कैमूर में शिलान्यास के चार साल बाद भी अकोढ़ी नदी पुल का काम अधूरा, जान जोखिम में डाल जा रहे वाहन चालक
कैमूर के रामगढ़ में शिलान्यास के चार साल बाद भी मोहनिया-बक्सर पथ पर दो जिलों को जोड़ने वाले निर्माणाधीन अकोढ़ी नदी पुल का निर्माण अबतक पूरा नहीं हो सका है.
शिलान्यास के चार साल बाद भी मोहनिया-बक्सर पथ पर दो जिलों को जोड़ने वाले निर्माणाधीन अकोढ़ी नदी पुल का निर्माण अबतक पूरा नहीं हो सका है. नदी पर बनाये गये डायवर्सन नदी की आगोश में समाहित होने और एक बार फिर विवश होकर पुल के दोनों तरफ लगाये गये ओवरहाइट लोहे के खंभे को हटाते हुए जान जोखिम में डाल कर बड़े वाहनों के चालक पुराने क्षतिग्रस्त नदी पुल के रास्ते बक्सर व भभुआ के विभिन्न शहरों में पहुंच रहे हैं. ऐसे में क्षतिग्रस्त पुल से गुजर रहे बड़े वाहन कब किस हादसे का शिकार हो जाये, यह कह पाना मुश्किल है.
कभी भी हो सकता है हादसा
हादसे के बाद इसका जिम्मेदार कौन होगा, यह भी लोगों के बीच एक यक्ष प्रश्न बने हुए है. वैसे तो देश के राजनैतिक नेता खुद को विश्व गुरु बनने व इन्फ्राट्रक्चर के मामले में अव्वल होने का दावा मंच के माध्यम से करते रहे हैं. धरातल का सच बयान करने के लिए यह तस्वीर ही काफी है.
2015 में पुल के दोनों तरफ लगा लोहे के बैरियर
दो जिलों को जोड़ने वाले मोहनिया-बक्सर पथ के अकोढ़ी नदी पुल में वर्ष 2015 में पुल के पाये में आयी तकनीकी खराबी के कारण पुल निर्माण विभाग द्वारा पुल के दोनों तरफ लोहे के बैरियर लगा कर उक्त पुल से बड़े वाहनों के गुजरने पर रोक लगा दी गयी थी. इस बाबत बिहार सरकार द्वारा लोगों की जरूरत को देखते हुए पुराने पुल से सटे लगभग 19 करोड़ की लागत से नये पुल निर्माण की मंजूरी दे दी गयी.
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2018 में नये पुल का शिलान्यास किया गया था
पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह द्वारा 20 मई 2018 को ओड़ियाडीह गांव के समीप नये पुल का शिलान्यास किया गया. उस वक्त संवेदक द्वारा लोगों के बीच गर्मजोशी से 18 माह के भीतर पुल निर्माण कार्य पूरे होने का दावा व इस बीच अस्थायी तौर पर बड़े वाहनों के गुजरने के लिए दुर्गावती नदी पर डायवर्सन का निर्माण कर बड़े वाहनों के परिचालन का वादा किया गया था.
कई लोग हो चुके है घायल
समय बीतने के साथ नदी पर बनाये गये डायवर्सन नदी के उफान में तीन बार समाहित हो चुके हैं. पुल के दोनों तरफ लगाये गये ओवरहेड लोहे के बैरियर से बीते वर्ष छठ पर्व के दौरान मैजिक वाहन से गुजर रहे एक बालक की मौत हो चुकी है. बीते सात वर्षों में कई अन्य छोटे वाहनों से गुजरने के दौरान कई लोग घायल हो चुके. किंतु पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका.