जिले में सीएनजी ऑटो का कहर जारी

इन दिनों जिले की सड़कों पर तेज रफ्तार हवा से बातें करनेवाले सीएनजी ऑटो का कहर जारी है. कार्रवाई नहीं होने के कारण बैक टू बैक लोगों की जान जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 7, 2024 8:55 PM

भभुआ सदर. इन दिनों जिले की सड़कों पर तेज रफ्तार हवा से बातें करनेवाले सीएनजी ऑटो का कहर जारी है. कार्रवाई नहीं होने के कारण बैक टू बैक लोगों की जान जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आठ दिनों पहले भभुआ-मोहनिया रोड पर तेज रफ्तार सीएनजी ऑटो के पेड़ में टकरा जाने के कारण एक 22 वर्षीय युवक की जान चली गयी थी. वहीं, अब चैनपुर में सीएनजी की चपेट में आ जाने से एक बाइक सवारी युवक की मौत हो गयी, जबकि, इसके पहले भी वकील छात्र सहित कई लोगों की जान सीएनजी ऑटो के तेज रफ्तार के कारण जा चुकी है. इन सब के बावजूद सीएनजी ऑटो चालकों के रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए परिवहन या यातायात पुलिस की तरफ से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं किया जाना पुलिस व प्रशासन की कार्यशैली पर स्पष्ट रूप से सवाल खड़े कर रही है. आखिर परिवहन व यातायात पुलिस की नींद कब टूटेगी और इन तेज रफ्तार हवा से बात करने वाली सीएनजी ऑटो की रफ्तार पर कब ब्रेक लगायी जायेगी, लोगों के लिए यह एक बड़ा सवाल हो गया है. लगातार लोगों की मौत हो रही है और कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर और कितने मौत के बाद इसके लिए जिम्मेदार विभागों की नींद टूटेगी. जिले में एनएच-219 यानी भभुआ-मोहनिया सड़क पर तो सीएनजी ऑटो की रफ्तार और अनियंत्रित होने से पिछले 10 महीनों में अधिवक्ता,पेशकार और छात्र सहित पांच लोगों की जान जा चुकी है. लेकिन,ट्रैफिक या परिवहन विभाग इन मौतों को रोकने के ठोस उपाय की जगह वाहनों के धर-पकड़ तक ही सीमित रह जा रही है. इधर, वाहनों की तेज रफ्तार के कारण कई लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं. इसके चलते हर दिन घर से बाहर निकलने वाले लोगों के परिजनों को अशुभ आशंका की चिंता लगी रहती हैं कि उनके परिजन सुरक्षित घर लौट भी आयेंगे या नहीं. अधिवक्ता, व्यवसायी और छात्र की जा चुकी है जान गौरतलब है कि पिछले 11 महीने में भभुआ-मोहनिया मुख्य सड़क पर सीएनजी ऑटो के तेज रफ्तार से एक अधिवक्ता, व्यवसायी और प्रतियोगी परीक्षा देकर लौट रहे छात्र सहित पांच लोगों की जान असमय जा चुकी है. हाल फिलहाल 30 नवंबर को वाराणसी से रेलवे भर्ती की परीक्षा देकर लौट रहे 20 वर्षीय छात्र सोनहन थानाक्षेत्र के सोहसा गांव निवासी दीपांशु कुमार दुबे की सीएनजी ऑटो के पेड़ से टकराने से घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. जबकि, इसके पूर्व छह सितंबर को अखलासपुर पटिया के समीप तेज रफ्तार से आ रहे सीएनजी ऑटो के धक्के से बाइक सवार कामता गांव निवासी नीतीश कुमार नामक युवक की मौत हो गयी. 23 मई को बबुरा पुल पर ट्रैक्टर को ओवरटेक करने में रफ्तार में रहे ऑटो पर ट्रैक्टर की ट्रॉली पर लदा ईंट पलट गया, जिसके नीचे दबकर ऑटो में बैठी औरंगाबाद जिले के बारुण निवासी सागर चौधरी की 12 वर्षीय बेटी की मौत हो गयी. जबकि, इसी साल 19 जनवरी को सेमरिया गांव के समीप तेज रफ्तार और अनियंत्रित हुए सीएनजी ऑटो के पलटने से भभुआ सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अमरेंद्र पांडेय उर्फ टप्पू पांडेय और वार्ड 16 निवासी व्यवसायी परमेश्वर दयाल गुप्ता की दर्दनाक मौत हो गयी. अधिवक्ता की मौत के वक्त अधिवक्ताओं ने काफी आक्रोश जताया था और कचहरी रोड को जाम कर अधिवक्ताओं द्वारा सीएनजी ऑटो के रफ्तार पर नकेल कसने की मांग प्रशासन से की गयी थी, लेकिन समय बीतने के साथ ही कार्रवाई की बात प्रशासन के ठंडे बस्ते में चली गयी. = जल्दबाजी नहीं लेने दे रही दम जिले की सड़कों पर एक अजीब सी हड़बड़ी नजर आती है. हर कोई बेकरार है. रुकने का समय किसी के पास नहीं है. गाड़ी चल रही है, फिर भी जल्दबाजी लगता है. मानो सड़कों पर मौत ओवरटेक कर रही हो. वैसे शहर में भी में गाड़ी खास कर सवारी वाहन चलानेवालों का तो अपना ही मिजाज है. ड्राइवर ने जहां यात्री देखी अपने वाहन वहीं रोक दी, वहीं स्टैंड भी बन गया. सभी की अपनी मर्जी, इसके भुक्तभोगी भी सभी हैं. थोड़ी सी हड़बड़ी और लापरवाही लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है. = सीएनजी ऑटो से मोहनिया आने-जाने में लगता है भय – प्रतिदिन केस के सिलसिले में भभुआ और मोहनिया कोर्ट में आना-जाना होता है, लेकिन सीएनजी ऑटो की रफ्तार से हर दिन भय लगा रहता है कि कही किसी दिन कोई अप्रिय घटना न हो जाये और वह घर सुरक्षित लौट पायेंगे या भी नहीं. परिवार के लोग भी अक्सर सीएनजी ऑटो से मोहनिया आने जाने से मना कर रहे है. प्रशासन को चाहिए कि ऑटो चालकों के लिए स्पीड लिमिट की जाये, ताकि लोग सुरक्षित यात्रा कर सके. राधेश्याम तिवारी, अधिवक्ता – सड़कों पर सीएनजी ऑटो की रफ्तार पर लगाम लगाने की सख्त जरूरत है. आये दिन लोग इनका शिकार बन रहे है, लेकिन प्रशासन इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है. इसके चलते सीएनजी ऑटो चालक भी टाइमिंग पकड़ने में मनमानी कर रहे है. वीरेंद्र पांडेय, अधिवक्ता

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