मध्य विद्यालय अधौरा में दरी पर बैठकर बच्चे करते पढ़ाई, लाइट भी नहीं
शिक्षा विभाग विद्यालयों को साफ सुथरा रखने व बच्चे बेंच डेस्क पर बैठकर पढ़ाई करें, इसके लिए जिले में करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं, फिर भी अधिकारियों की जांच में बच्चे फर्श पर या दरी पर बैठकर पढ़ते मिल रहे हैं.
भभुआ नगर. शिक्षा विभाग विद्यालयों को साफ सुथरा रखने व बच्चे बेंच डेस्क पर बैठकर पढ़ाई करें, इसके लिए जिले में करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं, फिर भी अधिकारियों की जांच में बच्चे फर्श पर या दरी पर बैठकर पढ़ते मिल रहे हैं. इतना ही नहीं कंपोजिट ग्रांट की राशि विद्यालय में रहने के बाद भी क्लास रूम में अंधेरा रहता है, बल्ब व एलइडी भी प्रधानाध्यापक नहीं लगते हैं. इसका खुलासा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान विकास कुमार डीएन द्वारा मध्य विद्यालय अधौरा के निरीक्षण के बाद दिये गये निरीक्षण प्रतिवेदन से हुआ है. दरअसल, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा दिये गये निरीक्षण प्रतिवेदन में कहा गया है कि विगत पांच फरवरी को मध्य विद्यालय अधौरा का औचक निरीक्षण किया गया. इस दौरान विद्यालय में वर्ग संचालन होते पाया गया व सभी शिक्षक बच्चों का पठन-पाठन का कार्य कर रहे थे, लेकिन अधिकतर वर्ग कक्ष में रोशनी का अभाव था, जबकि विद्यालय में विद्युत आपूर्ति होने के बावजूद बल्ब व एलइडी लाइट नहीं लगायी गयी थी. निरीक्षण प्रतिवेदन में बताया है कि वर्ग 4 के छात्र-छात्राएं बेंच डेस्क उपलब्ध नहीं रहने के कारण दरी पर बैठकर पढ़ाई कर रहे थे. साथ ही विद्यालय के प्रथम तल पर स्थित एक वर्ग कक्ष को बंद रखा गया था. इतना ही नहीं डीपीओ द्वारा दिये गये जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि विद्यालय परिसर सहित कार्यालय कक्ष व वर्ग कक्षा में साफ सफाई की स्थिति भी काफी खराब थी. कार्यालय कक्ष में भी अस्त व्यस्त तरीके से सामग्री पायी गयी. साथ ही प्रतिवेदन में बताया है कि जांच में पाया गया कि यह सब प्रधानाध्यापक की लापरवाही है. = विद्यालयों में रंगाईके दो दिन बाद ही छूटने लगता है पेंट विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष विद्यालय के रंगरोगन व अन्य कार्यों के लिए विभाग द्वारा पैसा विद्यालय को दिया जाता है, इसके बावजूद विद्यालय का रंगरोगन इस तरह के घटिया पेंट या सेमो सेम से किया जाता है कि रंगाई के ठीक दो दिन बाद ही पेंट छूटने लगता है. इससे एक वर्ष होते-होते ही लगता है कि विद्यालय का रंगरोगन कई वर्ष पहले किया गया है. इसका खुलासा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान द्वारा विद्यालय निरीक्षण के बाद दिये गये जांच प्रतिवेदन से हुआ है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा दिये गये जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि विद्यालय का रंगरोगन किया गया है. रंगरोगन के गुणवत्ता की जांच के लिए पेंट दीवार को हाथ से रगड़ा तो पाया कि पेंट हाथ से रगड़ने से ही छूट जा रहा है, इससे प्रतीत होता है कि सिर्फ घटिया पेंट से विद्यालय की रंगाई की गयी है. = विद्यालय में पर्याप्त राशि फिर भी पायी गयी अनियमितता जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा दिये गये जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि विद्यालय में पर्याप्त राशि है इसके बावजूद विद्यालय की रंगाई पुताई व कार्यालय कक्ष में सामग्री को इधर-उधर रखा गया था. इससे या प्रतीत होता है कि प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय के रखरखाव में कोई रुचि नहीं ली जा रही है. = प्रधानाध्यापक से जवाब तलब, वेतन पर लगी रोक इस संबंध में पूछे जाने पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विकास कुमार डीएन ने कहा कि अधौरा मध्य विद्यालय की जांच में काफी खामियां पायी गयी हैं. जांच प्रतिवेदन वरीय अधिकारी को दे दी गयी है. साथ ही संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को जवाब तलब करते हुए तत्काल प्रभाव से वेतन स्थगित कर दिया गया है. तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है, साथ ही तीन दिनों के अंदर जवाब नहीं देने पर प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जायेगी.
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