सड़कों पर मौत बनकर तेज रफ्तार से दौड़ रहे सीएनजी ऑटो
जिले की विभिन्न सड़कों पर मौत बनकर सीएनजी ऑटो दौड़ लगा रहा है. इनकी तेज रफ्तार लगातार लोगों की जान ले रही है.
भभुआ कार्यालय. जिले की विभिन्न सड़कों पर मौत बनकर सीएनजी ऑटो दौड़ लगा रहा है. इनकी तेज रफ्तार लगातार लोगों की जान ले रही है. लेकिन, सरकार की तरफ से हर जिले में बनाया गया यातायात थाना व परिवहन विभाग आखिर कहां है, जो अपने तेज रफ्तार के कारण लोगों की जान ले रहा सीएनजी ऑटो चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. कुछ दिनों पहले इसी सीएनजी की रफ्तार के कारण एक वकील की जान चली गयी थी. इसके बाद लंबे समय तक भभुआ के वकीलों द्वारा सीएनजी ऑटो चालकों के खिलाफ कार्रवाई और उनकी रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए आंदोलन किया गया था. लेकिन, इसका भी कोई असर नहीं हुआ और उनके इस रफ्तार पर ब्रेक नहीं लगा और नतीजा यह है कि मौत का सिलसिला अभी लगातार जारी है. एक बार फिर शुक्रवार की रात को भभुआ-मोहनिया रोड पर रात में लगभग ढाई बजे मोहनिया से भभुआ आने के क्रम में एक तेज रफ्तार सीएनजी ऑटो पेड़ से जा टकराया, जिसमें परीक्षा देकर लौट रहे बेलांव थाना के सोहसा गांव निवासी लालू शंकर दुबे का 22 वर्षीय बेटा दीपांशु दुबे की मौत हो गयी और तीन लोग बुरी तरह से घायल हो गये. घायल लोगों ने बताया कि उक्त दुर्घटना सीएनजी के तेज रफ्तार के कारण हुई है. सीएनजी के आगे पीछे कोई गाड़ी नहीं थी. सीएनजी की रफ्तार इतनी तेज थी कि अचानक चलते-चलते वह अनियंत्रित हो गया और पेड़ से जा टकराया. इसके कारण ऑटो की अगले सीट पर ड्राइवर की बगल में बैठे 22 वर्षीय दीपांशु की उक्त दुर्घटना में घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. = बाइक चालकों से सिर्फ जुर्माना वसूलने में यातायात पुलिस व्यस्त सीएनजी की तेज रफ्तार से लगातार हो रही मौत से लोगों में प्रशासन व पुलिस के खिलाफ काफी आक्रोश है. लोगों का कहना है कि बैक टू बैक सीएनजी ऑटो चालक कम समय में अधिक पैसा कमाने के लिए अपनी तेज रफ्तार के कारण लोगों की जान ले रहे हैं और उस पर प्रशासन या पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सरकार की तरफ से इस तरह से नियम तोड़कर वाहन चलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई में यातायात नियमों के पालन को लेकर हर जिले में यातायात थाना खोला गया है. लेकिन, ऐसा लग रहा है कि यातायात थाने की पुलिस सिर्फ बाइक चालकों से जुर्माना वसूलना ही अपनी ड्यूटी समझ रही है. सुबह से शाम तक विभिन्न चौक चौराहों पर खड़ा होकर बाइक चालकों से यातायात नियम तोड़ने को लेकर जुर्माना वसूलते नजर आ जाती है. लेकिन, यह यातायात पुलिस कभी भी तेज रफ्तार से लगातार जान लेने वाले इन सीएनजी ऑटो चालकों के खिलाफ कार्रवाई करती नजर नहीं आती है. इसका नतीजा है कि बेखौफ सीएनजी ऑटो चालक अपना नंबर पाने के लिए कार से भी तेज चलते हैं और अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होते हैं, जिसमें लोगों की जान चली जाती है. लोगों का कहना है कि यातायात पुलिस बाइक चालकों से यातायात नियम तोड़ने को लेकर जुर्माना वसूलने को लेकर जितना तत्पर दिख रही है, उतना ही इन ऑटो चालकों व अन्य वाहन जो यातायात नियमों को तोड़कर लगातार लोगों की जान ले रहे हैं उनके ऊपर भी कार्रवाई करें. 80 से 100 की रफ्तार में दौड़ रहा सीएनजी ऑटो भभुआ-मोहनिया रोड सहित अन्य सड़कों पर अधिकतर पैसेंजर के लिए तीन सीट वाले सीएनजी ऑटो चल रहे है. खास बात यह है कि यह तीन सीटर सीएनजी ऑटो वाले पीछे तीन लोगों को बैठने के बाद दो लोगों को अगली सीट पर अपने दोनों तरफ बैठा लेते हैं, जिसके बाद उक्त सीएनजी ऑटो पर कुल छह लोग हो जाते हैं, इसके बाद भी 80 से 100 की रफ्तार में सड़कों पर दौड़ लगाते हैं. क्योंकि उन्हें अधिक से अधिक नंबर पकड़ने व फेरा लगाने की जल्दीबाजी रहती है. तीन चक्के पर जब 80 से 100 की रफ्तार में सड़कों पर दौड़ लगाता है तो कभी भी अनियंत्रित हो जाता है और या तो बगल की चाट में गिरता या पेड़ से टकराता है या फिर किसी दूसरी गाड़ी से टकरा जाता है. इसमें आये दिन लोगों की जान जा रही है या फिर गंभीर रूप से जख्मी हो रहे हैं. सीएनजी ऑटो पर पैसेंजर की ओवरलोडिंग व उनकी तेज रफ्तार दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है. = परिवहन विभाग कार्रवाई के नाम पर कर रहा है सिर्फ खानापूर्ति जो स्थिति यातायात पुलिस की है, वही स्थिति परिवहन विभाग की भी है. परिवहन विभाग भी लगातार जान ले रहे सीएनजी ऑटो चालकों को लेकर पूरी तरह से लापरवाह दिख रहा है. परिवहन विभाग कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते दिख रहा है. कार्रवाई के नाम पर महीने में एक-दो दिन परिवहन विभाग के अधिकारी व कर्मी सड़कों पर उतरते हैं एवं कार्रवाई की औपचारिकता पूरा कर उसका फोटो विभिन्न ग्रुप व मीडिया में भेज देते हैं. इसी से अपने जिम्मेदारियों की इतिश्री कर देते हैं. परिवहन विभाग द्वारा कभी भी योजनाबद्ध तरीके से इनके खिलाफ अभियान चला कर कार्रवाई नहीं की जाती है. इसका नतीजा है कि अभी तक सीएनजी ऑटो चालकों द्वारा कई लोगों की जान लिया जा चुका है और कई लोगों को अपंग बनाकर उनके घर इन लोगों द्वारा बैठा दिया गया है. यही स्थिति रही तो आगे भी यह सीएनजी ऑटो चालक कई और लोगों की जान लेते रहेंगे. = क्या कहते हैं डीएम डीएम सावन कुमार ने सीएनजी की रफ्तार से लोगों की जा रही जान को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्होंने बताया कि इस मामले को मेरे द्वारा गंभीरता से लिया गया है. मैं सोमवार को इसे लेकर परिवहन विभाग में यातायात पुलिस के लोगों की बैठक बुलाया हूं. इसमें इस पर कैसे रोक लगायी जाये और ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने को लेकर रूपरेखा तैयार की जायेगी.
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