रामगढ़ मुख्य सड़कों पर खलिहान व बालू का ढेर
किसान अपने थोड़े से फायदे के लिए इसे खलिहान बनाने से तनिक भी गुरेज नहीं कर रहे हैं. गाड़ियों के चलने वाली इस सड़क पर किसानों द्वारा पुआल की कटाई से लेकर धान का अंबार लगा दिया गया है
रामगढ़/नुआंव. बदलते वक्त के साथ एक तरफ जहां मुख्य सड़क से लेकर ग्रामीण सड़कें चकाचक हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के कुछ किसान अपने थोड़े से फायदे के लिए इसे खलिहान बनाने से तनिक भी गुरेज नहीं कर रहे हैं. गाड़ियों के चलने वाली इस सड़क पर किसानों द्वारा पुआल की कटाई से लेकर धान का अंबार लगा दिया गया है. दूसरी तरफ बिल्डिंग मटेरियल दुकानदारों द्वारा बालू, गिट्टी के ढेर भी सड़कों पर गिराकर बेचा जा रहा है, जिसे कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है. हाल रामगढ़-नुआंव पथ हो या चंदेश-एवती पथ का या फिर सिसौडा-मुखराव पथ ऐसे नजारे आपको आये दिन उक्त सड़कों से गुजरने के दौरान देखने को मिल जायेगे. जबकि, मुख्य सड़क पर खलिहान व बालू का ढेर लगा दिये जाने के कारण रात में उक्त पथ से गुजरने वाले वाहन कब दुर्घटना का शिकार हो जाये, कहना मुश्किल है. दरअसल, एनएच-319 ए रामगढ़-नुआंव की अति व्यस्त मुख्य सड़क पर सिसौड़ा गांव के समीप चौड़ी सड़क होने के कारण किसानों से खरीदे गये धान को दुकानदार द्वारा गोदाम के बजाय मुख्य सड़क पर ही स्टोर कराया जाने लगा है. वहीं, नुआंव में सड़क किनारे के दुकानदारों द्वारा बालू गिट्टी का स्टोर स्पॉट भी बनाया जा रहा है, जिसे कोई रोकने वाला नहीं है. हास्यास्पद यह है कि उक्त पथ से अक्सर अंचल के हाकिम सीओ, थाने के थानेदार व प्रखंड में विकास की गति देने वाले बीडीओ के साथ जिले के बड़े हाकिमों का अक्सर गुजरना होता है, पर हाकिमों की नजर सड़क पर हो रहे अतिक्रमण पर नहीं जाती, ऐसे में सड़क से गुजरने वाले वाहन चालक भगवान भरोसे रात में यात्रा करते हैं. यही हाल ग्रामीण सड़कों का भी है, चंदेश गांव से एवती गांव तक बनी नयी बाईपास चकाचक सड़क पर भी देखने को मिले, जहां बीच सड़क पर कुछ किसानों द्वारा पुआल का ढेर लगाकर पशुओं के चारा के लिए मशीन से काफी देर तक बिना किसी की परवाह किये कटाई की जा रही थी, जहां काफी देर तक दोनों तरफ वाहनों की कतार होने के बाद सड़क से ट्रैक्टर व पुआल को हटाकर आवागमन शुरू किया गया. नुआंव मुख्य सड़क के किनारे का भी हाल बेहाल है. छड़, गिट्टी, बालू के दुकानदार बालू का स्टोर अपने गोदाम में करने के बजाय सड़क को ही डंपिंग यार्ड बना डाला है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अवैध रूप से कब्जा जमा रहे लोगों पर नकेल कसने के लिए जिम्मेदार कौन है?.. यह लोगों के बीच यक्ष प्रश्न बनते जा रहे है. बहरहाल क्षेत्र के ग्रामीणों ने ऐसे लोगों पर नियम संगत कार्रवाई करते हुए सड़क को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है