भभुआ. भभुआ शहर के वार्ड नंबर छह के आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे गंदा पानी पीते हैं. करकट से छाये इस केंद्र पर लगे सबमर्सिबल पंप से गंदा पानी निकलता हैं, जिससे आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे गंदा पानी पीने काे मजबूर हैं. साथ ही इस केंद्र पर बच्चों के लिए कोई बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध नहीं दिखायी देती है. गौरतलब है कि जिले में बदहाल आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या में कहीं कोई कमी या सुधार आज भी नहीं देखा जा रहा है, बात चाहे शहरी क्षेत्र की हो या ग्रामीण क्षेत्र की. जबकि, बाल विकास और पोषण और धातृ तथा महिलाओं के तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर सरकार बाल विकास परियोजनाओं का संचालन कराती है. इधर, जब यह संवाददाता दिन के 11 बजे के आसपास नगर पर्षद भभुआ के क्षेत्र अंतर्गत आने वाले शहर के आंगनबाड़ी केंद्र पर पहुंचा, तो आंगनबाड़ी केंद्र के दक्षिण बांस बांधकर लगाये घेरे के बाहर 8-10 बच्चे सड़क पर उछल कूद कर रहे थे. तब तक सेविका बंसती भी दो बच्चों के अपने साथ लेकर केंद्र पर पहुंच गयी. एक अजनबी को केंद्र पर आये देख बसंती ने चटपट आंगनबाड़ी कोठरी के बाहर बांस लगाकर करकट से छाये बरामदानुमा जगह पर दरी बिछाकर बच्चों को बैठा दिया. हालांकि, 11.15 बजे तक आंगनबाड़ी सेविका प्रतिमा कुमारी केंद्र पर नहीं देखी गयी. इस केंद्र पर एक बड़े पतीले तथा दो बाल्टी में पानी भर के रखा हुआ था. यह पानी मटमैला था. बच्चों से पूछे जाने पर बच्चों ने बताया कि केंद्र पर खाना मिलता है और बाल्टी का पानी पीते हैं. शौचालय व बिजली की भी व्यवस्था नहीं वार्ड छह के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या, कोड संख्या 131 पर सेविका के अनुसार, सरकारी सबमर्सिबल पंप भी लगाया गया है. इससे गंदा यानी मटमैला पानी निकलता है. इधर, बच्चों के पानी पीने के सवाल पर सेविका ने बरामदे के पूरब बांस की तरफ लगे सबमर्सिबल पंप की तरफ इशारा करते हुए बताया कि यह सरकारी पंप गंदा पानी देता है. बच्चों के लिए पानी मैं कुछ दूर लगे सरकारी चापाकल से लाती हूं. लेकिन, ऐसा लगा नहीं कि कुछ दूर से खाना बनाने से लेकर बच्चों के पीने के लिए पानी ढोकर केंद्र तक लाना प्रतिदिन संभव है. मिलाजुला कर इस बदहाल केंद्र पर न तो शौचालय की सुविधा देखी गयी, न तो पेयजल की समुचित व्यवस्था, न तो आंगनबाड़ी के कमरे में बिजली की व्यवस्था दिखायी दी.
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