Bihar News: भभुआ. बिहार में शराब तस्कर को हिरासत से छोड़ना एक थानेदार बाबू को बहुत महंगा पड़ गया है. कैमूर रेल एसपी ने रेल थाने के तत्कालीन थानेदार व दो पुलिसकर्मियों सहित पांच के खिलाफ आपराधिक लापरवाही और उत्पाद अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है. आरोपितों के अलावा दो तस्कर को भी नामजद किया गया है. पकड़े गए शराब तस्करों को छोड़ने के मामले में तत्कालीन थानेदार मदन राम को पहले ही निलंबित कर दिया गया था. जांच में इसके साक्ष्य मिलने के बाद एसपी रेल के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है. रेल पुलिस फरार आरोपितों की तलाश में छापेमारी कर रही है.
घटना की इंट्री तक स्टेशन डायरी में नहीं की
बीते 30 जून को तत्कालीन रेल पीपी भभुआ के जवानों ने इलाके से रंजीत कुमार और कुमार रंजीत नाम के शराब तस्कर को दबोचा था. शराब के साथ पकड़े जाने के बावजूद तत्कालीन थानेदार मदन राम ने दोनों आरोपितों को छोड़ दिया था. घटना की इंट्री तक स्टेशन डायरी में नहीं की गई थी. जिसके बाद रेल थाने में तैनात सिपाही पिंटू कुमार ने डाक द्वारा घटना की शिकायत वरीय अधिकारियों से की थी. रेल पीपी भभुआ अब रेल थाना बन चुका है.
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जांच के बाद ही थानेदार को किया गया था निलंबित
मामला संज्ञान में आने के बाद वरीय अधिकारियों के आदेश पर गया के रेल डीएसपी आलोक कुमार से इसकी जांच कराई गई. जांच में दोषी पाए जाने पर थानेदार को निलंबित कर दिया गया था. वहीं, जांच में दो सिपाही की भी संलिप्तता पाई गई. इसके बाद रेल एसपी ने तत्कालीन थानेदार मदन राम, सिपाही सुरजीत और नौशाद आलम के अलावा पीआर बांड पर छोड़े गए तस्कर रंजीत कुमार और कुमार रंजीत के खिलाफ केस दर्ज कराया है.