यहां ईंट भट्ठा संचालकों व बड़े व्यवसायी भी करते मजदूरी, पाते हैं पारिश्रमिक

मोहनिया अनुमंडल के नुआंव प्रखंड अंतर्गत नुआंव पंचायत में मनरेगा द्वारा ऐसा हैरतअंगेज कारनामा किया गया है, जिसे सुनकर व देखकर आप भी हैरत में पड़ जायेंगे. यहां मनरेगा के पदाधिकारी व पंचायत रोजगार सेवक की मेहरबानी से यहां ईंट भट्ठा संचालकों सहित बिल्डिंग मेटेरियल व पेंट आदि के बड़े व्यवसायियों से मनरेगा में सिर पर टोकरी व हाथ से फावड़ा चलवाकर कार्य कराया गया है

By Prabhat Khabar News Desk | September 15, 2024 9:10 PM

मोहनिया सदर. मोहनिया अनुमंडल के नुआंव प्रखंड अंतर्गत नुआंव पंचायत में मनरेगा द्वारा ऐसा हैरतअंगेज कारनामा किया गया है, जिसे सुनकर व देखकर आप भी हैरत में पड़ जायेंगे. यहां मनरेगा के पदाधिकारी व पंचायत रोजगार सेवक की मेहरबानी से यहां ईंट भट्ठा संचालकों सहित बिल्डिंग मेटेरियल व पेंट आदि के बड़े व्यवसायियों से मनरेगा में सिर पर टोकरी व हाथ से फावड़ा चलवाकर कार्य कराया गया है और उन्हें पूरी ईमानदारी से मजदूरी का भुगतान भी किया गया है. इतना ही नहीं जिन बड़े घरानों की महिलाएं जो अपने घरों की दहलीज से बाहर भी बिना जरूरी कार्य के कदम नही निकालती है, ऐसे ही बड़े घरानों के युवा जो महंगी बाइक व चारपहिया वाहनों पर सवार होकर चलना पसंद करते हैं, ऐसे लोगों को मनरेगा के हाकिमों ने फाइलों में ही सही लेकिन मजदूर बनाकर हजारों रुपये मजदूरी का अवैध भुगतान कर सभी को पशोपेश में डाल दिया है, जबकि, जो वास्तविक गरीब तबके के लोग हैं, जिनको अपने जीविकोपार्जन के लिए मनरेगा में मजदूरी कार्य की आवश्यकता है उनको मजदूरी का काम मिलता ही नहीं है और यदि मिलता भी है तो परिश्रम वे गरीब करते हैं, लेकिन मजदूरी सम्पन्न लोगों के खातों में भुगतान की जाती है, जिसका एक बड़ा भाग हाकिमों की जेब का वजन बढ़ाने में मददगार होता है. यह तो एक उदाहरण है यदि नुआंव प्रखंड में मनरेगा हाकिमों द्वारा खिलाये गये गुलों की निष्पक्ष जांच करायी जाये, तो ऐसे चौकाने वाले कारनामे सामने आयेंगे, जिसके उजागर होते ही जिला प्रशासन को भी शर्म से पानी पानी होना पड़ेगा. # मनरेगा के कारनामों पर एक नजर # केस नंबर 01 # राजेश कुमार सैंडिक पिता रामेश्वर प्रसाद जो खास पंचायत मुख्यालय नुआंव के रहने वाले है. नुआंव-एवती पथ पर मां काली मंदिर के समीप इनका ईंट भट्ठा है. मनरेगा द्वारा इनके नाम से जॉब कार्ड जारी किया गया है, जिसका जॉब कार्ड संख्या-बीएच-49-010-008-03322700/ 2216 है. वहीं, राजेश सैंडिक द्वारा चार से 10 दिसंबर 2020 तक सात दिन, 11 से 17 दिसंबर 2020 तक सात दिन, 4 से 10 फरवरी 2021 तक सात दिन, प्रखंड के ग्राम देवरिया में बिसमिल्ला मियां के घर से बाला यादव के घर तक नाली व पीसीसी निर्माण कार्य में मजदूरी का कार्य 21 दिनों तक किया गया है, जिसका वर्क कोड संख्या 20421558 है. 26 फरवरी से 12 मार्च 2021 तक 15 दिन, 15 से 29 मार्च 2021, यानी 15 दिनों तक ग्राम देवरिया में शंभू चौबे के घर से कयामु मियां के घर तक नाली व पीसीसी निर्माण कार्य किया गया, जिसका वर्क कोड संख्या 20421556 है. 02 से 8 जुलाई 2021 तक ग्राम नुआंव में प्रदीप कुमार के निजी जमीन पर पोखरा खुदाई कार्य किया गया, जिसका वर्क कोड संख्या 20403299 है. इस तरह उक्त तिथियों के बीच कुल 58 दिनों तक ईंट भट्ठा संचालक द्वारा मनरेगा में मजदूरी का कार्य कर अपने सिर पर टोकरी ढोया गया व फावड़ा चलाकर खुदाई का कार्य किया गया और इसके एवज में इनकों 8370 रुपये की मजदूरी का भुगतान भी किया गया. # केस नंबर 02 # दीपक कुमार गुप्ता पंचायत मुख्यालय नुआंव के रहने वाले है. प्रतापपुर (बढ्ढा) महादलित बस्ती के समीप इनका ईंट भट्ठा संचालित है. मनरेगा द्वारा इनके नाम से जॉब कार्ड संख्या बीएच-49-010-008-03322700/2181 जारी किया गया है. इतना ही नहीं इस ईंट भट्ठा संचालक से 4 से 10 दिसम्बर 2020 तक यानी सात दिन व 11 से 17 दिसंबर तक यानी सात दिनों तक ग्राम देवरिया में बिसमिल्ला मियां के घर से बाला यादव के घर तक नाली व पीसीसी निर्माण कार्य किया गया, जिसका वर्क कोड संख्या 20421558 है. 26 फरवरी से 12 मार्च तक यानी 15 दिनों तक ग्राम देवरिया में शंभू चौबे के घर से कयामु मियां के घर तक नाली व पीसीसी निर्माण कार्य जिसका वर्क कोड संख्या 20421556 है. 02 से 08 जुलाई 2021 तक यानी सात दिनों तक नुआंव में प्रदीप कुमार के निजी जमीन में पोखरा खुदाई कार्य किया गया, जिसका वर्क कोड संख्या 20403299 है. इस तरह उक्त ईंट भट्ठा संचालक द्वारा उक्त अवधि के बीच कुल 36 दिनों तक मनरेगा में मजदूरी का कार्य किया गया, जिसके एवज में इनको मजदूरी के रूप में 7012 रुपये का भुगतान इनके बैंक खाते में किया गया है. # केस नंबर 03 # प्रदीप कुमार जो पंचायत मुख्यालय नुआंव के रहने वाले है. नुआंव बाजार में स्थित बक्सर स्टैंड के समीप इनका आलीशान मकान के साथ बिल्डिंग मेटेरियल व पेंट की दुकान है, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये है, फिर भी मनरेगा द्वारा इनके नाम से जॉब कार्ड जारी किया गया. इसका जॉब कार्ड संख्या बीएच-49-010-008-03322700/2182 है. इनके द्वारा 10 से 19 सितंबर तक यानी 10 दिन, 4 से 10 दिसंबर यानी सात दिन तक नुआंव में विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता का पशु शेड निर्माण कार्य, जिसका वर्क कोड संख्या 20356741 है. 11 से 17 दिसंबर यानी सात दिनों तक देवरिया में बिसमिल्ला मियां के घर से बाला यादव के घर तक नाली व पीसीसी निर्माण कार्य, जिसका वर्क कोड संख्या 20421558 है. 02 से 15 फरवरी तक यानी 14 दिनों तक व 17 फरवरी से 02 मार्च 2021 तक यानी 14 दिन इस तरह इनके द्वारा उक्त तिथियों के बीच कुल 52 दिनों तक मनरेगा में मजदूरी कार्य किया गया, जिसके लिए इनके खाते में 10088 रुपये मजदूरी का भुगतान भी किया गया है. # केस नंबर 04 # पंचायत मुख्यालय नुआंव के रहने वाले अविनाश कुमार जायसवाल पिता राजेंद्र प्रसाद जायसवाल को जॉब कार्ड संख्या बीएच-49-010-008-03322700/4475 तथा जॉब कार्ड संख्या बीएच-49-010-008-03322700/4476 अविनाश कुमार जायसवाल की पत्नी संध्या कुमारी के नाम से निर्गत किया गया है. उक्त दोनों पति-पत्नी किसी की मजदूरी का कार्य नहीं करते है, लेकिन अविनाश जायसवाल व इनकी पत्नी संध्या द्वारा एक साथ 14 जून 2023 से 24 जून तक यानी 11 दिनों तक व 28 जून से 05 जुलाई 2023 तक यानी आठ दिन तक एक साथ 38 दिनों तक श्रीराम जानकी मंदिर पोखरा का जीर्णोद्धार कार्य किया है, जिसका वर्क कोड संख्या 20589417 है. भले ही धरातल पर न सही पर मनरेगा हाकिमों की मेहरबानी से फाइलों में सिर पर टोकरी ढोकर व हाथ से फावड़ा चलाकर मिट्टी खुदाई कर 8664 रुपये मजदूरी की राशि का भुगतान अपने बैंक खातों में प्राप्त कर लिया. # बोले पीआरएस इस संबंध में पूछे जाने पर नुआंव पंचायत के पीआरएस राजेंद्र नाथ ने संवाददाता को मनरेगा का नियम बताते हुए कहा कि मनरेगा में किसी भी व्यक्ति के नाम जॉब कार्ड जारी कर किसी अन्य व्यक्ति को उस जॉब कार्ड पर काम दिया जा सकता है. लेकिन, जब उनसे यह पूछा गया कि आपके यहां मनरेगा में ईंट भट्ठा मालिक व बड़े व्यवसायी भी मजदूरी करते है, जिनके नाम से भुगतान किया गया है तो उनके द्वारा कहा गया कि हम कुछ दिनों पूर्व ही योगदान किये हैं, हमें नहीं मालूम पहले क्या किया गया है. इस संबंध में पीओ मनरेगा राजीव कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गयी, तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा था.

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