Kaimur News: कैमूर के भभुआ के चैनपुर थाना क्षेत्र के बडीहां गांव से 29 दिसंबर को 4.500 लीटर महुआ शराब रखकर बेचे जाने के मामले में गिरफ्तार किए गए 83 वर्षीय भोला यादव को भभुआ व्यवहार न्यायालय एक्साइज- वन के कोर्ट द्वारा साक्ष्य के अभाव में जेल भेजने से इनकार करते हुए रिमांड अस्वीकृत कर दिया गया . मामले में प्राथमिकी दर्ज करने वाले सब इंस्पेक्टर रामेश्वर उरांव से न्यायालय द्वारा जवाब भी तलब किया गया है. यह आदेश भभुआ व्यवहार न्यायालय की एक्साइज वन कोर्ट के प्रभारी अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह के द्वारा जारी किया गया है. न्यायालय द्वारा पुलिस के जेल भेजने के आग्रह को अस्वीकृत किए जाने के बाद उन्हें 10000 के बंधपत्र पर छोड़ दिया गया है.
जानें मामला
चैनपुर थाने में दर्ज प्राथमिक संख्या 473/ 24 के मुताबिक के जब सब इंस्पेक्टर रामेश्वर उरांव 29 दिसंबर की सुबह करीब 8:00 बजे गस्ती कर रहे थे तब चैनपुर थानेदार के द्वारा यह सूचना दी गई की बडीहां गांव के रघुनाथ यादव के पुत्र भोला यादव अपने घर के सामने राख के ढेर में शराब छुपा कर रखते हैं. वो चोरी छुपे शराब की बिक्री करते हैं. इस सूचना पर रामेश्वर उरांव अन्य पुलिस बल के साथ वहां छापेमारी करने पहुंचे तो पुलिस को देखकर 83 वर्षीय भोला यादव भागने लगे जिन्हें अन्य पुलिस बल के मदद से पीछा कर पकड़ा गया. उनके घर के सामने राख के ढेर से 4.500 लीटर महुआ शराब बरामद किया गया.
वीडियो फुटेज में क्या मिला
इसके बाबत जब भोला यादव से पूछा गया तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. पुलिस द्वारा पूरे घटना का वीडियो ग्राफी भी कराई गई. इस प्राथमिकी और साक्ष्य के साथ 30 दिसंबर को भोला यादव को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के लिए चैनपुर पुलिस द्वारा एक्साइज वन के कोर्ट में पेश किया गया. एक्साइज वन के प्रभारी न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह द्वारा अभियुक्त भोला यादव की रिमांड के लिए पेशी के दौरान पुलिस के द्वारा बनाए गए वीडियो फुटेज के अवलोकन में यह पाया कि पकड़ा गया शराब अभियुक्त भोला यादव की घर से या फिर उसके पास से बरामद नहीं किया गया है. शराब की बरामदगी अभियुक्त के घर के बाहर राख की ढेर से किया गया है. जबकि प्राथमिक में यह लिखा गया है कि पुलिस को देखकर अभियुक्त भागने लगा और उसे पीछा कर काफी मशक्कत के बाद पकड़ा गया.
न्यायालय का आदेश, पुलिस को देना होगा जवाब
अभियुक्त की उम्र 83 वर्ष है और वह चलने फिरने में असमर्थ है साथ ही पुलिस द्वारा बनाए गए वीडियो फुटेज में यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि अभियुक्त यह कह रहा है कि इस शराब की उसे जानकारी नहीं है तथा उसे फंसाया जा रहा है. एक पड़ोसी से उसका जमीनी विवाद है वह पुलिस का काफी करीबी है. वही हमको फंसा रहा है और जमीनी विवाद का नोटिस भी दिखाया गया. ऐसे में अभियुक्त के खिलाफ जेल भेजने के लिए ठोस साक्ष्य नहीं होने के कारण रिमांड को अस्वीकृत किया जाता है एवं अभियुक्त भोला यादव को 10000 के बंध पत्र पर छोड़ा जाता है. साथ ही इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने वाले सब इंस्पेक्टर रामेश्वर उरांव से स्पष्टीकरण मांगी गई है. जिन्हें 10 दिनों में न्यायालय के द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण का जवाब देना है.
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