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सामुदायिक शौचालय बदहाल, न पानी की सुविधा न बेसिन

शौचालय व स्वच्छता की आड़ में जिले में लूट मची हुई है. सभी प्रखंडों की एक पंचायत में दो स्थानों पर कराये गये सामुदायिक शौचालय के निर्माण में बड़े पैमाने पर लूट खसोट किया गया है और प्रशासन के लोग मूकदर्शक बने सब कुछ देख रहे है.

मोहनिया सदर. शौचालय व स्वच्छता की आड़ में जिले में लूट मची हुई है. सभी प्रखंडों की एक पंचायत में दो स्थानों पर कराये गये सामुदायिक शौचालय के निर्माण में बड़े पैमाने पर लूट खसोट किया गया है और प्रशासन के लोग मूकदर्शक बने सब कुछ देख रहे है. हद तो तब हो गयी जब अपनी सभी खामियों पर पर्दा डालते हुए कुछ पंचायतों में मानक के विपरीत बने सामुदायिक शौचालयों में पानी व बेसिन की सुविधा मुहैया कराये बिना ही अपना पीछा छुड़ाते हुए जैसे-तैसे उसे उपयोग के लिए पंचायत को समर्पित कर दिया गया. इतना ही नहीं जिन निम्न तबके के लोगों में व्यवहार परिवर्तन के लिए महादलित बस्ती में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है, उसमें भोखरी पंचायत के केशवपुर (बहदुरा) इसका जीवंत उदाहरण है. इसमें आज तक शौचालय की सीट तक नहीं लगाया गया. शौचालय की टंकी निर्माण के लिए खोदाई किये गये गड्ढे को लोगों ने इस लिए भर दिया कि कहीं इनके बच्चे बरसात में इसमें डूब न जाये. संभवतः कैमूर सूबे का पहला जिला है, जहां पंचायतों में कराये गये सामुदायिक स्वच्छता परिसर के निर्माण में प्रखंड प्रशासन को दरकिनार कर उस समय जिला के एक वरीय पदाधिकारी ने सीएससी के निर्माण की पूरी जिम्मेदारी अपने एक करीबी व्यक्ति के हाथों में सौंप दिया था. प्रत्येक सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर तीन लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान है. लेकिन, यहां तो मानक व अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के आदेश को ताख पर रखकर निर्माण कराया गया है. अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि प्रति सामुदायिक स्वच्छता परिसर में कम से कम छह से आठ सीट शौचालय की रहेगी, लेकिन बहुत कम ही सीएससी में चार से अधिक सीट शायद देखने को मिलेगी. पुरुष व महिला के लिए अलग- अलग दो स्नानागार होना चाहिए, यहां सीएससी में केवल एक स्नानागार बनाया गया है. हाथ धोने के लिए नल युक्त बेसिन होना चाहिए, जो किसी सीएससी में नहीं है. सीएससी में पानी की उपलब्धता जो अनिवार्य की गयी हैं, शायद ही किसी सीएससी में देखने को मिले. कई सीएससी के दरवाजे टूटे पड़े है, तो कई की छतों से बरसात में पानी टपकता है, कई अभी तक अधूरे पड़े है. सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि पंचायतों में बिना मानक के बनाये गये इन सीएससी को पंचायतों को हस्तगत कराने का आदेश भी उप विकास आयुक्त ने डीपीआरओ सहित सभी बीडीओ को विगत 4 फरवरी 2022 को दे दिया था, जबकि जिले के सभी 11 प्रखंडों में से 10 प्रखंडों की 119 पंचायतों में 219 स्थानों पर सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण कराया गया है, जिसमें लगभग सभी का निर्माण नियमों को अनदेखी कर कराया गया है. आज अपनी खामियों पर पर्दा डालने के लिए जिला प्रशासन जैसे-तैसे इन सामुदायिक शौचालयों को पंचायतों को हस्तगत करा कर अपना पीछा छुड़ा रहा है. # क्या है अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी का आदेश सामुदायिक स्वच्छता परिसर के निर्माण को लेकर 12 मई 2020 को अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रौशन ने सभी जिलाधिकारी को पत्रांक बीआरएलपीएस/ एलएसबीए/ प्रोजे/ 18/17/31 जारी किया था. इसमें लिखा गया है कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंतर्गत राज्य को खुले में शौच से मुक्त बनाये रखने व व्यवहार परिवर्तन के स्थायित्व के लिए महादलित, दलित बाहुल्य टोला, बसावटों में सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कराया जा रहा है. इसके लिए पूर्व में अधिकतम दो लाख रुपये खर्च करना था, जिसमें 90 फीसदी राशि एसबीएम (जी) के मद से व 10 फीसदी राशि कम्युनिटी कंट्रीब्यूशन से प्रावधानित है. लेकिन, अब पत्र के माध्यम से पेयजल व स्वच्छता विभाग जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर बनने वाले सामुदायिक स्वच्छता परिसर के निर्माण के लिए फाइनेंशियल असिस्टेंस की राशि को बढ़ाकर तीन लाख तक कर दिया गया है. यह आदेश पहली अप्रैल 2020 से लागू किया गया है, जिसमें ग्राम पंचायत द्वारा 30 प्रतिशत यानी 90 हजार 15 वीं वित्त आयोग अनुदान से व शेष 70 प्रतिशत यानी दो लाख 10 हजार रुपये एसबीएम (जी) फेज-2 मद से खर्च किया जायेगा. सामुदायिक स्वच्छता परिसर के निर्माण के बाद इसके संचालन व रखरखाव की जिम्मेदारी का निर्वहन संबंधित समुदाय व ग्राम पंचायत द्वारा किया जायेगा. सामुदायिक स्वच्छता परिसर में प्रति यूनिट कम से कम 6 से 8 सीट युक्त शौचालय, पुरुष व महिला के लिए अलग-अलग स्नानागार, हाथ धोने के लिए नल युक्त बेसिन तथा पानी की अनिवार्य व्यवस्था आवश्यक है. करीबी लोगों के निजी जमीन पर कराया सामुदायिक शौचालय निर्माण हद तो तब हो गयी जब यह मामला सामने आया कि सामुदायिक स्वच्छता परिसर के निर्माण के लिए संबंधित अधिकांश अंचलाधिकारियों से एनओसी तक नहीं लिया गया है. संवेदक ने कहीं अपने करीबी लोगों के निजी जमीन में, तो कहीं सरकारी जमीन पर ही गलत, सही स्थानों का चयन कर बिना एनओसी लिए मनमाने ढंग से ही सरकार की राशि को खर्च कर दिया. विभागीय सूत्रों की माने तो रामगढ़ प्रखंड की सिसौड़ा पंचायत के किशुनपुरा में संवेदक ने अपने एक करीबी के कब्जे वाली जमीन पर ही सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा दिया, जिसमें वे लोग कभी महादलित वर्ग के लोगों को शौच के लिए जाने ही नहीं देंगे. ऐसा मामला प्रशासन तक भी पहुंच चुका है. इतना ही नहीं विभागीय सूत्रों की माने तो सामुदायिक शौचालय निर्माण पर खर्च की जाने वाली 70 फीसदी राशि एसबीएम (जी) से करना था, उस राशि का अग्रिम भुगतान एक कार्यपालक अभियंता को कर दिया था. हालांकि 15वीं वित्त से होने वाले 30 प्रतिशत राशि का भुगतान अधिकांश पंचायतों के मुखियाओं ने कर दिया, लेकिन कुछ मुखियाओं ने अभी भी 30 प्रतिशत राशि का भुगतान नहीं किया है. उस समय जिला प्रशासन के दबाव में आकर कई प्रखंड विकास पदाधिकारियों ने उन मुखियाओं पर भी दबाव बनाना शुरू कर दिया था, जिन्होंने सामुदायिक शौचालय के निर्माण के लिए 15 वीं वित्त से भुगतान की जाने वाली 30 प्रतिशत राशि का भुगतान नहीं किया. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह सामुदायिक शौचालय के निर्माण में दूध में पानी नहीं बल्कि पानी में दूध मिलाने का काम किया गया है. जिला प्रशासन द्वारा इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की बजाय अपने पदाधिकारी के कारनामों पर मिट्टी डालने का कार्य किया जा रहा है. इस तरह यदि 10 प्रखंडों की 119 पंचायतों के 219 गांवों में बनाये गये सामुदायिक स्वच्छता परिसर पर 6 करोड़ 57 लाख रुपये खर्च किया जाना था, लेकिन इसमें बंदरबांट कर लिया गया. # प्रखंडवार सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण # भभुआ प्रखंड # भभुआ प्रखंड की बारे डिहरा पंचायत के असराढ़ी, मचियांव में, सिकठी पंचायत के अकरी, बहेरी में, रुईयां पंचायत के कलौंज, सिलडी में, रतवार पंचायत के दलिपपुर, शिवपुर में, मींव पंचायत के शिवपुर, सेमरियां में, महुआरी पंचायत के बरहुली, पचगांवा में, कैथी पंचायत के पंची में, डुमरैथ पंचायत के खैरा में, अखलासपुर पंचायत के अखलासपुर में, कुड़ासन पंचायत के कुड़ासन में, मोकरी पंचायत के मोकरी में, दुमदुम पंचायत के गोड़हन, दुमदुम में, कोहारी पंचायत के भदारी, परपातीपुर में, मनिहारी पंचायत के अमरहा, खनाव में, रुपपुर पंचायत के जिगनी, रुपपुर में, बहुअन पंचायत के कोरी, पनगईयां में, सोनहन पंचायत के ओदार व खजुरियां में कराया गया है. इस प्रकार उक्त प्रखंड की 17 पंचायतों में 29 स्थानों पर बनवाया गया है. # भगवानपुर प्रखंड भगवानपुर प्रखंड की रामगढ़ पंचायत के मुंडेश्वरी, रामगढ़ में, जैतपुर पंचायत के रमावतपुर, बुच्चा में, पहड़ियां पंचायत के गौरी में निर्माण कराया गया है. इस प्रखंड की तीन पंचायतों में पांच स्थानों पर बनवाया गया है. # चैनपुर प्रखंड चैनपुर प्रखंड की सिकंदरपुर पंचायत के पुरुषोत्तमपुर, सिकंदरपुर में, मदुरना पंचायत के मदुरना-1, मदुरना-2 में, अमांव पंचायत के लोदीपुर, अमांव में, करजांव पंचायत के करजी, करजांव में, हाटा पंचायत के दूबे के सरैयां में, उदयरामपुर पंचायत के खड़ौरा, उदयरामपुर में, चैनपुर पंचायत के मलिक सराय, चैनपुर हरसूब्रह्म में, सिरबिट पंचायत के कुरई, सिरबिट में, जगरियां पंचायत के चन्दा में, बिउर पंचायत के गाजीपुर, बिउर में, रामगढ़ पंचायत के इस्माइलपुर, रमौली में, मेढ़ पंचायत के तेनौरा, धरहरा में, इसियां पंचायत के मदरा, खरगीपुर में, नन्दगांव पंचायत के नरसिंहपुर, परसियां में, बढौना पंचायत के कोइनी व गुलडिहा में, इस प्रखंड की 15 पंचायतों में 28 स्थानों पर बनवाया गया है. # रामपुर प्रखंड रामपुर प्रखंड की भितरीबांध पंचायत के भितरीबांध में, जलालपुर पंचायत के बसिनी, बिजरा में, बेलांव पंचायत के नौहट्टा में, पसाई पंचायत के खजुरा में, कुड़ारी पंचायत के सिसवार, तेन्दुआ में, बड़कागांव पंचायत के गमहरियां, बड़कागांव में, अमांव पंचायत के लालापुर में, इस प्रखंड की सात पंचायतों में 10 स्थानों पर बनवाया गया है. # चांद प्रखंड# चांद प्रखंड की सिरहिरा पंचायत के कुढनू, सिरहिरा में, लोहदन पंचायत के दिवाने, लोहदन में, सौखरा पंचायत के हमीदपुर, सोंगर में, बिउरी पंचायत के बिउरी, बिउरी कालोनी में, भरारीकला पंचायत के ढेहुआ, बसहा में, शिवरामपुर पंचायत के महदाइच, पतेरी में, कुड्डी पंचायत के खराटी, बरांव में, चांद पंचायत के कोनहरा, किलनी में, पाढ़ी पंचायत के बकछरा, बहदुरा में, गोंई पंचायत के गोंई में, दुल्ही पंचायत के बहेरीयां, दुल्ही में, चौरी पंचायत के केसरी, गेंहुआं में निर्माण कराया गया है. इस प्रखंड की 12 पंचायतों में 23 स्थानों पर बनवाया गया है. # मोहनिया प्रखंड मोहनिया प्रखंड की भरखर पंचायत के भरखर, टेकारीकला में, अमेठ पंचायत के अमेठ, मुठानी में, बघिनी पंचायत के अधवार, बघिनी में, पानापुर पंचायत के सोंधी, सराय में, मुजान पंचायत के लहुरबारी, परशुरामपुर में, कटराकला पंचायत के बघिनीकला, कटराकला में, डंडवास पंचायत के हरनाथपुर, डंडवास में, भोखरी पंचायत के केशवपुर (बहदुरा), खुर्दगौरा में, अकोढ़ीमेला पंचायत के जिगीना, इदिलपुर में, कठेज पंचायत के मझाड़ी, कठेज में, शहबाजपुर पंचायत के समहुता, अतरवलियां में, भिट्टी पंचायत के बड़की पुसौली, भिट्टी में, बढुपर पंचायत के बढुपर-1, बढुपर-2 में, बम्हौरखास पंचायत के बम्हौर मुसहर टोली में, अकोढ़ी पंचायत के कुरई वार्ड 06, कुरई वार्ड 07 में, उसरी पंचायत के मुबारकपुर में, दादर पंचायत के मामादेव में निर्माण कराया गया है. इस प्रखंड की 17 पंचायतों में 31 स्थानों पर बनवाया गया है. # दुर्गावती प्रखंड दुर्गावती प्रखंड की खड़सरा पंचायत के महमुदगंज, धनेछा में, छांव पंचायत के भेरियां, सुडिया में, कर्णपुरा पंचायत के डिड़खिली, कलवरियां में, सावठ पंचायत के दुर्गावती, सावठ में, धड़हर पंचायत के कुड़ारी, बडुरी में, अवर्हिया पंचायत के अवर्हिया, दुहरा में, कल्याणपुर पंचायत के मिश्रपुरा, मंसूरपुर में, जेवरी पंचायत के जेवरी, करारी में, खजुरा पंचायत के खजुरा, कर्मनाशा में, मसौढ़ा पंचायत के नुआंव, घिनहुपट्टी में, चेहरियां पंचायत के चेहरियां-1, चेहरियां-2 में, खामीदौरा पंचायत के गोरार, इसरी में, डुमरी पंचायत के पचिलखी व बिछियां में निर्माण कराया गया है. इस प्रखंड की 13 पंचायतों में 26 स्थानों पर बनवाया गया है. # नुआंव प्रखंड नुआंव प्रखंड की मुखरांव पंचायत के अहिरौली, वन के बहुआरा में, चंडेश पंचायत के चंडेश, कोनहरा में, कोटा पंचायत के कोटा, सेराज के डेरा में, दुमदुमा पंचायत के गुड़िया, दुमदुमा में, सातोअवंती पंचायत के सागरपुर, गोड़ियारी में, नुआंव पंचायत के भोगनपुर, खुदरा में, अखिनी पंचायत के मोहरा, तियरा में, तरैथा पंचायत के दरौली, तरैथा में, पंजरांव पंचायत के पंजरांव, बढ़ारी में, अकोल्ही पंचायत के बड्ढा, अकोल्ही में निर्माण कराया गया है. इस प्रखंड की 10 पंचायतों में 20 स्थानों पर बनवाया गया है. # रामगढ़ प्रखंड रामगढ़ प्रखंड की मसाढ़ी पंचायत के भतौनी में, अहिवास पंचायत के उपरी, महुआरी में, सिझुआं पंचायत के ठकुरा, कलानी में, सिसौढ़ा पंचायत के किशुनपुरा, सिसौढ़ा में, बन्दीपुर पंचायत के अकोढ़ी महाबीर मंदिर, अकोढ़ी में, नोनार पंचायत के लसड़ा मुसहर बस्ती, छेवरी में, बड़ौरा पंचायत के बड़का दुआर, सामुदायिक भवन में, महुअर पंचायत के छेरावरी मंदिर, जन्दहां में, मसाढ़ी पंचायत के मसाढ़ी मंदिर, डरवन पंचायत के मुसहर टोली में, देवहलियां पंचायत के रहारी में, सहुका पंचायत के सहुका में निर्माण कराया गया है. इस प्रखंड की 12 पंचायतों में 19 स्थानों पर बनवाया गया है. # कुदरा प्रखंड कुदरा प्रखंड की सलथुआं पंचायत के रतिचक, किशनपुरा में, नेवरास पंचायत के ओइसा, नेवरास में, खरहना पंचायत के बहुआरा, सारोडीह में, मेउड़ा पंचायत के छोटका कझार, मेउड़ा में, सकरी पंचायत के डिहरा, गोलऊडीह में, जहानाबाद पंचायत के रविदास मंदिर, कुदरा वार्ड 14 में, चिलबीली पंचायत के लालापुर, कुदरा बाजार में, पंचपोखरी पंचायत के मोकरम, गुरुड़ा में, ससना पंचायत के ओझवलियां, डुमरी में, सिसवार पंचायत के बुड़हर, सरेयां में, भदौला पंचायत के जरुहा, गंगवलियां में, देवराढ़कला खुर्द पंचायत के गजरिहां, वैद्यनाथपुर में, घटांव पंचायत के पट्टी, फकराबाद में, डेरवां पंचायत के डेरवां व धनाढ़ी में निर्माण कराया गया है. इस प्रखंड की 14 पंचायतों में 28 स्थानों पर सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कराया गया है.

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