स्कूलों के खुलते ही फिर बिगड़ा 11 सरकारी विद्यालयों का चापाकल

गर्मी के छुट्टी के बाद स्कूलों के खुलते ही 11 सरकारी विद्यालयों के चापाकल फिर खराब हो गये हैं. इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को पत्र लिखकर अविलंब सरकारी चापाकलों को ठीक कराने की गुहार लगायी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 18, 2024 1:59 PM

प्रतिनिधि, भभुआ. गर्मी के छुट्टी के बाद स्कूलों के खुलते ही 11 सरकारी विद्यालयों के चापाकल फिर खराब हो गये हैं. इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को पत्र लिखकर अविलंब सरकारी चापाकलों को ठीक कराने की गुहार लगायी है. गौरतलब है कि अभी हाल में ही गर्मी की छुट्टियों में जिले के 12 सरकारी विद्यालयों के चापाकल खराब हो गये थे, तब बच्चे स्कूल नहीं जा रहे थे. जबकि, शिक्षक किसी तरह अपना काम चला रहे थे. इधर, 16 मई से जिले के सभी सरकारी विद्यालय खोले जा चुके हैं और बच्चों का पठन पाठन शुरू हो चुका है. ऐसे में इस प्रचंड गर्मी में विद्यालयों के चापाकल खराब होने का मतलब है कि एक तरफ जहां बच्चे गला तर करने को लेकर छटपटायेंगे. वहीं, दूसरी तरफ सरकारी के महत्वपूर्ण मध्याह्न भोजन योजना भी बुरी तरह प्रभावित हो जायेगी. इधर, भभुआ, चैनपुर, चांद और कुदरा प्रखंड के जिले के 12 विद्यालयों में चापाकल खराब होने के बाद संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों द्वारा शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर तत्काल चापाकलों की मरम्मत कराने की गुहार लगायी गयी है. इस आलोक में पीएम पोषण योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को पत्र लिख कर कहा गया है कि विद्यालयों के चापाकल खराब होने से मध्याह्न भोजन योजना पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. इसके कारण अतिशीघ्र चापाकलों की मरम्मत करानी आवश्यक है, ताकि मध्याह्व भोजन योजना का सुलभ संचालन हो सके. खराब चापाकलों वाले विद्यालय प्रखंड विद्यालय भभुआ न्यू प्रावि निबी भभुआ न्यू प्रावि रामपुर मिरीयां चैनपुर न्यू प्रावि उजारी डड़वा चैनपुर प्रावि सेमरिया चैनपुर कउमवि सिकदंरपुर चैनपुर उमवि नरसिंगपुर चांद उमवि लोहदन चांद न्यू प्रावि सरैला चांद न्यू प्रावि निनदौर चांद उमवि पवरा कुदरा प्रावि सोनवर्षा इन्सेट पेयजल संकट के चौतरफा मार से व्याकुल हैं लोग भभुआ. जिले में इस समय पेयजल संकट के चौतरफा गिर रहे मार से लोग व्याकुल हैं. बात चाहे सरकारी विद्यालयों की हो या सरकारी अस्पतालों की या फिर पहाडी क्षेत्र से लेकर मैदानी क्षेत्र की हो हर जगह पानी का संकट गहराने लगा है. फिलहाल जिले के पहाड़ी प्रखंड चैनपुर, अधौरा, चांद में पेयजल संकट की बात अगर नहीं भी करें, तब भी जिला मुख्यालय भभुआ भी इस संकट से अब जूझने लगा है. मुख्यालय के वार्ड चार, पांच सहित अन्य वार्डों में भी भूजल स्तर नीचे जाने के कारण चापाकलों ने पानी देना बंद कर दिया है. लोग पानी को लेकर छटपटा रहे हैं. इन वार्डों में सरकार की नल जल योजना का पानी भी तीन टाइम की बात कौन करें, दो टाइम भी नहीं मिल पाता है. सुबह में नल जल योजना चालू करके कोरम पूरा किया जाता है. शाम को लोगों को पानी नहीं मिलता है. यही नहीं सदर अस्पताल में भर्ती और इलाज के लिए पहुंचे मरीजों भी पानी को लेकर व्याकुल हो जा रहे हैं. अस्पताल के तीसरी मंजिल पर स्थित भर्ती वार्ड में मरीजों को ही शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो पा रहा है. इससे मरीज और उनके परिजन छटपटाते रहते हैं. अस्पताल प्रबंधन शीघ्र ही पेयजल व्यवस्था कराने की बात बोलता है.

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