सीएनजी ऑटो की रफ्तार पर ब्रेक लगाने में प्रशासन फेल
जिला प्रशासन पुलिस ट्रैफिक या परिवहन द्वारा सीएनजी ऑटो की रफ्तार पर ब्रेक लगाने में फेल होने के कारण इससे होने वाले मौत का सिलसिला लगातार जारी है.
भभुआ कार्यालय. आखिर ऑटो सीएनजी की रफ्तार से मौत का सिलसिला कब रुकेगा, यह अब बड़ा सवाल हो गया है. क्योंकि, जिला प्रशासन पुलिस ट्रैफिक या परिवहन द्वारा सीएनजी ऑटो की रफ्तार पर ब्रेक लगाने में फेल होने के कारण इससे होने वाले मौत का सिलसिला लगातार जारी है. नवंबर महीने में बेलांव थाना क्षेत्र के सोहंसा गांव निवासी लालू दुबे के पुत्र दीपांशु दुबे की तेज रफ्तार सीएनजी ऑटो के पेड़ में टकरा जाने के कारण भभुआ-मोहनिया रोड पर मौत हो गयी थी, अभी उस घटना के 25 दिन भी नहीं बीते कि एक बार फिर तेज रफ्तार सीएनजी ऑटो ने एक और पढ़ने वाले छात्र की जान ले ली है. दीपांशु भी 30 नवंबर को बनारस से रेलवे की परीक्षा देकर ट्रेन से मोहनिया स्टेशन पर उतरा था और वहां से सीएनजी ऑटो पड़कर अपने घर भभुआ आ रहा था, इसी दरमियान सीएनजी ऑटो के पेड़ में भभुआ-मोहनिया रोड पर टकरा जाने के कारण उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी. दीपांशु अपने घर का होनहार लड़का था, उसकी काबिलियत को देख माता-पिता को उससे काफी उम्मीदें थी, लेकिन इस सीएनजी ऑटो की रफ्तार में जहां एक होनहार छात्र की जिंदगी छीन ली, वहीं माता-पिता की बुढ़ापे की लाठी को भी तोड़ दिया. अभी इस घटना को लोग भूल भी नहीं पाये थे कि एक बार फिर 23 दिसंबर को दरभंगा से परीक्षा देकर भभुआ शहर के वार्ड नंबर 12 निवासी अशोक चौरसिया का बेटा आशीष कुमार चौरसिया लौट रहा था, उस ऑटो पर आशीष के अलावा भभुआ वार्ड नंबर 12 का विकास कुमार बेतिया जिले के राहुल राज और बिहारशरीफ के राजूराम भी सवार थे. वे लोग मोहनिया से भभुआ आ रहे थे, इसी क्रम में मंडलकारा के समीप तेज रफ्तार में रही सीएनजी ऑटो अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गया, जिसमें उक्त सभी चारों लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये. यहां गंभीर रूप से घायल सभी चारों लोगों को बनारस रेफर कर दिया गया था, जिसमें 27 दिसंबर को आशीष चौरसिया की इलाज के दौरान मौत हो गयी. इसके अलावा तीन लोग विकास राहुल व राजू की गंभीर स्थिति में अभी इलाज चल रहा है. इस तरह से महज 25 दिनों के अंदर ही तेज रफ्तार सीएनजी ऑटो ने दो होनहार छात्रों की जान ले ली है और आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये हैं, इसके बावजूद इन ऑटो चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण इनकी रफ्तार पर कोई ब्रेक नहीं लग रहा है और यह लगातार प्रशासनिक नाकामी के कारण लोगों की जान ले रहे हैं. वकील की जान जाने पर हुआ था आंदोलन छह महीने पहले इसी सीएनजी ऑटो की तेज रफ्तार से भभुआ व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता अमरेंद्र पांडे की जान चली गयी थी. इसके बाद सीएनजी ऑटो की रफ्तार के कारण अधिवक्ता की जान जाने पर व्यवहार न्यायालय के वकीलों द्वारा लंबे समय तक आंदोलन किया गया था, कई दिनों तक कामकाज को ठप भी रखा गया था. वकील से लेकर आम लोगों द्वारा लगातार यह मामला उठाया जा रहा है कि सीएनजी ऑटो की रफ्तार लोगों की जान ले रही है, लेकिन इन सब के बावजूद पुलिस प्रशासन परिवहन और ट्रैफिक विभाग द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिये जाने के कारण सीएनजी ऑटो की रफ्तार पर ब्रेक नहीं लग रहा है और लोगों की जान जाने का सिलसिला अभी जारी है. जिले के भभुआ-मोहनिया रोड पर खासकर सीएनजी ऑटो की रफ्तार हवा से बात करती है. उसे रोड पर गुजरने वाले हर लोग सीएनजी की रफ्तार पर ब्रेक लगाने की गुहार प्रशासन से लगा रहे हैं, लेकिन इस पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण सीएनजी के दुर्घटनाग्रस्त होने का सिलसिला जारी है. = कहां है ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग सीएनजी ऑटो की रफ्तार पर ब्रेक लगाने की पहली जवाबदेही ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग के ऊपर है. जिले में सरकार द्वारा ट्रैफिक व्यवस्था व यातायात नियमों का पालन करने के साथ-साथ दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए ट्रैफिक थाना खोला गया है. ट्रैफिक थाना का इंचार्ज डीएसपी स्तर के अधिकारी को बनाया गया है. ट्रैफिक थाना खोल कर ट्रैफिक थाने की पुलिस भभुआ और मोहनिया में तैनात किये गये हैं, लेकिन बड़ी बात यह है कि सीएनजी ऑटो से सबसे अधिक मौत भभुआ और मोहनिया के बीच ही सड़कों पर हो रही है. परिवहन विभाग की बात करें तो वह भी कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करता ही नजर आता है. इन दोनों विभाग द्वारा सीएनजी ऑटो पर कार्रवाई में फेल होने के बाद जिला प्रशासन व पुलिस के स्तर से भी सख्ती से कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण दुर्घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है. = भभुआ-मोहनिया रोड पर हवा से बात करता है सीएनजी ऑटो भभुआ-मोहनिया रोड पर सीएनजी ऑटो सबसे अधिक संख्या में चलता है और खास बात यह कि इस सड़क पर सीएनजी ऑटो अक्सर आपको हवा से बात करते दिख जायेगा. सीएनजी ऑटो की रफ्तार इतनी तेज होती है कि वह अपनी रफ्तार से अन्य गाड़ियों को पीछे छोड़ देता है. ऑटो पर क्षमता से अधिक सवारी होने के बावजूद वह 80 से 100 की रफ्तार में सड़क पर चलते हैं और अक्सर अनियंत्रित होकर आसपास के पेड़ से टकरा जाते हैं या बगल के चाट में गिर कर लोगों की जान ले लेते हैं. ऑटो की तेज रफ्तार के पीछे उन्हें अधिक से अधिक फेरा लगाने की जल्दीबाजी रहती है. भभुआ-मोहनिया रोड के बीच वह तेजी से सवारी को पहुंच कर दूसरा फेरा लगाने के लिए वह बेतहाशा रफ्तार में चलते हैं और इस पर कोई रोक लगाने वाला नहीं है. = क्या कहते हैं डीएम डीएम सावन कुमार ने बताया कि सीएनजी ऑटो की रफ्तार को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं, इसे लेकर मेरे द्वारा संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाया जा रहा है. अभियान चलाकर इनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है