भभुआ. पैक्स सदस्य बनने को लेकर जिला सहकारिता पदाधिकारी के न्यायालय में अपील करने वाले आवेदकों में से 2453 आवेदकों का आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया है. जबकि, पैक्स अध्यक्षों द्वारा आवेदन को अस्वीकृत करने के बाद जिले की विभिन्न पैक्सों के 5679 आवेदकों ने पैक्स सदस्य बनने के लिए अपनी अपील जिला सहकारिता पदाधिकारी के न्यायालय में की थी. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद अब जिले में पैक्स समितियों के चुनाव की घंटी भी बज गयी है. इधर, जिला सहकारिता पदाधिकारी शशिकांत शशि ने बताया कि पैक्स के सदस्य बनने की अंतिम तिथि तीन अक्टूबर को समाप्त हो चुकी है. पैक्स निर्वाचन 2024-25 में सदस्य बनने के लिए हमारे न्यायालय में 5679 ऑनलाइन आवेदन आये थे. इसमें आरोप था कि पैक्स अध्यक्ष द्वारा आवेदक का आवेदन अस्वीकृत कर दिया गया. लेकिन, 5679 आवेदन में 5426 आवेदन ही सुनवाई योग्य पाये गये थे. इनकी सुनवाई पूरी करने के बाद 1246 आवेदकों की आपत्ति सही पाया गया था, जो सदस्य बनने की सभी औपचारिकताओं को पूरा कर रहे थे. बावजूद इसके उनके आवेदन को पैक्स स्तर पर अस्वीकृत कर दिया गया था. इसके बाद 1246 आवेदकों की सदस्यता स्वीकार कर उन्हें पैक्स सदस्य बनाया गया है. जबकि, सुनवाई में 2453 आवेदकों की अपील को पैक्स अध्यक्ष द्वारा अस्वीकृति किये गये कारण को गलत सिद्ध नहीं किये जाने के बाद उनको सदस्य योग्य नहीं पाते हुए उनके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया है. बहरहाल, पैक्स सदस्य बनने के अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी है. नियमों के अनुसार आगे होने वाले पैक्स चुनाव में पैक्स का सदस्य बनने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वालों में रिजेक्ट कर दिये गये 2453 आवेदक अब पैक्स निर्वाचन में अपना मतदान नहीं कर सकेंगे. लेकिन, सदस्यता को लेकर अंतिम तिथि को जिला सहकारिता पदाधिकारी के कार्यालय पर ऐसा संग्राम मचा था कि पुलिस को बुलानी पड़ी थी. इसके बाद सदस्य बनने की प्रक्रिया की निष्पक्षता भी सवालों के घेरे में आ चुकी है. हंगामा कर रहे लोगों ने पैक्स अध्यक्ष व अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया था. भगवानपुर प्रखंड की कसेर पंचायत के रहने वाले प्रभु नारायण, हेमा कुमारी, कुमारी शिल्पा, बिंदु कुमारी ने कहा कि पैक्स समिति सदस्य बनने के लिए हम लोगों द्वारा आवेदन किया गया था. लेकिन पैक्स अध्यक्ष द्वारा किसी प्रस्तावक को मृत घोषित कर देना या किसी को बालिग होने के बाद भी नाबालिग बताना आदि विभिन्न कारणों से जानबूझ कर आवेदन अस्वीकृत कर दिये जा रहे हैं. इसकी अपील जिला सहकारिता पदाधिकारी के कार्यालय में करने के बाद भी न्याय नहीं मिल रहा है. अधिकारी भी पैक्स अध्यक्ष के अस्वीकृत करने के कारण को सही ठहराने के लिए विभिन्न तरह के गुणा गणित करके अपील आवेदनों को खारिज कर दे रहे हैं. हालांकि, जिला सहकारिता पदाधिकारी शशिकांत शशि के अनुसार अपील की सुनवाई पैक्स निर्वाचन नियमावली के अनुसार की जाती है. नियमों के आलोक में ही आवेदनों को स्वीकृत या अस्वीकृत किया जाता है. 119 पैक्स समितियों की कार्यकारिणी का कराया जाना है चुनाव भभुआ. जिले में पैक्स समितियों के चुनाव की घंटी बज गयी है. जिले के 151 पैक्सों में 119 पैक्सों की समय सीमा समाप्त होने के बाद कार्यकारिणी भंग होने से चुनाव कराया जाना है. इसकी तिथि अभी निर्धारित नहीं है. लेकिन मतदाता सूची के प्रकाशन को लेकर बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार द्वारा निर्देश जारी कर दिया गया है. इसके अनुसार प्राथमिक कृषि साख समितियों को चार अक्तूबर 2024 तक मतदाता सूची जिला सहकारिता कार्यालय को उपलब्ध करा देना होगा. आठ अक्तूबर तक जिला सहकारिता पदाधिकारी उक्त सूची का सत्यापन करके उसे निर्वाचन प्राधिकार को उपलब्ध करा देना है. नौ अक्तूबर को निर्वाचन प्राधिकार द्वारा प्रारूप मतदाता सूची को विहित स्थलों पर प्रकाशित कराया जायेगा, जिसके बाद नौ से लेकर 22 अक्तूबर तक मतदाता सूची में किसी तरह की गड़बड़ी को लेकर लोग दावा, आपत्तियां दाखिल कर सकेंगे. फिर दावे और आपत्तियों का निष्पादन करने के बाद 25 अक्तूबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय सूचना पट पर, पैक्स समिति के कार्यालय सूचना पट पर तथा जिला सहकारिता पदाधिकारी के कार्यालय के सूचना पट पर कर दिया जायेगा.
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