मेरे विभाग के अधिकारी हैं चोर, मैं हूं चोरों के ‘सरदार’, बिहार के कृषि मंत्री ने खोली खुद के विभाग की पोल
बिहार सरकार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह अपने ही विभाग की भरे मंचसे पोल खोल दी है. कैमूर जिले के चांद प्रखंड में किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों पर जमकर हमला बोला.
कैमूर. बिहार सरकार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह अपने ही विभाग की भरे मंचसे पोल खोल दी है. कैमूर जिले के चांद प्रखंड में किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों पर जमकर हमला बोला. सुधाकर सिंह ने कहा कि कृषि विभाग के लोग चोर हैं और वो खुद इन चोरों के सरदार बन गये हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उनके ऊपर भी और कई सरदार हैं. सुधाकर सिंह ने कहा कि सरकार वही पुरानी है और इसके चाल चलन भी नहीं बदले हैं. हम लोग तो कहीं-कहीं हैं, लेकिन जनता को लगातार सरकार को आगाह करना होगा.
कैमूर जिले में सारे भ्रष्ट अधिकारी
कृषि मंत्री इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने बीज निगम की कार्यशैली पर एतराज जताया. उन्होंने मंच से ही कहा कि जिन किसानों को धान की अच्छी खेती करनी होती है, वह बिहार राज्य बीज निगम के धान के बीज नहीं लेते हैं. अगर किसी कारण ले भी जाते हैं तो उसे अपने खेतों में नहीं डालते हैं. उन्होंने कहा कि हर साल बीज निगम वाले किसानों को राहत देने की जगह सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपये की चोरी कर लेते हैं. कैमूर जिले में सारे भ्रष्ट अधिकारी भरे पड़े हैं.
फूंकते रहिए मेरा पुतला
कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि हमारे विभाग का कोई ऐसा अंग नहीं है, जो चोरी नहीं करता होगा. इस तरह से हम चोरों के सरदार हुए. आप पुतला फूंकते रहिए. इससे मुझे याद रहेगा कि किसान मुझसे नाराज हैं. अगर ऐसा नहीं करेंगे, तो यह लगेगा कि जिले में सब ठीक चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगर कैबिनेट में मैं अकेले बोलता हूं तो उन्हें लगता है कि इनकी अपनी समस्या है. अगर हर कोई बोलेगा तो हमारे ऊपर जो बैठे लोग हैं वो भी सुनेंगे.
मेरे मंत्री बनने का क्या फायदा
इस मौके पर चैनपुर से विधायक और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान का बिना नाम लिये उन्होंने कहा कि इसके पहले भी सरकार में यहां से वह मंत्री रह चुके थे, उसके बावजूद यहां के लोगों की स्थिति जब नहीं बदली, तो मुझे मंत्री बनाया गया. अब जिले में दो-दो मंत्री आ गये हैं. इसके बाद भी स्थिति नहीं बदलती है, तो मेरे मंत्री बनने से क्या फायदा.