Bihar News: कैमूर में बिस्तर पर सो रहे पिता-पुत्र को सांप ने काटा, झाड़-फूंक के चक्कर में दोनों की मौत
Bihar News: कैमूर में सांप के काटने के बाद परिजन अस्पताल के बजाय झाड़-फूंक के लिए 100 किमी दूर अमवा के सती माई के यहां पर ले गये.
Bihar News: बिहार के कैमूर जिला स्थित रामगढ़ के वार्ड नौ के धोबी टोले में मंगलवार की रात घर में बिस्तर पर सो रहे पिता-पुत्र को सांप ने काट लिया. उन्हें रामगढ़ व मोहनिया अनुमंडल अस्पताल ले जाने के बजाय परिजन बाजार से लगभग 100 किमी दूर अमवा के सती माई झाड़ फूंक के लिए लेकर गये. नतीजतन, समय से इलाज नहीं होने के कारण दोनों की मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार, वार्ड नौ के स्वर्गीय हंस लाल धोबी के पुत्र 30 वर्षीय राम प्यारे धोबी अपने 13 वर्षीय बेटे छोटू व तीन और बच्चों के साथ बिस्तर पर सोये थे. इसी दौरान एक सांप ने बिस्तर पर पहले छोटू के कान व उसके बाद राम प्यारे की गर्दन में काट लिया. इस दौरान हड़बड़ा कर जगे राम प्यारे ने सांप को गले से निकालकर दूर फेंका और जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया. शोर सुन आसपास के पड़ोसी घर में इकट्ठा हो गये और सांप को काफी खोजा गया, पर वह नहीं मिला.
झाड़-फूंक के चक्कर में पिता-पुत्र की मौत
लोग दर्द से कराह रहे पिता-पुत्र को रामगढ़ व मोहनिया अस्पताल ले जाने के बजाय अपने निजी वाहन से लगभग 100 किमी की दूरी तय कर उत्तर प्रदेश के अमवा के सती माई झाड़-फूंक के लिए लेकर गये. वहां पहुंचे पीड़ित पिता-पुत्र की मौत बुधवार की सुबह दिन के लगभग आठ बजे हो गयी. निराश परिजन शव को लेकर पुनः रामगढ़ अपने घर पहुंचे. किसी ने एक बार फिर गांव के ही एक झाड़-फूंक करने वाले के पास जाने के लिए कहा. इसके बाद गांव के पश्चिम चबूतरे पर लगभग एक घंटे तक नीम की पत्तियों वाली एक छोटी टहनी से झाड़-फूंक की गयी, किंतु शरीर से निकले प्राण पुनः शरीर में वापस नहीं आ सके. इधर, पिता-पुत्र की मौत के बाद दोपहर घर से अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों की ओर से भी जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया गया. इसकी सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भभुआ सदर अस्पताल भेज दिया.
हैदराबाद में नौकरी कर पत्नी चलाती है घर
बता दें कि पिता-पुत्र की मौत से पत्नी कुसुम का रो-रो कर बुरा हाल है. दरअसल, पैर से दिव्यांग रहे राम प्यारे की पहली पत्नी रेशमी से छोटू ने जन्म लिया था, जबकि दूसरी पत्नी कुसुम देवी से दो बेटे हरिओम, गोलू व एक बेटी निशा ने जन्म लिया है. पहली पत्नी रेशमी की मौत छोटू के जन्म लेने के महज चार माह बाद घर के भीतर खाना बनाने के दौरान गैस सिलेंडर के फटने से हुई थी. नन्हें मासूम की परवरिश को लेकर राम प्यारे ने दूसरी शादी कुसुम के साथ की थी. कुसुम हैदराबाद के एक घर में सफाई का कार्य कर अपने दो बेटे व एक बेटी के साथ छोटू व पति का खर्चा चलाती है. राम प्यारे बस्ती के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था. पांच माह बीतने पर कुसुम बच्चों व पति से मिलने घर आया करती थी. कुछ दिनों पूर्व ही वह अपने बच्चों से मिलकर हैदराबाद गयी थी कि इसी दौरान घटना घटित हो गयी. परिजनों से सूचना मिलने पर कुसुम हैदराबाद से घर के लिए निकल गयी है.