चांद के बहदुरा में पुलिस पर हमला, बनाया बंधक, तीन पुलिसकर्मी व आठ ग्रामीण जख्मी

सासाराम संसदीय क्षेत्र के कैमूर जिला अंतर्गत चांद थाना के बहदुरा गांव में मतदान बहिष्कार के निर्णय के बावजूद दो लोगों द्वारा मतदान किये जाने पर उनके साथ ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे मारपीट का बीच बचाव करने पहुंची पुलिस पर हमला कर दिया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 1, 2024 9:23 PM

भभुआ कार्यालय. सासाराम संसदीय क्षेत्र के कैमूर जिला अंतर्गत चांद थाना के बहदुरा गांव में मतदान बहिष्कार के निर्णय के बावजूद दो लोगों द्वारा मतदान किये जाने पर उनके साथ ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे मारपीट का बीच बचाव करने पहुंची पुलिस पर हमला कर दिया गया. ग्रामीणों द्वारा एक साथ हमले किये जाने के कारण ग्रामीणों को भारी पड़ते देख पुलिसकर्मी एक घर में अंदर से दरवाजा बंद कर छत पर चले गये, आक्रोशित ग्रामीणों ने घर को घेर लिया और पुलिस वालों को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट करने लगे. पुलिस पर हमले और मारपीट में एक पुलिस के जवान का सिर फट गया और वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया. उक्त घटना की सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस बल उक्त गांव में पहुंची और लाठीचार्ज करते हुए बंधक बनाये गये पुलिसकर्मियों को मुक्त कराया. जख्मी पुलिसकर्मी को पहले चांद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए भभुआ सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. ग्रामीणों के हमले में एक गंभीर रूप से जख्मी पुलिस कर्मी के अलावा तीन अन्य पुलिसकर्मियों को भी चोटें आयी हैं. इधर पुलिस की तरफ से किये गये लाठीचार्ज और कार्रवाई में भी 8 ग्रामीण जख्मी हुए हैं, जिन्हें पुलिस द्वारा चांद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाकर इलाज कराया गया. उक्त आठ ग्रामीणों के अलावा तीन महिलाओं को भी पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है. खबर लिखे जाने तक उक्त मतदान केंद्र पर मजदूर ग्रामीणों द्वारा ही मतदान किया गया था. = बिजली व सड़क को लेकर ग्रामीणों ने किया था मतदान बहिष्कार दरअसल, बहदुरा गांव के ग्रामीण सड़क व बिजली की समस्या को लेकर मतदान बहिष्कार का निर्णय लिया था. सुबह से मतदान चालू होने के बाद किसी भी ग्रामीण द्वारा मतदान नहीं किया गया था. इसी बीच लगभग 9:00 बजे दो ग्रामीणों द्वारा मतदान बहिष्कार के विरोध में अपने मताधिकार का प्रयोग किया गया. इसी बात पर अन्य ग्रामीण भड़क गये कि जब गांव की तरफ से मतदान बहिष्कार का निर्णय लिया गया था, तो फिर आखिर दो लोगों ने क्यों मतदान किया. ग्रामीणों द्वारा मतदान करने वाले लोगों व उन्हें मतदान करने के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्ति के साथ मारपीट करने लगे. मतदान केंद्र पर तैनात पुलिसकर्मियों को जब इसकी सूचना मिली, तो वह मारपीट कर रहे ग्रामीणों के पास पहुंचे, तो ग्रामीणों ने पुलिस पर भी हमला बोल दिया. इसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गये. ग्रामीणों की अधिक संख्या होने के कारण पुलिस ग्रामीणों से बचने के लिए एक घर में अंदर से दरवाजा बंद कर छत पर चली गयी. आक्रोशित ग्रामीण उक्त घर को घेर कर पुलिस वालों को बंधक बना लिए पुलिस वालों को नीचे से लगातार करने की धमकी दे रहे थे. बंधक बने पुलिस वालों ने वरीय अधिकारियों को सूचना दे अतिरिक्त पुलिस बल बुलवाया, जिसके बाद जब उक्त गांव में अतिरिक्त पुलिस बल पहुंची, तो बंधक बनाने वाले ग्रामीणों के ऊपर कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया और बंधक बने पुलिसकर्मियों को ग्रामीणों के चंगुल से मुक्त कराया. इस दौरान भी पुलिस और ग्रामीणों के बीच पथराव हुआ, जिसमें तीन पुलिसकर्मी सहित आठ ग्रामीण जख्मी हो गये. ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस द्वारा किये गये लाठीचार्ज और मारपीट में भी बुरी तरह से जख्मी हुए हैं, वहीं पुलिस का कहना था कि ग्रामीणों द्वारा पुलिस पर हमला किया गया व पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया गया, जिसमें एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से हम तीन अन्य पुलिसकर्मी जख्मी हुए. इसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया गया है. = घटना के दो वीडियो हो रहे हैं वायरल उक्त घटित घटना को लेकर दो वीडियो वायरल हो रहे हैं, एक वीडियो में या देखा जा रहा है कि पुलिसकर्मी घर में अंदर से दरवाजा बंद कर छत के ऊपर बंधक बने हुए है. नीचे ग्रामीण उन्हें घेरे हुए हैं और उन्हें नीचे उतरने के लिए साथ ही मारने ने के लिए कह रहे हैं. जिस घर की छत पर पुलिसकर्मी बंधक बने हुए हैं, उसे घर के आगे 50 की संख्या में महिला व पुरुष ग्रामीण लाठी डंडे के साथ पुलिसकर्मियों को करने के लिए धमका रहे हैं. वहीं, बंधक बने पुलिसकर्मी भी ग्रामीणों को हट जाने अन्यथा कार्रवाई की बात कह रहे हैं. लेकिन, पुलिसकर्मियों की किसी बात का असर ग्रामीण पर नहीं पड़ रहा है आक्रोशित ग्रामीण उन्हें बंधक बनाये रखे हुए हैं. वहीं, दूसरा वीडियो जो वायरल हो रहा है उसमें यह देखा जा रहा है कि पुलिस के लोग ग्रामीणों को लाठी से पीट रहे हैं. साथ ही ग्रामीणों की बाइक व अन्य गाड़ी को लात व लाठी से मार कर क्षतिग्रस्त कर रहे हैं = एसडीपीओ के नेतृत्व में पुलिस बल पहुंच कर की कार्रवाई भभुआ एसडीपीओ शिव शंकर कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल उक्त गांव में पहुंची और कार्रवाई करते हुए करीब 11 लोगों को हिरासत में लिया है. एसडीपीओ ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा पुलिस पर हमला कर एक पुलिसकर्मी को गंभीर रूप से व तीन अन्य पुलिसकर्मियों को जख्मी कर दिया गया. इसके बाद पुलिस द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया गया है. साथ ही हमला करने वाले कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. ग्रामीणों द्वारा इच्छा से मात देने वाले लोगों को भी जबरन मत देने से रोका जा रहा था, इसी पर पुलिस जब कार्रवाई करने गयी, तो पुलिस के ऊपर हमला कर दिया गया. पुलिस को बंधक बनाकर मारपीट की गयी है =घटना की सूचना पर पहुंचे डीएम-एसपी व ऑब्जर्वर घटना की सूचना मिलते ही डीएम सावन कुमार, एसपी ललित मोहन शर्मा व जनरल ऑब्जर्वर घटनास्थल पर पहुंचे और घटना की जानकारी लेते हुए कई आवश्यक दिशा निर्देश वहां तैनात पुलिसकर्मियों व अन्य पदाधिकारी को दिया. डीएम और एसपी द्वारा बताया गया कि ग्रामीणों द्वारा स्वयं भी मतदान नहीं किया जा रहा था, साथ ही जो लोग स्वेछा से अपना मतदान करना चाहते थे, उनके साथ भी मारपीट कर रहे थे. जब पुलिस ने ऐसा करने से मना किया, तो पुलिस के ऊपर हमला कर दिया. पुलिस को बंधक बना लिया. उनके साथ मारपीट की, जिसमें एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हो गया है. उसका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. उक्त मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, जो लोग भी उक्त घटना में शामिल है उनको गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की जायेगी. जख्मी पुलिस कर्मी= 1.मिथिलेश कुमार इलाज के बाद रेफर 2. सूरज कुमार, जख्मी बहदुरा गांव के लोग= रामदुलार सिंह, अमरजीत, सोनू पटेल, पिंटू सिंह, अभिमन्यु उपाध्याय, चंदन सिंह, राजेंद्र सिंह और प्रमोद कुमार सिंह

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