93 मौजों के किसानों से मतदान बहिष्कार का किया आह्वान
वाराण्सी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे सहित अन्य सड़कों के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का उचित मुआवजा नहीं दिये जाने के विरोध में किसान संघर्ष मोर्चा ने जिन 93 मौजों में जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है, उनके किसानों से मतदान बहिष्कार करने का आह्वान किया है
भभुआ कार्यालय. वाराण्सी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे सहित अन्य सड़कों के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का उचित मुआवजा नहीं दिये जाने के विरोध में किसान संघर्ष मोर्चा ने जिन 93 मौजों में जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है, उनके किसानों से मतदान बहिष्कार करने का आह्वान किया है. किसान मतदान का बहिष्कार करें, इसके लिए चांद के शहबाजपुरव गोई गांव से किसान संघर्ष मोर्चा के लोगों द्वारा अभियान की शुरुआत की गयी. इस दौरान किसान संघर्ष मोर्चा के लोगों ने गांव में नेताओं के प्रवेश पर वर्जित का बैनर लगवाया. वहीं, किसानों से आह्वान किया कि जब तक अधिग्रहण किये जा रहे उनकी जमीन का उचित कीमत नहीं दिया जाता है, तब तक सभी किसान मतदान का बहिष्कार करेंगे. 93 मौजा के किसान आगामी एक जून को मतदान करने के लिए मतदान केंद्रों पर नहीं जायेंगे. किसान संघर्ष मोर्चा के महासचिव पशुपति नाथ सिंह, राजू सिंह, विक्की सिंह, अमित रंजन सिंह, वकील सिंह, बैरिस्टर सिंह सहित अन्य किसान उक्त दोनों गांव में भ्रमण कर लोगों से मिलकर मतदान नहीं करने की अपील की. – गांव में नेताओं के प्रवेश पर रोक का लगाया बैनर किसान संघर्ष मोर्चा के लोग शहबाजपुर, गोई, जिगिना, सिहोरिया, खैंटी व चांद गांव में किसानों के साथ बैठक कर मतदान बहिष्कार करने का आह्वान किया. वहीं, किसानों के साथ गांवों में घूमकर मुआवजा नहीं, तो वोट नहीं का नारा लगाकर किसानों को मतदान नहीं करने का अपील कर रहे थे. उसके साथ ही गांव के चौक चौराहों व प्रवेश द्वार पर नेताओं का प्रवेश वर्जित का बैनर भी किसान नेताओं द्वारा ग्रामीण किसानों के साथ मिलकर लगाया जा रहा है. किसान संघर्ष मोर्चा के लोगों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी कि वे 93 मौजा के गांवों में घूमेंगे और अपील करेंगे कि वे एक जून को मतदान का बहिष्कार करें. इसके लिए आज चांद प्रखंड से इस अभियान की शुरुआत कर दी गयी है और यह अभियान लगातार चलेगा. – आचार संहिता लगने पर समाप्त हुआ था धरना दरअसल, किसान संघर्ष मोर्चा के लोग लंबे समय से एनएच-219 व बनारस रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे में जा रही जमीन के उचित मुआवजा के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं. आचार संहिता लगने से पहले वे 77 दिनों से चैनपुर प्रखंड में निर्माण एजेंसी के बेस कैंप के पास धरना दे रहे थे. लेकिन, आचार संहिता लगने के बाद उन लोगों द्वारा धरना समाप्त कर दिया गया. अब उन्होंने विरोध का नया तरीका अपनाते हुए मतदान बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 93 मौजा का लगभग 1700 एकड़ भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसका 2013 के सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है जो किसानों के साथ घोर अन्याय है.