प्रमुख व मनरेगा कार्यालय में पानी के लिए मचा हाहाकार

पिछले कुछ महीनों से प्रमुख कार्यालय में लगा सबमर्सिबल खराब पड़ा है, जिसका परिणाम है कि इस भीषण गर्मी में एक तरफ जहां मनरेगा व प्रमुख कार्यालय आने जाने वाले कर्मियों व जनप्रतिनिधियों को पीने के लिए पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 27, 2024 8:55 PM

मोहनिया सदर. पिछले कुछ महीनों से प्रमुख कार्यालय में लगा सबमर्सिबल खराब पड़ा है, जिसका परिणाम है कि इस भीषण गर्मी में एक तरफ जहां मनरेगा व प्रमुख कार्यालय आने जाने वाले कर्मियों व जनप्रतिनिधियों को पीने के लिए पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, इससे भी गंभीर समस्या उक्त दोनों कार्यालय में बने टॉयलेट में पानी का उपलब्ध नहीं होना बताया जाता है. दरअसल, ट्राइसेन भवन के ग्राउंड फ्लोर में प्रमुख कार्यालय व फर्स्ट फ्लोर पर मनरेगा कार्यालय संचालित होता है, जहां पानी की कमी का आलम यह है कि यदि कार्यालय अवधि में किसी भी महिला या पुरुष कर्मियों को टॉयलेट जाने की आवश्यकता पड़ जाती है, तो उनको पानी के अभाव में बाहर का सहारा लेना पड़ता है. इसके लिए चाहे वे अपने आवास जाये या फिर किसी अन्य सहयोगी के घर में बने टॉयलेट का उपयोग करें, विडंबना तो यह भी है कि मुख्यालय परिसर में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है, बल्कि अब उसका निर्माण पंचायत समिति मद से कराया जा रहा है. # पानी खरीद कर बुझाना पड़ रहा प्यास मनरेगा कार्यालय में तो हाकिम व कर्मियों को अपनी प्यास बुझाने के लिए आरओ का पानी खरीद कर मंगवाया जाता है, वहीं कभी-कभार यदि प्रमुख कार्यालय में बीडीसी उपस्थित रहते हैं और उनको पानी की जरूरत पड़ती है तो मनरेगा कार्यालय में खरीद कर रखा गया आरओ के पानी से गला तर कर लिया जाता है. लेकिन, सबमर्सिबल बनवाने की बात आती है तो प्रमुख पुनीता देवी मनरेगा पीओ रविशंकर कुमार का मुंह देखती हैं और पीओ प्रमुख का, तो आखिर सबमर्सिबल को बनवायेगा कौन! प्रमुख को लगता है कि मनरेगा वालों को पानी की अधिक आवश्यकता होगी, तो वे बनवाये और मनरेगा के लोग सोचते हैं कि बोरिंग व स्टार्टर प्रमुख कार्यालय के अंदर है, तो प्रमुख बनवाये, इसी पेच में सबमर्सिबल का काम लटका हुआ है और दोनों कार्यालय के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. # टॉयलेट के लिए कहां से लाएं पानी दोनों कार्यालय के लोग भले ही आरओ का पानी खरीद कर अपनी प्यास को बुझा लेते हैं, लेकिन जब टॉयलेट की बात आती है तो खासतौर से महिला कर्मियों व महिला जनप्रतिनिधियों को दिन में ही तारे नजर आने लगते हैं कि आखिर वे जाएं तो कहां. जबकि, प्रमुख व उपप्रमुख के साथ 10 महिला बीडीसी है. इसके अलावा मनरेगा कार्यालय में भी तीन महिला कर्मी है, जिनको टॉयलेट में पानी उपलब्ध नहीं रहने की सबसे बड़ी पीड़ा को झेलनी पड़ती है, लेकिन प्रमुख व उपप्रमुख खुद अपने वर्ग की पीड़ा को शायद समझने के लिए तैयार नहीं है अन्यथा कभी सबमर्सिबल बन गया होता या फिर दूसरा मोटर लगवा दिया गया होता. # बोले पीओ इस संबंध में पूछे जाने पर मनरेगा पीओ रविशंकर कुमार ने कहा कि सबमर्सिबल की बोरिंग व स्टार्टर प्रमुख कार्यालय के अंदर है, कार्यालय कभी कभार खुलता है. हमने पहले भी प्रमुख प्रतिनिधि से कहा था कि आप सबमर्सिबल बनवा दें, हम भुगतान कर देंगे या फिर आप ही बनवा दिजिए, इसी बीच अविश्वास प्रस्ताव आ गया और वे लोग भी व्यस्त हो गये. टॉयलेट में पानी नहीं रहने से महिला कर्मियों को तो बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन बहुत जल्द ही इसका समाधान कर लिया जायेगा. # बोले प्रमुख प्रतिनिधि इस संबंध में पूछे जाने पर प्रमुख प्रतिनिधि राजेश प्रसाद गुप्ता ने कहा कि पीओ साहब से बात कर सबमर्सिबल को जैसे भी हो उसे दुरुस्त करा लिया जायेगा. टॉयलेट में पानी का नहीं होना महिलाओं के साथ हम लोगों के लिए भी मुख्य समस्या है. बहुत जल्द ही सबमर्सिबल की रिपेयरिंग करवा पानी चालू करा दिया जायेगा या फिर मोटर ही बदलवा दिया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version