एक कार्यालय ऐसा भी, जहां केवल अंगूठा लगाने के लिए आते हैं कर्मचारी

जिले में एक ऐसा कार्यालय भी है जहां कार्यालय में कार्यरत बाबूओं के पास कार्य करने के लिए कोई कार्य ही नहीं है, बल्कि सुबह से शाम तक कार्यालय में बैठकर बाबू गपशप करते हैं या बायोमेट्रिक सिस्टम पर अंगूठा लगाने के बाद घर चले जाते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | April 20, 2024 8:53 PM

भभुआ नगर. अब तक आप ने यही देखा होगा कि कार्यालय में कार्य ज्यादा रहने व कार्यालय में कार्यरत बाबूओं व लिपिकों या कर्मियों की कमी के चलते समय से कार्य पूरा नहीं हो पता है. एक कार्य के लिए लोगों को कई कई दिन विभाग का चक्कर लगाना पड़ता है, जहां चक्कर लगा रहे फरियादियों को बाबूओं द्वारा एक ही समस्या सुनायी जाती है कि कार्यालय में कार्य अधिक रहने के कारण समय पर कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है. लेकिन, जिले में एक ऐसा कार्यालय भी है जहां कार्यालय में कार्यरत बाबूओं के पास कार्य करने के लिए कोई कार्य ही नहीं है, बल्कि सुबह से शाम तक कार्यालय में बैठकर बाबू गपशप करते हैं या बायोमेट्रिक सिस्टम पर अंगूठा लगाने के बाद घर चले जाते हैं. यह कार्यालय जिले में कहीं और नहीं, बल्कि जिला मुख्यालय स्थित कमांड क्षेत्र में ही स्थित विकास प्रमंडल कार्यालय है, जहां पुलिस लाइन के समीप स्थित कमांड क्षेत्र विकास प्रमंडल कार्यालय में कार्यरत कर्मी कार्यालय में कार्य करने नहीं बल्कि प्रतिदिन केवल बायोमेट्रिक सिस्टम पर अंगूठा लगाने के लिए आते हैं. हालांकि कार्यालय में कार्यरत कर्मी बायोमेट्रिक सिस्टम पर अंगूठा लगाने के बाद आधे घंटे तक कार्यालय में बैठकर गपशप करते हैं व अपने घर को चल जाते हैं. लेकिन फिर से चार के बाद कर्मी वापस कार्यालय आते हैं व एक बार फिर बायोमेट्रिक सिस्टम पर अंगूठा लगाने के बाद घर चले जाते हैं. = कार्यालय में कार्यरत हैं 6 महिला व 12 पुरुष कर्मी कमांड क्षेत्र विकास प्रमंडल कार्यालय में कार्यपालक अभियंता सहित छह महिला व 12 पुरुष कर्मी कार्यरत है, सभी कार्यरत कर्मी समय 10:00 बजे से 10 मिनट पहले कार्यालय पर पहुंच जाते व कार्यालय में बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने के बाद एक-दो कर्मी व लिपिक को छोड़ कर अधिकतर कर्मी अपने घर को लौट जाते हैं, लेकिन 4:00 बजते ही यानी कार्यालय बंद होने से एक घंटे पहले कर्मी कार्यालय पहुंचते हैं और बायोमेट्रिक सिस्टम पर अटेंडेंस लगाने के बाद घर लौट जाते हैं. = महिला कर्मियों को शौच के लिए जाना पड़ता है घर कमांड क्षेत्र विकास कार्यालय में कार्यरत कर्मियों को शौच करने के लिए कार्यालय के इर्द-गिर्द बने दूसरे सरकारी कार्यालय के शौचालय का सहारा लेना पड़ता है या महिला कर्मियों को शौच करने के लिए अपने घर जाना पड़ता है, यानी कार्यालय में 18 कर्मी तैनात हैं, जिसमें से छह महिला कर्मी तैनात है लेकिन महिला कर्मियों को तो बात दूर है पुरुष कर्मियों को भी शौच करने के लिए भटकना पड़ता है. = कार्यालय का भवन भी है जर्जर कार्यालय की भवन भी जर्जर स्थिति में है, जान जोखिम में डालकर कर्मी कार्यालय का ताला खोलते हैं व कार्यालय में बैठते हैं. क्योंकि कर्मियों का कहना है कि कार्यालय में फाइलों से संबंधित कोई कार्य कर्मियों के पास नहीं है, केवल कर्मी कार्यालय में बैठकर समय बिताते हैं लेकिन कार्यालय में बैठने के दौरान ही भवन क्षतिग्रस्त रहने के कारण कोई हादसा ना हो जाये, इससे कर्मी भी चिंतित रहते हैं. = चापाकल भी महीनों से पड़ा है खराब कमांड क्षेत्र विकास प्रमंडल कार्यालय में कार्यरत प्रधान लिपिक मणिकांत निराला सहित अन्य कर्मियों का कहना था कि कार्यालय के भवन की स्थिति काफी खराब है. वहीं कार्यालय में कार्यरत कर्मियों को पानी पीने के लिए भी भटकना पड़ता है. प्रधान लिपिक ने कहा कि कार्यालय के समीप चापाकल लगा हुआ है, जो महीनों से बंद पड़ा हुआ है. कर्मियों ने कहा कि चापाकल की मरम्मत के लिए पीएचइडी को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है, इसके बावजूद चापाकल की स्थिति ठीक नहीं हुई है. अ = बगैर कार्य के ही 15 लाख मानदेय का भुगतान कमांड क्षेत्र विकास प्रमंडल कार्यालय में बाबूओं के कार्य करने के लिए कोई कार्य नहीं है. लेकिन, प्रति महीने सरकार द्वारा 15 लाख से अधिक मानदेय का भुगतान किया जाता है और कर्मी केवल कार्य नहीं करने बल्कि कार्यालय में बायोमेट्रिक सिस्टम पर हाजिरी लगाने के लिए प्रतिदिन कार्यालय पहुंचते हैं. हाजिरी लगाने के बाद कार्यालय में या घर पर ही आराम फरमाते हैं, इसके बावजूद प्रति महीने लाखों रुपये का भुगतान किया जाता है. बोले अधिकारी….. = इस संबंध में पूछे जाने पर कार्यपालक अभियंता रघुवंश प्रसाद ने बताया कि अधिकतर कार्य सिंचाई विभाग में शिफ्ट हो गया है. चेनारी क्षेत्र में माइनर एलिगेशन का कुछ कार्य बाकी रह गया है, गेहूं की कटाई के बाद कार्य प्रारंभ होगा. औरंगाबाद में उत्तर कोयल नदी तटबंध पर कार्य करने के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है. साथ ही कहा कि भभुआ कार्यालय में तीन डिवीजन को शिफ्ट किया गया है, लेकिन भवन जर्जर है. जल्द ही डेहरी में कार्यालय शिफ्ट किया जायेगा.

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