छत पर सो रहे बच्चे के सिर पर गिरा करकट, मौत

थाना क्षेत्र की बड्ढुपर पंचायत के सकरौली गांव में मंगलवार की अहले सुबह आफत बनकर आयी तेज आंधी ने दिव्यांग दीपक चौधरी के पांच वर्षीय पुत्र सिद्धू कुमार की जान ले ली.

By Prabhat Khabar News Desk | May 21, 2024 3:26 PM

मोहनिया सदर. थाना क्षेत्र की बड्ढुपर पंचायत के सकरौली गांव में मंगलवार की अहले सुबह आफत बनकर आयी तेज आंधी ने दिव्यांग दीपक चौधरी के पांच वर्षीय पुत्र सिद्धू कुमार की जान ले ली. वहीं, मृतक की मां पिंकी कुमारी का बायां हाथ भी टूट गया, साथ ही दीपक को भी चोटे आयी है. जबकि, मृतक की सात वर्षीय बहन सपना कुमारी बाल-बाल बच गयी. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार की रात खाना खाने के बाद दीपक अपने परिवार के साथ छत पर जाकर सो गये थे, तभी मंगलवार की सुबह में आयी तेज आंधी व बारिश से मृतक के पड़ोसी बदालू पासी के घर पर रखा सीमेंटेड एसबेस्टस उड़ कर अपने छत पर सो रहे सिद्धू के सिर पर जा गिरा, जिससे उसके दिमाग में चोट लगी और सिद्धू की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी. जबकि, मृतक की मां पिंकी कुमारी का बायां हाथ टूट गया और मृतक के पिता को भी चोट आयी है. इधर, इस घटना से पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया, चीख पुकार सुन कर गांव के लोग घटना स्थल की तरफ दौड़ पड़े, जब तक लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही दिव्यांग दीपक के परिवार का इकलौता दीपक बुझ चुका था. गांव के लोग मृतक बच्चे का शव व उसके घायल माता-पिता को लेकर इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों द्वारा घायल दंपती का प्राथमिक इलाज करने के बाद बेहतर इलाज के लिए पिंकी को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. वहीं, मृतक बच्चे के पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, मृतक के पिता दीपक चौधरी मूकबधिर है, जो बोल नहीं सकते. गरीबी के कारण दीपक ने एक बेटी व एक बेटा के जन्म के बाद पत्नी का बंध्याकरण करवा दिया था, उनकी सोच थी कि परिवार छोटा रहेगा तो गरीबी में किसी तरह पति-पत्नी दोनों मजदूरी कर दोनों बच्चों का भरणपोषण अच्छी तरह से कर लेंगे. लेकिन, उनको क्या पता था कि आंधी उनके परिवार पर मौत का कहर बन कर बरसेगी और उनके घर का दीपक हमेशा के लिए बुझ जायेगा. इस ह्रदय विदारक घटना ने पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया है. मृतक की मां, पिता व बड़ी बहन का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक के पिता दो भाई हैं, चाचा प्रदीप चौधरी का अभी विवाह नहीं हुआ है. वहीं, मृतक के दादा बिगाऊ पासी बंगलौर में रहकर मजदूरी का कार्य करते थे, लगभग पांच वर्ष पूर्व वे अपने घर सकरौली आ रहे थे, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण रास्ते में ट्रेन में ही उनकी मौत हो गयी थी.

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