पाल होटल हादसे की शिकार हुई महिला सिपाही प्रियंका का शव नहीं लाया जा सका घर

पटना के पाल होटल अगलगी के हादसे की शिकार हुई भभुआ प्रखंड के अखलासपुर गांव निवासी और समस्तीपुर जिले के रोसड़ा जेल में तैनात महिला कांस्टेबल प्रियंका कुमारी का शव जलने और क्षत विक्षत हो जाने की वजह से उसके शव को घर नहीं लाया जा सका.

By Prabhat Khabar News Desk | April 28, 2024 9:50 PM

भभुआ सदर. 25 अप्रैल को पटना के पाल होटल अगलगी के हादसे की शिकार हुई भभुआ प्रखंड के अखलासपुर गांव निवासी और समस्तीपुर जिले के रोसड़ा जेल में तैनात महिला कांस्टेबल प्रियंका कुमारी का शव जलने और क्षत विक्षत हो जाने की वजह से उसके शव को घर नहीं लाया जा सका. रविवार को महिला सिपाही का पटना के बांस घाट पर ही परिजनों और प्रशासन की मौजूदगी में दाह-संस्कार कर दिया गया. गौरतलब है कि 25 अप्रैल को पाल होटल में लगी आग से जले एक महिला व पुरुष के शव की पहचान नहीं हो रही थी. हालांकि, जांच के क्रम में महिला के पास से मिले पर्स और वर्दी वाले फोटो से उसकी पहचान कर उसके घरवालों को सूचित किया गया. सूचना पर शनिवार को मृतका के भाई संजय सिंह, मुन्ना सिंह और राकेश सिंह सहित अन्य परिजन पटना पीएमसीएच पहुंचे और शव की शिनाख्त की. इधर, शव की शिनाख्त हो जाने के बाद अखलासपुर स्थित घर पर रविवार को लोगों की भीड़ रही. लोग शव के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन दोपहर में जानकारी मिली कि शव की अवस्था सही नहीं रहने के चलते उसे घर नहीं लाया जा सकता. = चैत्र नवरात्र में आयी थी अखलासपुर स्थित अपने घर पाल होटल हादसे की शिकार हुई महिला सिपाही वर्ष 2017 में कारा सिपाही के पद पर चयनित हुई थी, फिलहाल वह रोसड़ा जेल पर तैनात थी. मृतका के भाई अजय सिंह ने बताया कि चैत्र नवरात्र में 15 अप्रैल को छुट्टी लेकर वह घर आयी थी. छुट्टी समाप्त होने के बाद वह 24 तारीख की सुबह पटना गयी थी और फिर वहां से उन्हें समस्तीपुर जिला स्थित रोसड़ा जेल अपने ड्यूटी पर जाना था. लेकिन, 25 अप्रैल को ड्यूटी पर उसके नहीं पहुंचने पर वहां से फोन आया कि वह ड्यूटी पर नहीं पहुंची है और उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ है. इसके बाद उनलोगों द्वारा भभुआ थाने में गुमशुदगी का आवेदन दिया गया था, लेकिन 26 अप्रैल को देर शाम सूचना मिल गयी कि पाल होटल में लगी आग में जलने से उसकी मौत हो गयी है. = नाश्ता करने जाने के दौरान हो गयी हादसे का शिकार मृत महिला सिपाही के बड़े भाई अजय सिंह के अनुसार, उनलोगों को जानकारी मिली कि 25 तारीख को वह ड्यूटी पर जाने से पहले पाल होटल में नाश्ता करने गयी थी. इसी दौरान वहां लगी आग की चपेट में आने से जलकर उसकी मौत हो गयी. बुरी तरह से जल जाने से शव की पहचान नहीं हो रही थी, लेकिन अंतत: घटना के अगले दिन शाम तक शव के पास से मिले पर्स और महिला सिपाही के आई कार्ड से पहचाना हो गयी तो उनलोगों को इसकी सूचना दी गयी और शव के पहचान के लिए उन्हें पटना बुलाया गया.

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