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निजी विद्यालय में नि:शुल्क नामांकन के लिए अब 10 फरवरी तक आवेदन

जिले के सभी निबंधित निजी विद्यालयों में आरटीइ शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत जिले के 25 फीसदी सीटों पर गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया जा रहा है.

भभुआ नगर. जिले के सभी निबंधित निजी विद्यालयों में आरटीइ शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत जिले के 25 फीसदी सीटों पर गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया जा रहा है. हालांकि, नामांकन के लिए गरीबी रेखा से नीचे रह रहे छात्र-छात्राओं व अभिभावकों को इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इधर, आरटीइ के तहत निजी विद्यालय में नामांकन के लिए पूर्व से निर्धारित तिथि में बदलाव किया गया है. अब छात्र-छात्राएं व अभिभावक निजी विद्यालय में नामांकन के लिए 10 फरवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन करने के बाद 10 फरवरी को ही छात्रों का पंजीकरण किया जायेगा व 15 फरवरी तक पंजीकृत छात्रों का सत्यापन किया जायेगा. सत्यापित छात्रों को 17 फरवरी को ऑनलाइन विद्यालय का आवंटन किया जायेगा व चयनित छात्रों का नामांकन विद्यालयों में 18 फरवरी से 28 फरवरी तक लिया जायेगा. गरीबी रेखा से नीचे रह रहे छात्रों का आरटीइ के तहत निजी विद्यालयों में नामांकन के लिए निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने सभी अभिभावकों से अपील की है. निदेशक द्वारा अपील के माध्यम से कहा है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रस्वीकृति प्राप्त अलाभकारी समूह और कमजोर वर्ग समूह के बच्चों को ऑनलाइन पंजीकरण के लिए 25 जनवरी तिथि निर्धारित की गयी थी, लेकिन छात्र हित में तिथि को विस्तारित किया गया है, जिससे अब 10 फरवरी तक गरीब बच्चे निजी विद्यालय में निशुल्क नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. दरअसल, निजी विद्यालयों में भी आरटीइ के तहत छात्र-छात्राओं को नामांकन में लाभ देने के लिए सरकार ने एक केंद्रीयकृत व्यवस्था लागू की है और सीट आवंटन से लेकर नामांकन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया हैं. निर्देश में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 में नामांकन के लिए छात्र व अभिभावक अब 10 फरवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. = ज्ञानदीप पोर्टल पर करना होगा आवेदन आरटीइ के तहत प्राइवेट स्कूलों में फ्री नामांकन के लिए विभाग के ज्ञानदीप पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. अभिभावक या बच्चे अपने मोबाइल नंबर के साथ रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. आवेदन के लिए बच्चों का जन्म दो अप्रैल 2017 से एक अप्रैल 2019 के बीच का होना चाहिए. साथ ही आवेदन करने वाले बच्चों के अभिभावकों की वार्षिक आय दो लाख रुपये से कम होनी चाहिए. = पांच स्कूलों का देना है विकल्प रजिस्ट्रेशन के समय अभिभावक या बच्चे को अपने नजदीक के पांच प्राइवेट स्कूलों का चयन करना होगा. चयनित स्कूलों में किसी एक स्कूल को आवंटित किया जायेगा, जहां छात्रों का नामांकन होगा. चयनित स्कूल से एक किलोमीटर के अंदर रहने वाले बच्चों को पहली प्राथमिकता मिलेगी. = सभी कागजातों की होगी जांच निजी विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अपने बच्चों का नामांकन कराने वाले अभिभावकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जिसमें छह विद्यालयों में नामांकन के लिए विकल्प मिलेगा. नामांकन संबंधी दस्तावेज की जांच पोर्टल पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी करेंगे. पोर्टल के माध्यम से आधार कार्ड व अन्य प्रमाण पत्रों की जांच की जायेगी. प्राप्त आवेदनों के प्रथम विकल्प के आधार पर सीट का आवंटन किया जायेगा. विद्यालय में उपलब्ध सीट से अधिक नामांकन के लिए आवेदन प्राप्त होने पर पोर्टल पर बच्चों की चयन रेंडमली की जायेगी. निर्धारित संख्या में बच्चों का नामांकन नहीं होने की स्थिति में इस प्रक्रिया को एक से अधिक बार किया जा सकेगा. पोर्टल पर नामांकित बच्चों के आधार पर पीएफएमएस से प्राइवेट स्कूलों को भुगतान होगा. पोर्टल से नामांकन की निगरानी शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी विद्यालयों में होने वाले नामांकन की निगरानी अब पोर्टल के माध्यम से की जायेगी. सरकार ने निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के नामांकन को गंभीरता से लेते हुए इसकी निगरानी करने का निर्णय लिया है. इसके लिए विभाग से पोर्टल विकसित किया गया है व पोर्टल के माध्यम से शिक्षा विभाग मुख्यालय से सभी निजी स्कूलों पर नजर रखेगा. किस स्कूल में कितने बच्चों का नामांकन वास्तव में लिया है, इसकी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध होगी. नामांकन को लेकर होने वाले फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी. = बच्चों के लिये सरकार देती है खर्च शिक्षा का अधिकार अधिनियम आरटीई के तहत कमजोर आय वर्ग के बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन लिए जाने का प्रावधान है. शिक्षा विभाग से पंजीकृत निजी विद्यालयों में कमजोर आय वर्ग के बच्चों का एडमिशन लिया जाता है. प्राइवेट स्कूल में 25 प्रतिशत सीटें गरीब बच्चों के लिए रिजर्व रहती हैं।उनके पढ़ाई का पूरा खर्च प्रदेश और केंद्र सरकार मिलकर उठाते हैं. आरटीई के तहत बच्चे का एडमिशन होने के बाद बच्चों को स्कूल में ना तो फीस देनी होती है नहीं यूनिफार्म बुक ट्रांसपोर्ट एवं अन्य फीस का भुगतान करना होता है. जिन निजी विद्यालयों को स्वीकृति प्रदान की गयी है उन्हें शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत बच्चों को मुक्त शिक्षा उपलब्ध कराना है. = 231 छात्रों ने अभी तक किया है आवेदन इधर शिक्षा विभाग से मेरी जानकारी के अनुसार पूर्व निर्धारित की गई तिथि 25 जनवरी तक मात्र 231 छात्र-छात्राओं द्वारा ज्ञानदीप पोर्टल पर आवेदन किया गया है तिथि विस्तारित होने के बाद भी ऑनलाइन आवेदन करने में छात्रों द्वारा तेजी नहीं लायी जा रही है. शिक्षा विभाग द्वारा लगातार विभिन्न माध्यमों से जनता अभियान भी चलाया जा रहा है इसके बावजूद भी ऑनलाइन नामांकन के लिए आवेदन करने की रफ्तार काफी धीमी है. बोले अधिकारी इधर इस संबंध में जानकारी देते हुये संभाग प्रभारी हरिनारायण ओझा ने कहां की आरटीई के तहत गरीबी रेखा के बच्चों का पंजीकृत सभी 219 निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीट पर नामांकन होगी नामांकन के लिए एवं अभिभावक ज्ञानदीप पोर्टल 10 फरवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

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