर प्रदीप कुमार को दे दिया है, जिससे उसका आवास भी लगभग पूर्ण हो गया है. हालांकि, मामला चाहे जो भी हो लेकिन इस पूरे प्रकरण में सबसे ज्यादा दोषी आवास सहायक को ही ठहराया गया है. आवास सहायक की करनी ने प्रशासन की खूब खिल्ली उड़वाया और आवास योजना में प्रशासन की पारदर्शिता को भी बेपर्दा कर दिया.
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